Eye Flu: वाराणसी के अस्पतालों में आई फ्लू पीड़ितों के लिए अलग OPD, बचाव के लिए एडवाइजरी जारी
आई फ्लू का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए वाराणसी के मंडलीय चिकित्सालय व पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में आई फ्लू पीड़ितों के लिए अलग ओपीडी शुरू की गई है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस संबंध में निर्देश स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया था। इसका अनुपालन करने के साथ सोमवार को एडवाइजरी भी जारी की गई है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए मंडलीय चिकित्सालय व पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में आई फ्लू पीड़ितों के लिए अलग ओपीडी शुरू की गई है।
उप मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को दिया था निर्देश
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस संबंध में निर्देश स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया था। इसका अनुपालन करने के साथ सोमवार को एडवाइजरी भी जारी की गई है। इसमें सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने चिकित्सा अधीक्षक व स्वास्थ्य अधिकारियों को सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला स्तरीय अस्पतालों में आई फ्लू से संबंधित ड्राप समेत औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।
कहा है कि आई फ्लू में अचानक आंख लाल हो जाती है, आंख में जलन और चुभन की समस्या भी होती है। युवाओं, बुजुर्गों के साथ बच्चे भी इसकी चपेट में हैं। किसी भी व्यक्ति को दवा से संबंधित समस्याओं का सामना न करना पड़े।
स्कूल न जाएं कंजक्टिवाइटिस पीड़ित बच्चे
एसीएमओ डॉ. एसएस कनौजिया ने बताया कि स्कूलों के लिए निर्देश जारी किया गया है कि जो बच्चे कंजक्टिवाइटिस से संक्रमित हो उन्हें ठीक होने तक घर पर रहकर आराम करने की सलाह दी जाए। प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ ही चिकित्सालयों में संपर्क कर डॉक्टर की सलाह से एंटीबायोटिक व आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें।
आई फ्लू होने पर ऐसे करें बचाव
- अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुएं।
- अपने हाथों को जरूर धोएं।
- अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, रूमाल, तकिया, आई कास्मेटिक (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें।
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं।
- संक्रमित व्यक्ति के इस्तेमाल की चीजें इस्तेमाल न करें।
- ज्यादा भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें।
यह बरतें सावधानी
- टीवी या मोबाइल से खुद को दूर रखें।
- रोजाना इस्तेमाल किए जाने वाले रुमाल या तौलिया को नियमित रूप से बदले एवं साफ रुमाल तौलिया ही इस्तेमाल करें।
- समय-समय पर हाथों को साबुन से धोएं और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
- हर एक आधे घंटे में आंखों को ठंडे पानी से धोएं।
- चश्मे का इस्तेमाल करें।
- आंखों को बार-बार हाथों से न छुएं।

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