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    ट्रेन का इंजन बनेगा स्वाद का ठिकाना, यूपी के इस जिले में बनेगा देश का पहला 'लोको रेस्टोरेंट'

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 08:37 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश में देश का पहला 'लोको रेस्टोरेंट' खुलने जा रहा है, जहां ट्रेन का इंजन स्वाद का ठिकाना बनेगा। यह अनूठा रेस्टोरेंट रेलवे की विरासत को दर्शा ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्मक तस्वीर

    अमरीश मनीष शुक्ल, जागरण, प्रयागराज। भारतीय रेलवे यात्रियों के लिए एक से बढ़कर एक नवाचार कर रहा है। रेल कोच रेस्टोरेंट के बाद अब बारी है ट्रेन के इंजन यानी लोकोमोटिव को रेस्टोरेंट में बदलने की।

    देश का सबसे पहला 'लोको रेस्टोरेंट' प्रयागराज छिवकी रेलवे स्टेशन पर खुलने वाला है। उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल का यह पायलट प्रोजेक्ट इसी महीने टेंडर निकालने के बाद शुरू होगा।

    10 साल के लिए लाइसेंस वाला यह रेस्टोरेंट स्टेशन के मुख्य एंट्री गेट के बिल्कुल पास बनेगा, जहां यात्री और आसपास के लोग साफ-सुथरा, हाई क्वालिटी वाला लजीज व्यंजन का स्वाद ले सकेंगे।

    सोचिए, जो पुराना लोकोमोटिव कभी ट्रेनों को दौड़ाता था, अब वह चमचमाता रेस्टोरेंट बनकर उत्तर भारतीय थाली से लेकर फास्ट फूड तक सब परोसेगा। डाइन-इन की शानदार सुविधा के साथ ऑनलाइन एप या पोर्टल से घर बैठे ऑर्डर करके डिलीवरी भी मिलेगी।

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    डीआरएम रजनीश अग्रवाल व सीनियर डीसीएम हरिमोहन का नवाचार जल्द आकार ले सकता है। वह बताते हैं कि यह आइडिया पुराने लोको को रिसाइकल करके पर्यावरण बचाने के साथ-साथ रोजगार पैदा करेगा और यात्रियों का इंतजार मजेदार बना देगा। प्रयागराज छिवकी स्टेशन, जो हावड़ा-दिल्ली मुख्य लाइन पर है अब एक नया टूरिस्ट स्पॉट बनेगा।

    यह प्रोजेक्ट रेल मंत्री की नवाचार वाली सोच का हिस्सा है, जो कोच रेस्टोरेंट्स की तरह पूरे देश में फैलेगा। अगर सफल रहा तो दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता जैसे बड़े स्टेशनों पर भी लोको रेस्टोरेंट्स देखने को मिलेंगे। रेस्टोरेंट में मॉडर्न डिजाइन होगा।

    एसी, काम्फी सीटिंग, थीम बेस्ड डेकोर और स्वादिष्ट मेन्यू। इंजन के अंदर की जगह को खाली कर उसे ही डेकोरेट किया जाएगा। यह कार्य टेंडर धारक ही पूरा करेंगे। रेलवे टेंडर धारक को स्थान, कोच व स्टेशन पर मिलने वाली बिजली-पानी समेत अन्य सुविधाएं देगा।

    भारतीय व्यंजनों के साथ वैश्विक स्तर पर पसंद किए जाने वाले व्यंजन यहां मिलेंगे। हालांकि स्थानीय व्यंजनों पर स्पेशल फोकस रहेगा, ताकि यात्री प्रयागराज का असली स्वाद ले सकें।

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    जान सकेंगे इंजन की ऐतिहासिकता

    स्वाद के साथ यहां आने वाले लोगों को इंजन की ऐतिहासिकता की जानकारी भी मिल जाएगी। जैसे कि इंजन का नाम, इसे कहां पर और कब बनाया गया था। कितने वर्षों तक इसने रेलवे में अपनी सेवा दी और कब रिटायर हुआ। यहां एक सेल्फी प्वाइंट व्यू भी होगा, जहां से लोको रेस्टोरेंट के साथ लोग अपनी यादें संजो सकें।


    लोको रेस्टोरेंट के लिए इसी महीने टेंडर जारी कर दिया जाएगा। यह नवाचार आत्मनिर्भर भारत विजन से प्रेरित है। हम अपनी पुरानी संपत्तियों का बेहतर उपयोग कर अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे।

                                                              अमित कुमार सिंह, पीआरओ, प्रयागराज मंडल, एनसीआर