वाराणसी में ड्यूटी खत्म होने का हवाला देकर पायलट ने उड़ान भरने से किया था मना, सामने आई बड़ी वजह
वाराणसी में एक पायलट ने ड्यूटी खत्म होने का हवाला देते हुए विमान उड़ाने से इनकार कर दिया। इस वजह से विमान में देरी हुई। सूत्रों के अनुसार, पायलट ने अप ...और पढ़ें

चालक दल ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) का उल्लेख करते हुए विमान उड़ाने से मना कर दिया था।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर बीते मंगलवार को एक असामान्य स्थिति उत्पन्न हुई। इंडिगो एयरलाइंस के चालक दल ने अपनी ड्यूटी अवधि समाप्त होने का हवाला देते हुए कोलकाता के लिए वापसी उड़ान भरने से मना कर दिया।
चालक दल ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी ड्यूटी समय सीमा समाप्त हो चुकी है, इसलिए वे अब विमान उड़ाने में असमर्थ हैं। इस घटना के कारण 179 यात्रियों ने एयरपोर्ट पर हंगामा किया। एयरलाइंस ने यात्रियों को शहर के विभिन्न होटलों में ठहराया और अगले दिन बुधवार को उन्हें कोलकाता भेजा गया।
यह पहली बार नहीं है जब इंडिगो की उड़ानें एफडीटीएल के नए नियमों के कारण रद हुई हैं। इससे पहले भी कई उड़ानें रद होने से पूरे देश में हाहाकार मच चुका है। इस स्थिति में सवाल उठता है कि इंडिगो ने क्यों नहीं ऐसा रोस्टर तैयार किया, जिससे पहले से दूसरे पायलटों की व्यवस्था की जा सके।
इंडिगो की उड़ान अपने निर्धारित समय पर शाम पांच बजे वाराणसी एयरपोर्ट पहुंची थी और उसे शाम 5:35 बजे कोलकाता के लिए उड़ान भरनी थी। 179 यात्रियों ने चेक-इन कर लिया था और वे टर्मिनल भवन में बोर्डिंग के लिए इंतजार कर रहे थे। लेकिन चालक दल ने उड़ान से मना कर दिया और होटल के लिए रवाना हो गए। वाराणसी के लिए यह इंडिगो की अंतिम उड़ान थी, जिससे दिल्ली, मुंबई या बेंगलुरु से पायलट बुलाने की कोई संभावना नहीं थी और विमान को ग्राउंड करना पड़ा।
वाराणसी एयरपोर्ट के निदेशक पुनीत गुप्ता ने बताया कि एफडीटीएल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चालक दल अत्यधिक थकान की स्थिति में उड़ान न भरे और यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो। वाराणसी में चालक दल की उपलब्धता न होने के कारण उड़ान को निरस्त करना पड़ा। बड़ी संख्या में ऐसे यात्री होते हैं, जिन्हें निर्धारित समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचना आवश्यक होता है। ऐसे में उन्हें अनावश्यक विलंब का सामना करना पड़ा और परेशानी उठानी पड़ी। यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए, साथ ही उन्हें उचित जानकारी और सहायता भी मिलनी चाहिए।
एफडीटीएल के नियमों के अनुसार, एक दिन में पायलट की ड्यूटी 10 से 13 घंटे तक हो सकती है। एक हफ्ते में अधिकतम 60 घंटे तक ड्यूटी की जा सकती है। एक महीने में अधिकतम 190 घंटे तक ड्यूटी दी जा सकती है। लगातार सात दिन ड्यूटी के बाद कम से कम 36 घंटे का अनिवार्य आराम देना होता है।
लगातार उड़ानों के बीच कम से कम 9 से 12 घंटे का आराम अनिवार्य है। रात्रि उड़ानों के लिए नियम और भी सख्त हैं, जिसमें लगातार दो रात्रि ड्यूटी की अनुमति नहीं है। यदि कोई पायलट एफडीटीएल का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ और एयरलाइंस के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
इस घटना ने एक बार फिर एयरलाइंस की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। एयरलाइंस को चाहिए कि वह अपने चालक दल की ड्यूटी समय सीमा का ध्यान रखते हुए उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करे, ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

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