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    UP News: अदालत ने दो साइबर अपराधियों को दी सात-सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा, लॉकडाउन में खाली कर दिया था बैंक खाता

    उत्तर प्रदेश में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां वाराणसी की एक अदालत ने दो साइबर अपराधियों को 16 लाख रुपये की पेंशन राशि चुराने के मामले में दोषी ठहराया है। अभियुक्तों को सात-सात साल के कारावास और डेढ़-डेढ़ लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। यह साइबर क्राइम का पहला मामला है जिसमें वाराणसी की अदालत ने अभियुक्तों को सजा सुनाई है।

    By Rakesh Srivastava Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 30 Mar 2025 11:01 AM (IST)
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    वाराणसी कोर्ट ने सुनाई साइबर अपराधियों को सुनाई सजा। जागरण

    संवाद सहयोगी, वाराणसी। कोरोना के लॉकडाउन में पुलिसकर्मी छेदीलाल के बैंक खाते में जमा पेंशन के 16 लाख 41 हजार रुपये साइबर अपराधियों ने निकाल लिए। इस मामले में शनिवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) राजीव मुकुल पांडेय ने झारखंड प्रांत अभियुक्तों प्रमोद कुमार मंडल व मंटू कुमार मंडल को दोषी करार देते हुए दोनों को सात-सात साल के सश्रम कारावास एवं डेढ़-डेढ़ लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

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    अदालत ने जुर्माना राशि में से 75 प्रतिशत वादी (पीड़ित) को देने का आदेश दिया है। साइबर क्राइम का यह पहला मामला है जिसमें वाराणसी की अदालत ने अभियुक्तों को सजा सुनाई गई।

    कोर्ट ने कहा कि अभियुक्तों का कृत्य साइबर अपराध है, जो कि अत्यंत जघन्य है। देश डिजिटल इंडिया के नवप्रवर्तन दौर से गुजर रहा है। ऐसी स्थिति में साइबर अपराधी इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए अभिशाप हैं। टेक्नोलाजी का दुरुपयोग करके मात्र कुछ क्षणों में पीड़ित के खातों से डार्क वेब, वीपीएन का उपयोग करके छलपूर्वक धनराशि निकालना और उसका प्रयोग बड़े अपराध में करना देश के समक्ष एक बड़ी चुनौती खड़ी कर रहा है।

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    ऐसे अपराधों को पूर्णतः हतोत्साहित किया जाना आवश्यक है। प्रस्तुत प्रकरण में दोनों अभियुक्त अभ्यस्त अपराधी हैं, इनका अपराधिक इतिहास है। बचाव पक्ष की यह तर्क कि अभियुक्त अभी नवयुवक हैं, इन्हें प्रोबेशन का लाभ दिया जाए, कदापि स्वीकार नहीं है। अभियोजन पक्ष के अनुसार बड़ागांव थाना के बलरामपुर, विरांव निवासी अभिसूचना इकाई से सेवानिवृत्त छेदीलाल का बड़ागांव स्थित भारतीय स्टेट बैंक खाता में 16 लाख 41 हजार रुपये जमा थे।

    अपराधियों को भेजा गया जेल। जागरण (सांकेतिक तस्वीर)


    तीन जून 2021 को उनके मोबाइल पर खुद को ट्रेजरी आफिसर अभिषेक शर्मा बताकर एक व्यक्ति ने उनसे बात की। कहा कि उसके पेंशन का फिक्शेसन होना है। लाकडाउन के कारण उन्हें आफिस नहीं बुलाया जा रहा है। बातचीत में उलझाकर उनसे कई ओटीपी की मांग की और खाता खाली कर दिया। छेदीलाल ने साइबर क्राइम थाना में आठ जून 2021 को रिपोर्ट दर्ज कराई।

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    छानबीन में झारखंड प्रांत के दुमका जिला के सरैयाहाट थाना क्षेत्र निवासी प्रमोद कुमार मंडल और धनबाद जिला के नियाडीह थाना क्षेत्र के महुआदीप गांव निवासी मंटू कुमार मंडल का नाम प्रकाश में आया, जिनके खिलाफ पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल कर दी। पक्षकारों की बहस सुनने और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के अवलोकन के बाद अदालत ने दोनों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।