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    वाराणसी: मुआवजा न देने पर जल निगम कार्यालय सील, किसानों को 40 साल से इंतजार

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 09:08 AM (IST)

    वाराणसी में, भूमि अधिग्रहण के 40 साल बाद भी मुआवजा न देने पर जल निगम कार्यालय को सील कर दिया गया। सदर तहसील की टीम ने यह कार्रवाई न्यायालय के आदेश पर ...और पढ़ें

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    दीनापुर एसटीपी स्थित जल निगम का सील कार्यालय : जागरण 

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के दीनापुर एसटीपी स्थित अधिशासी अभियंता के प्रशासनिक कार्यालय को सदर तहसील की टीम ने बुधवार को सील कर दिया। जल निगम पर लगभग 40 वर्ष पूर्व भूमि अधिग्रहण कर किसानों का मुआवजा नहीं देने का आरोप है। सील की कार्रवाई न्यायालय भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन प्राधिकरण (लारा) के पीठासीन अधिकारी सत्यानंद उपाध्याय के आदेश पर किया गया।

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    एसटीपी दीनापुर के निर्माण के लिए वर्ष 1986 में सदर तहसील के दीनापुर ग्रामसभा में किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया। मुआवजे का विवाद न्यायालय में चला गया। स्थानीय न्यायालय ने किसानों के पक्ष में उचित मुआवजा देने का निर्णय दिया। इसके बावजूद किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया। 15 किसान मुआवजे के लिए हाई कोर्ट इलाहाबाद की शरण में चले गए।

    हाई कोर्ट ने भी 2015 के अपने फैसले में छह किसानों को स्थानीय न्यायालय के फैसले में से 10 प्रतिशत धनराशि घटाकर भुगतान करने का आदेश दिया। इसके बावजूद मुआवजे की धनराशि नहीं दी गई। मामला स्थानीय लारा कोर्ट में पहुंचा। इसकी सुनवाई करते हुए पीठासीन अधिकारी सत्यानंद उपाध्याय ने तीन नवंबर 2025 को अधिशासी अभियंता जल निगम के प्रशासनिक भवन को कुर्क कर धनराशि वसूली का आदेश दिया।

    इस मामले में एडीजीसी सिविल के प्रार्थना पत्र पर विभाग को नोटिस भेजा गया। इसके जवाब में तर्कों के साथ एडीजीसी ने भुगतान के लिए और समय की मांग की गई। पीठासीन अधिकारी ने जल निगम की तरफ से प्रस्तुत किए गए सभी तर्क को अश्विकार कर दिया। अपने तीन नवंबर के आदेश को कायम रखते हुए जिलाधिकारी को आदेश दिया कि कार्यालय सील कर अगली तिथि 11 दिसंबर तक रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करें।

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    इसी क्रम में एसडीएम ने कार्यालय सील कराकर न्यायालय के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत किया। इस मामले में सबसे चौकाने वाली बात है कि ज्यादातर किसानों की मुआवजा की मांग करते-करते मृत्यु हो चुकी है। उनके उत्तराधिकारी मुकेश कुमार मौर्य, मनोज कुमार मौर्य, प्रमोद कुमार, सुरेश प्रसाद, अवधेश कुमार आदि मुआवजे के लिए न्यायालयों का चक्कर लगा रहे हैं।



    लारा कोर्ट ने दीनापुर स्थित जल निगम के कार्यालय को सील करने का आदेश दिया था। उसी का अनुपालन करते हुए दीनापुर स्थित कार्यालय को सील कर दिया गया। इसके साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत कर दिए गए।

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    -नितिन सिंह-एसडीएम सदर।