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    Air Quality In Varanasi: हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में, घुट रहे सांस के मरीज; येलो अलर्ट जारी

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 09:45 AM (IST)

    वाराणसी में ठंड बढ़ने के साथ ही प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया है, जिससे हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में आ गई है। पिछले 17 दिनों में से 15 दिन एक्यूआइ स् ...और पढ़ें

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    ठंड का असर बढ़ते ही हवा में प्रदूषित तत्वों की मात्रा तेजी से बढ़ी, नवंबर से संकट। जागरण

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। ठंड का असर बढ़ते ही हवा में प्रदूषित तत्वों की मात्रा तेजी से बढ़ी है। नवंबर और दिसंबर में शहर की हवा खराब होने से मुसीबत बढ़ गई है। बीते 17 दिनों में 15 दिनों तक एक्यूआइ स्तर 100 से 250 के मध्य होने से सांस की तकलीफ झेल रहे लोगों को परेशान होना पड़ा।

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    खराब हवा उनके फेफड़े और ह्रदय को 'छलनी' कर रही है। हवा गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वालिटी इंडेक्स) मानक से अधिक होने के कारण केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को येलो और आरेेंज अलर्ट जारी करना पड़ा। बुधवार को भी हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई, जिससे फेफड़ों के विकार, अस्थमा और हृदय रोगों से पीड़ित लोगों को असुविधा हुई।

    उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार शहर के चार प्रमुख निगरानी केंद्रों पर शाम सात बजे एक्यूआइ 118 से 151 के बीच रहा। सर्वाधिक खराब स्थिति अर्दली बाजार निगरानी केंद्र से जुड़े शहरी क्षेत्रों की रही, क्योंकि यहां एक्यूआइ 151 दर्ज किया गया, इसमें पीएम-2.5 का औसत 138 जबकि अधिकतम 250 रिकार्ड किया गया।

    पीएम-10 का औसत 151, नाइट्रोजन डाइआक्साइड का औसत 94 और सल्फर डाइआक्साइड का औसत 11 रिकार्ड किया गया। लंबी अवधि के संपर्क में रहने से स्वस्थ लोगों पर भी हल्की सांस की तकलीफ हुई।

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    आइएमएस बीएचयू में जनरल मेडिसिन के प्रो. दीपक कुमार गौतम ने ऐसे मौसम में संवेदनशील आबादी को बाहर निकलने से बचने और मास्क का उपयोग करने की सलाह दी है।

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