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    वाराणसी में भारी वर्षा से 125 वर्ष का रिकार्ड टूट गया, मौसम विभाग ने जारी किया आरेंज अलर्ट

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 11:47 AM (IST)

    मौसम विभाग ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वाराणसी में शुक्रवार को 9 घंटों में 108.8 मिमी बारिश हुई जो 125 साल का रिकॉर्ड तोड़ सकती है। तापमान में गिरावट से ठंडक बढ़ गई है और निचले इलाकों में जलभराव हो गया है।

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    इस बारिश से धान की फसल को फायदा होगा, जबकि सब्जियों को नुकसान होने की आशंका है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में तीन द‍िनों से रह रहकर जारी बरसात का रुख शनि‍वार को भी तल्‍ख रहा। शुक्रवार की रात भर रह रहकर हुई बरसात के बाद शन‍िवार सुबह भी भारी बादल छाए रहे और कई क्षेत्रों में बूंदाबांदी का रुख बना रहा।  

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    विदाई की वर्षा ने इस बार नौ अक्टूबर 1900 को बीएचयू क्षेत्र में 138.9 मिमी का र‍िकार्ड तोड़ द‍ि‍या है। रात भर हुई बरसात के बाद से लगातार मौसम का रुख तल्‍ख बना हुआ है। साढ़े छह डिग्री तक गिरा अधिकतम तापमान तो मौसम में सिहरन ने गुलाबी ठंड का भी अहसास कराया है। 

    विदाई की बेला में मानसून जमकर ठहर गया है। बंगाल की खाड़ी से चला निम्न वायुदाब उत्तर-पश्चिम में बढते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश तक आ पहुंचा है। शुक्रवार को चहुंओर घनघोर घटा छाई रही और गरज-चमक तथा तेज हवा के संग बादलों ने कभी रिमझिम, कभी झमाझम फुहारों का ऐसा मौसम बनाया कि वर्षा 125 वर्षों का रिकार्ड शुक्रवार की देर रात तोड़ द‍िया है। 

    शुक्रवार की सुबह 8:30 से शाम के 5:30 बजे तक महज नौ घंटे में 108.8 मिमी पानी गिरा। इसके बाद भी वर्षा के लगातार जारी रहने से रात तक नौ अक्टूबर 1900 को अक्टूबर महीने में एक दिन में अब तक हुई सर्वाधिक वर्षा 138.9 मिमी का रिकार्ड टूट गया। इससे अधिकतम तापमान में 6.1 से 6.7 डिग्री सेल्सियस तक अधिकतम तापमान में गिरावट आई और वातावरण में सिहरन उत्पन्न हो गया।

    चहुंओर जलजमाव हो गया। इस वर्षा से धान की फसल को काफी फायदा पहुंचेगा जबकि सब्जियों की फसल को नुकसान होगा। भारतीय मौसम विभाग के लखनऊ स्थित आंचलिक कार्यालय ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए शनिवार को भी भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया है।

    बंगाल की खाड़ी में बना गहन अवदाब उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए गुरुवार को शाम को पांच बजे के आस-पास दक्षिणी ओडिशा तट को पार करने के बाद उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए कमजोर होकर शुक्रवार को सुबह 05:30 बजे आंतरिक ओडिशा पर अवदाब में बदल गया। इसके प्रभाव से पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में छाए घनघोर बादलों ने तापमान गिरा दिया। सुबह से आरंभ हुई वर्षा लगातार कभी कम कभी तेज होते हुए जारी रही। इससे नगर क्षेत्र में नौ घंटों में 108.8 मिमी पानी बरसा।

    टूट सकता है 125 वर्ष का रिकार्ड

    इस अवदाब के प्रभाव से बीएचयू क्षेत्र में अक्टूबर के महीने में एक ही दिन में नौ घंटों में हुई 108.8 मिमी. वर्षा, इस क्षेत्र में 125 वर्ष के अंतराल में सर्वाधिक वर्षा है। वर्षा के उपलब्ध इतिहास के आंकड़ों को देखने पर पता चलता है कि बीएचयू क्षेत्र में अक्टूबर माह में एक वर्ष में हुई सर्वाधिक वर्षा का रिकार्ड अब तक नौ अक्टूबर 1900 के नाम है।

    125 वर्ष पूर्व नौ अक्टूबर को इस क्षेत्र में 138.9 मिमी. वर्षा हुई थी। नौ घंटों के दर्ज किए गए 108.8 मिमी के आंकड़े के बाद दिन के समाप्त होने में 15 घंटे शेष थे और वर्षा लगातार कम-ज्यादा होते जारी थी। इससे 125 वर्ष पूर्व हुई वर्षा का रिकार्ड टूटने की संभावना बनी हुई थी। इसके पूर्व अक्टूबर माह में एक दिन में दूसरी सर्वाधिक वर्षा का रिकार्ड 48 वर्ष पूर्व बाबतपुर क्षेत्र के नाम है। उस क्षेत्र में चार अक्टूबर 1977 को 142.8 मिमी वर्षा हुई थी। शुक्रवार को बाबतपुर क्षेत्र में 24.8 मिमी पानी ही गिरा था। शनिवार को भी मौसम के इसी तरह बने रहने की संभावना है।

    बीएचयू के आवासों में भरा पानी, अनेक क्षेत्रों में जल जमाव

    लगातार वर्षा से जनजीवन प्रभावित रहा। नगर के अनेक क्षेत्रों में जलजमाव हो गया। बीएचयू के शिक्षक आवासों में भी पानी घ़ुस गया। त्योहारों के इस कालखंड में प्रमुख धार्मिक आयोजन भी प्रभावित हुए। बीएचयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. धीरेंद्र राय ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर स्थित भूतल के आवासों में पानी घुसने लगा है। अभी बिस्तर, अनाज, आदमी और किताबें सभी एक ही जगह अपनी ठौर रखे हुए हैं। फिलहाल सामान और आदमी कौन किसके ऊपर लदकर सोएगा इसका विमर्श घर में जारी है।

    धान को तो फायदा, पर सब्जी व फूलों को नुकसान

    कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी, प्रधान विज्ञानी डा. एनके सिंह ने बताया कि यह वर्षा धान की फसल के लिए वरदान है। इस समय धान में बालियों के आने का समय है, फसल को पानी की जरूरत होती है, इस वर्षा से लाभ होगा लेकिन फूलों और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा। डा. सिंह बने बताया कि इस वर्षा से अक्टूबर माह में पर्याप्त नमी हो जाएगी, इससे आगामी रबी की फसल की बोआई के लिए किसानों को सहूलियत होगी।

    अनेक क्षेत्रों में बिजली बाधित

    तेज हवा संग लगातार वर्षा से नगर सहित जनपद के अधिकांश क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित रही। इससे बरसात भरी रात में लोगों को अंधेरे में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। निचले क्षेत्रों में जलजमाव से आवागमन में भी दुश्वारियां उठानी पड़ीं।