UP Electricity: वाराणसी के लोगों को बिजली समस्या से मिलेगी निजात, इन जगहों पर लगाए जाएंगे 11 बिजली घर
UP Electricity Department धर्म एवं पर्यटन की नगरी काशी को ट्रिपिंग मुक्त जिला बनाने की तैयारी तेज हो गई है। शासन ने जिले में 11 बिजली घरों के निर्माण को पहले ही मंजूरी दे दी है। अब तीन और नए बिजली घर बनाने का प्रस्ताव तैयार है। सोनिया भुल्लनपुर और लहरतारा क्षेत्रों में इन तीनों बिजली घरों का निर्माण होगा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। UP Electricity। धर्म एवं पर्यटन की नगरी काशी को ट्रिपिंग मुक्त जिला बनाने की तैयारी तेज हो गई है। शासन ने जिले में 11 बिजली घरों के निर्माण को पहले ही मंजूरी दे दी है। अब तीन और नए बिजली घर बनाने का प्रस्ताव तैयार है।
सोनिया, भुल्लनपुर और लहरतारा क्षेत्रों में इन तीनों बिजली घरों का निर्माण होगा। बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता अनूप सक्सेना ने जिलाधिकारी को जमीन उपलब्ध कराने के लिए गत 25 सितंबर को चिट्ठी भेजी है।
चूंकि, दिनों-दिन बिजली का लोड इन इलाकों में बढ़ रहा है। ऐसे में गर्मी के दिनों में ट्रांसफार्मर हांफने लग रहे हैं। प्रत्येक बिजली घर के निर्माण पर तकरीबन छह करोड़ रुपये खर्च होंगे। शासन की मंजूरी के तहत पुराने प्रस्ताव में जिले के जिन बिजली घरों का निर्माण होगा उनमें शहरी क्षेत्र के रमना, बड़ी गैबी, चितरंजन पार्क, सीर गोवर्धनपुर, तरना, पांडेयपुर, आशापुर, सालारपुर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के सरसवां स्थित हरि बल्लमपुर, बसनी और नियार शामिल हैं।
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बिजली घर निर्माण के लिए मिली जमीन
पूर्वांचल-डिस्काम के चीफ इंजीनियर प्रोजेक्ट चंद्रजीत बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र के नियार और बसनी में बिजली घर निर्माण के लिए जमीन भी मिल गई है। डीपीआर बनाकर इन दोनों ही जगहों पर बिजली घर का निर्माण कराया जाएगा।
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हालांकि उन्होंने शहरी क्षेत्र में अभी जमीन नहीं मिलने की बात कही। बताया कि हर बिजली घर पर पांच-पांच एमवीए के दो-दो पावर ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। आरडीएसएस के दूसरे चरण में इन कार्यों को कराया जाएगा। पहले चरण के लिए सरकार ने 448 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
नई तकनीकी के स्काडा आधारित बिजली घर बनाने की तैयारी
प्रस्तावित बिजली घरों को स्काडा (सुपरविजरी कंट्रोल ऐंड डाटा एक्वीजिशन) आधारित आधुनिक तकनीकी से बनाने की तैयारी चल रही है। दरअसल, स्काडा तकनीकी में बिजली घर का संचालन आटोमेटिक होता है। इसमें शट डाउन से लेकर हर तरह के कार्य को कम्प्यूटर से कमांड देना होता है। हालांकि, इसके संचालन के लिए मैन पावर को अभी ट्रेनिंग देनी होगी।

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