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    Varanasi: हाईवे और रिंग रोड किनारे होना है नई टाउनशिप का निर्माण, अब तक 700 किसानों ने दर्ज कराई आपत्ति

    By jayprakash pandeyEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Sun, 27 Aug 2023 06:34 PM (IST)

    Varanasi News हाईवे और रिंग रोड के किनारे प्रस्तावित नई टाउनशिप को लेकर किसानों का विरोध शुरू हो गया है। नोटिस मिलने के साथ किसान भेलूपुर स्थित आवास व ...और पढ़ें

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    हाईवे और रिंग रोड किनारे होना है नई टाउनशिप का निर्माण, अब तक 700 किसानों ने दर्ज कराई आपत्ति

    जागरण संवाददाता, वाराणसी : हाईवे और रिंग रोड के किनारे प्रस्तावित नई टाउनशिप को लेकर किसानों का विरोध शुरू हो गया है। नोटिस मिलने के साथ किसान भेलूपुर स्थित आवास विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता कार्यालय में अपनी आपत्ति जताने लगे हैं।

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    किसानों का कहना है कि हमारे पास जीविकोपार्जन का कोई साधन नहीं है। यदि हम किसानों की जमीन अधिग्रहण कर ली जाएगी तो हम कहां जाएंगे। हमारे परिवार के ज्यादातर सदस्य खेती से परिवार का खर्च चला रहे हैं। अभी तक आवास विकास कार्यालय में करीब 700 किसान अपनी आपत्ति दर्ज करा चुके हैं।

    मुआवजा राशि सार्वजनिक न करने पर किसानों की आपत्ति

    इनमें कई किसानों ने जमीन देने पर भी सहमति जताई लेकिन मुआवजा राशि सार्वजनिक नहीं किए जाने से उनकी आपत्ति है। वर्तमान बाजार मूल्य मिलने पर हम जमीन देने को तैयार है।

    शासन के निर्देश पर आवास विकास परिषद और वाराणसी विकास प्राधिकरण संयुक्त रूप से शहर से बाहर हाईवे और रिंग रोड के किनारे पांच नई टाउनशिप बसाने जा रहा है। 1129 खातेदारों के पांच हजार से अधिक किसानों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है।

    आवास विकास परिषद ने किसानों को भेजा नोटिस

    रिंग रोड फेज-दो के आसपास किसानों को आवास विकास परिषद ने नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। नोटिस मिलने के साथ किसानों में खलबली मच गई है।

    किसान धर्मेंद्र कुमार सिंह, बलवंत सिंह, सुरेंद्र नारायन सिंह, विजय सिंह, सतीश दुबे, महेंद्र यादव प्रधान, अमित सिंह प्रधान, राकेश सिंह प्रधान, संतोष सिंह ने कहा कि आवास विकास परिषद जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिस जारी कर रहा है लेकिन किस रेट में जमीन लेगा, क्या प्रक्रिया होगी, ऐसे किसी बात की जानकारी नहीं दे रहा है।

    यदि किसानों की जमीन जबर्दस्ती अधिग्रहण की गई तो हम कोर्ट जाने को विवश होंगे। किसानों के जीविका मुख्य साधन खेती है, ऐसे में किसानों की जमीन सरकार को अधिग्रहण नहीं करनी चाहिए।