UPPCL: 1.10 लाख स्मार्ट मीटरों में से 59,984 उपभोक्ताओं के बिना सहमति से बदले पोस्टपेड से प्रीपेड मोड में
वाराणसी में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों का आंदोलन जारी है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि 1.10 लाख ...और पढ़ें

निजीकरण व जबरन प्रीपेड मीटर के खिलाफ बिजली कर्मियों का 384वें दिन जारी रहा प्रदर्शन। जागरण
Bजागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों का आंदोलन जारी है। मंगलवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के बैनर तले 384वें दिन भी काशी के बिजली कर्मियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि शहर में लगे करीब एक लाख 11 हजार स्मार्ट मीटरों में से 59,984 उपभोक्ताओं के मीटर उनकी सहमति के बिना पोस्टपेड से प्रीपेड मोड में बदल दिए गए, जो विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47(5) व 55(1) का स्पष्ट उल्लंघन है।
संघर्ष समिति के सचिव अंकुर पांडेय ने कहा कि प्रीपेड मीटर केवल उपभोक्ता की लिखित सहमति से या नए कनेक्शन पर ही लगाए जा सकते हैं। पुराने मीटर बदलना व इन्कार पर बिजली काटना गैरकानूनी है। समिति ने मुख्यमंत्री से मांग की कि पोस्टपेड को डिफाल्ट मानते हुए जबरन प्रीपेड मीटर पर रोक लगे और निजीकरण प्रस्ताव निरस्त हो।
संघर्ष समिति ने ऐलान किया कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व किसान संगठनों के साथ वृहत मोर्चा बनेगा। प्रदेश में बिजली पंचायतें व रैलियां आयोजित होंगी। निजीकरण वापस व उत्पीड़न समाप्त होने तक आंदोलन जारी रहेगा। सभा को आनंद सिंह, राजेश सिंह सहित कई नेताओं ने संबोधित किया।

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