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    काशीवासियों को अब मच्छरों से मिलेगी निजात...ड्रोन से होगा एंटी-लार्वा का छिड़काव, की जाएगी कोल्ड फॉगिंग

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 12:35 PM (IST)

    वाराणसी के निवासियों को अब मच्छरों से राहत मिलेगी। शहर में एंटी-लार्वा का छिड़काव ड्रोन से किया जाएगा। इसके साथ ही कोल्ड फॉगिंग भी की जाएगी, जिससे मच् ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्मक तस्वीर

    शिवम सिंह, जागरण वाराणसी। डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियों के बढ़ते खतरे को देखते हुए नगर निगम ने मच्छरों के खिलाफ हाईटेक हथियार अपनाए हैं। अब मच्छरों को मारने के लिए कोल्ड फॉगिंग का इस्तेमाल किया जाएगा, जबकि लार्वा को नष्ट करने के लिए ड्रोन से एंटी-लार्वा का छिड़काव होगा।

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    वर्तमान में इस्तेमाल होने वाले पारंपरिक थर्मल फॉगिंग से पर्यावरण समेत कई दिक्कतें आ रही थीं, जिसका अब अंत होने जा रहा है। मच्छरजनित बीमारियों को लेकर नगर निगम शहर के 100 वार्डों में पारंपरिक थर्मल फॉगिंग की जगह पर्यावरण अनुकूल कोल्ड फॉगिंग की व्यवस्था करेगी।

    इसमें डीजल या मिट्टी के तेल की बजाय पानी का इस्तेमाल होगा, जिससे घना धुआं नहीं निकलेगा और वायु प्रदूषण भी न्यूनतम होगा। नगर निगम मुख्यालय में मार्च 2025 में तत्कालीन नगर आयुक्त अक्षत वर्मा की मौजूदगी में इस तकनीक का सफल ट्रायल किया गया था।

    ट्रायल के बाद अब 100 कोल्ड फॉगिंग मशीनों की खरीदारी कर पूरे शहर में इसे लागू किया जाएगा। जिला मलेरिया अधिकारी शरतचंद्र पांडेय ने बताया कि 100 वार्डों में सभी को ट्रेनिंग दे चुके हैं। कोल्ड फॉगिंग में डेल्टामेथ्रिन जैसी कीटनाशक दवा को पानी में मिलाकर बारीक मिस्ट के रूप में छिड़का जाता है।

    यह कुहरा जैसी धुंध बनाती है, जो लंबे समय तक हवा में रहती है और मच्छरों का प्रभावी सफाया करती है। पहले चरण में सबसे ज्यादा प्रभावित वार्डों में यह शुरू होगी। बाद में अस्पतालों और संवेदनशील क्षेत्रों तक विस्तार होगा।

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    कोल्ड फागिंग के फायदे

    • पर्यावरण अनुकूल : डीजल व केरोसिन नहीं इस्तेमाल होता, धुआं नहीं निकलता, वायु प्रदूषण कम होता है।
    • स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित : घना धुआं न होने से सांस की समस्या नहीं होती, इनडोर इस्तेमाल भी संभव।
    • प्रभावी और लंबे समय तक असरदार : बारीक मिस्ट लंबे समय तक हवा में रहती है, मच्छरों का बेहतर नियंत्रण।
    • लागत प्रभावी : पानी आधारित, ईंधन की बचत। पौधों और सतहों को नुकसान नहीं पहुंचाता।


    नगर निगम की यह नई तकनीक शहर को मच्छर मुक्त और स्वच्छ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। उम्मीद है कि इससे काशीवासियों को मौसम बदलते ही मच्छरों के प्रकोप से राहत मिलेगी। 100 वार्डों के लिए 100 मशीनों की व्यवस्था की जा रही है।

                                                                     संदीप श्रीवास्तव, पीआरओ, नगर निगम वाराणसी।