वाराणसी में रामलीला के मंच पर अश्लील डांस से मचा बवाल, आयोजकों ने मांगी माफी
वाराणसी में रामलीला मंच पर भोजपुरी गानों पर अश्लील डांस का वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया है। चेतगंज रामलीला में ताड़का वध के दौरान डांसरों ने ठुमके लगाए। आयोजकों ने सोशल मीडिया पर हंगामे के बाद माफी मांगी और कहा कि भविष्य में ऐसे घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएंगे।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। रामलीला के मंच पर भोजपुरी के अश्लील गीतों पर ठुमके लगाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से ही शहर में हड़कंप की स्थिति है। यह घटना चेतगंज थाना क्षेत्र के श्री चेतगंज रामलीला में हुई, जहां ताड़का वध के मंचन के दौरान भोजपुरी के अश्लील गानों पर डांसर के ठुमके वायरल हो गए।
हालांकि इस वीडियो के वायरल होने के बाद आयोजकों ने लोगों ने माफी मांगी है। दिख रहे वीडियो में राम लीला के पात्रों के ठीक आगे काली साड़ी में ठुमके लगाती नृत्यांगना को देखकर मंच से ही मर्यादा तार तार होते नजर आ रही है। इस डांस का किसी ने वीडियो बनाकर प्रसारित कर दिया तो मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम पर होने वाली लीला में अमर्यादित डांस की छीछालेदर शुरू हो गई।
रामलीला का यह आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, लेकिन इस बार मंच पर हुई अश्लीलता ने आयोजकों को शर्मिंदा कर दिया। वीडियो में कलाकारों को भोजपुरी के अश्लील गीतों पर नाचते हुए देखा जा सकता है, जो कि रामलीला के पवित्र माहौल के विपरीत है। इस प्रकार की गतिविधियों ने न केवल दर्शकों को बल्कि धार्मिक समुदाय को भी आहत किया है।
आयोजकों ने इस घटना पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि वे इस प्रकार की गतिविधियों को प्रोत्साहित नहीं करते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह एक गलती थी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएंगे। आयोजकों ने कहा कि रामलीला का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि धार्मिक शिक्षा और संस्कृति का प्रचार करना ही है। यह डांस नहीं होना चाहिए था, खासकर रामलीला के मंच पर।
इस घटना ने स्थानीय प्रशासन का ध्यान भी आकर्षित किया है। पुलिस ने आयोजकों से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाने की सलाह दी है। स्थानीय निवासियों ने भी इस घटना की निंदा की है और कहा है कि इस प्रकार की अश्लीलता को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
लोगों ने कहा कि रामलीला का मंच एक पवित्र स्थान है, जहां भगवान राम की लीलाओं का मंचन किया जाता है। ऐसे में इस प्रकार की अश्लीलता ने न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, बल्कि समाज में गलत संदेश भी दिया है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इस घटना की आलोचना की है और आयोजकों से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि सांस्कृतिक आयोजनों में अनुशासन और मर्यादा का पालन होना आवश्यक है। आयोजकों को चाहिए कि वे इस प्रकार की गतिविधियों पर ध्यान दें और सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो। रामलीला जैसे आयोजनों का उद्देश्य समाज में सकारात्मकता फैलाना है, न कि अश्लीलता को बढ़ावा देना।
इस प्रकार की घटनाएं समाज में एक गंभीर प्रश्न उठाती हैं कि क्या हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सही तरीके से संरक्षित कर पा रहे हैं। आयोजकों की माफी के बावजूद, यह घटना एक चेतावनी है कि हमें अपने सांस्कृतिक आयोजनों को पवित्र बनाए रखने की आवश्यकता है।
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