वाराणसी में मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल का 3-डी मानचित्र तैयार, कैबिनेट की बैठक में मुहर संभव
वाराणसी के शिवप्रसाद गुप्त राजकीय चिकित्सालय में मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। पीडब्ल्यूडी ने 315 करोड़ रुपये के बजट वाला फाइनल 3-डी मानचित्र शासन को भेज दिया है। कैबिनेट की अगली बैठक में प्रस्ताव पास होते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शिलान्यास कराया जाएगा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल के लिए चयनित कार्यदायी संस्था पीडब्ल्यूडी ने फाइनल 3-डी मानचित्र तैयार कर शासन को भेज दिया है। इसमें करीब 315 करोड़ रुपये के बजट का आकलन किया गया है। साथ ही कांट्रैक्टर एजेंसी मदर्स प्राइड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को भी चयनित कर लिया गया है। कैबिनेट की अगली बैठक में प्रस्ताव पास होते ही। नींव निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बुलाकर जल्द ही शिलान्यास कराया जाएगा।
मंडल का सबसे बड़े सरकारी अस्पताल श्रीशिवप्रसाद गुप्त राजकीय चिकित्सालय में 5.5 एकड़ में बनने वाली सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं विकसित करने का चार साल पहले खाका खींचा गया। डेढ़ सौ साल पुराने अस्पताल को नौ मंजिला बनाने के लिए दो साल पहले 339.39 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी मिली, लेकिन फाइनल डीपीआर 315 करोड़ रुपये में तय हुआ है।
अस्पताल नित बदलती डिजाइन के पेंच से मुक्ति पा चुकी है। इस अस्पताल में मंडल के चार जिलों के साथ ही मीरजापुर मंडल के तीन जिलों से भी मरीज आते हैं। यहां आने वाले मरीजों की संख्या प्रतिदिन औसतन दो हजार तक होती है। वार्डों में साढ़े तीन सौ से अधिक मरीज भर्ती रहते हैं। जितनी जल्दी व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया जाएगा, उतना जल्दी पूर्वांचल के लोगों को लाभ मिलने लगेगा।
प्रथम फेज के लिए यह होगा धराशायी
प्रथम फेज में भूतल स्थित वार्ड-1 सर्जिकल वार्ड (24 बेड), वार्ड-2 सेप्टिक वार्ड (13 बेड), वार्ड-3 बर्न वार्ड (17 बेड), वार्ड-4 पार्किंग, वार्ड-5 आर्थोपेडिक वार्ड पुरुष (22 बेड), वार्ड-6 आर्थोपेडिक वार्ड महिला (16 बेड), वार्ड-7 मेडिसिन वार्ड पुरुष (28 बेड), इमरजेंसी वार्ड-1 (12 बेड), वार्ड-2 (10 बेड), वार्ड 3 (आठ बेड) शामिल है। इसके साथ ही सेमिनार हाल, टीकाकरण केंद्र, फिजियोथेरेपी हाल, रिकार्ड रूम, पंजीकरण काउंटर,
आरओए कक्ष को गिराया जाएगा। वहीं प्रथम तल स्थित वार्ड-8 पेइंग वार्ड (20 बेड), वार्ड-9 पेइंग वार्ड महिला (आठ बेड), वार्ड-10 प्राइवेट वार्ड (चार कमरे), वार्ड-11 पीएलसीयू (11 बेड), वार्ड-12 नेत्र वार्ड (12 बेड), वार्ड-13 बाल चिकित्सा वार्ड (18 बेड), वार्ड-4 कमरा-1 नेफ्रो वार्ड (12 बेड), कमरा-2 कार्डियक वार्ड (14 बेड), कमरा-3 डेंगू वार्ड (10 बेड), दवा वितरण केंद्र, डायलिसिस, सीटी स्कैन, स्टोर महिला वार्ड, दवा भंडार, प्रयोगशाला द्वितीय तल, वार्ड नंबर एक से चार तक गिराया जाएगा।
नए डीपीआर में
- बेसमेंट प्लस आठ मंजिला
- रेजिडेंस आवास जी-14
- सात मंजिला अष्टकोणीय होगा
- मल्टी स्पेशियलिटी हास्पिटल 500 बेड का होगा।
- पार्किंग में एक साथ 400 वाहन खड़े किए जा सकेंगे।
- हास्पिटल में नेफ्रो, कार्डियो, न्यूरो, गैस्ट्रो समेत स्पेशियलिटी के विभाग होंगे।
- विभागवार माड्यूलर ओटी व आइसीयू की भी सुविधा मिलने लगेगी।
1872 में स्थापित किया गया था अस्पताल
मंडलीय अस्पताल पहले जिला अस्पताल था। इसकी स्थापना 1872 में किंग जार्ज अष्टम ने की थी। वर्ष 1952 में तत्कालीन मुख्यमंत्री संपूर्णानंद ने इसे श्री शिवप्रसाद गुप्त चिकित्सालय नाम दिया। मंडल के इस सबसे बड़े अस्पताल में आसपास के जिलों से भी मरीज आते हैं। वर्तमान में क्षमता 316 बेड की है।आने वाले समय में यह 500 बेड का हो जाएगा।
प्रथम फेज में सीटी स्कैन, डायलिसिस, दोनों बर्न वार्ड, वार्ड नंबर एक, 11, 12 व 13 नंबर वार्ड, रैन बसेरा और लाउंड्री को तोड़ा जाएगा। इन सुविधाओं को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए। - डा. पुष्पा सिंह, नोडल अधिकारी, फेज वन निर्माण, मंडलीय चिकित्सालय कबीरचौरा।
नए मानचित्र को मंडलीय चिकित्सालय में भी स्थापित करा दिया गया है। कैबिनेट की अगली बैठक में स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। तीन फेज में पूरा कार्य होना है। 48 माह में कार्य पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है। डीपीआर की स्वीकृति मिलते ही आगे के कार्य शुरू कर दिए जाएंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई भी शुरू कर दी जाएगी। -डा. बृजेश कुमार, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, मंडलीय चिकित्सालय कबीरचौरा।
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