पड़ोसी से लिया था 1KG आटा... ऐसा क्या हुआ कि महिला पहुंची थाने, फिर 2 बच्चों के साथ ट्रेन के आगे लगा दी छलांग
सेवापुरी के जंसा थाना क्षेत्र में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई जहां मीनू नामक विवाहिता ने दो बच्चों के साथ महाकाल एक्सप्रेस के सामने कूदकर जान दे दी। ससुरालवालों की प्रताड़ना और पति के उपेक्षा से तंग आकर उसने यह कदम उठाया। पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप है क्योंकि मदद की गुहार लगाने के बाद भी समय पर कार्रवाई नहीं की गई। इ

संवाद सहयोगी, सेवापुरी। जंसा थाना क्षेत्र के उत्तर रेलवे के चौखंडी स्टेशन के पश्चिमी छोर पर मंगलवार को दोपहर बाद विवाहिता ने दो बच्चों के साथ महाकाल एक्सप्रेस के सामने कूदकर जान दे दी। एक साथ तीन लोगों की हुई मौत से क्षेत्र में कोहराम मच गया।
जंसा पुलिस तीनों शवों को कब्जे में लेकर अग्रिम कार्रवाई में जुट गई। इस मामले में मृतका के भाई कमलेश की तहरीर पर पुलिस सास सुदामा, ससुर लोदी, जेठानी रेशमा, पति विकास के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई में जुट गई है।
इस मामले में पुलिस सास-ससुर को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। क्षेत्र के भदया (हाथी) गांव निवासी अंगद पटेल की पुत्री मीनू (30 वर्ष) की शादी सात वर्ष पूर्व जंसा थाना के हरसोस गांव निवासी विकास पटेल से हुई थी। शुरू में दंपती में रिश्ते ठीक थे। उनको दो पुत्र हुए। जिसमें विपुल चार वर्ष व विप्लव छह वर्ष के थे।
पति विकास सूरत में रहकर निजी कंपनी में नौकरी करता है। इसी बीच उसे पत्नी के ऊपर शक होने लगा कि उसका संबंध किसी दूसरे व्यक्ति से है। वह अक्सर मोबाइल फोन पर काल कर पत्नी को परेशान करता था। पत्नी के भरण पोषण के लिए कोई मदद भी नहीं करता था।
ऐसे में परिवार के अन्य लोग भी उसकी पत्नी को प्रताड़ित किया करते थे। मंगलवार की सुबह सास, ससुर व जेठानी ने उसे मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया था। जिससे परेशान होकर विवाहिता जंसा थाने पहुंची और महिला हेल्प डेस्क पर ससुराल वालों की शिकायत की।
पुलिस कार्रवाई की बात कर उसे वापस घर भेज दी। घर पहुंची तो परिजन उसके कमरे में ताला लगाकर उसे अंदर नहीं घुसने दिए। इसकी सूचना जब उसने अपने पति को दी तो वह भी मदद करने से इन्कार कर दिया। इस बीच सूचना पर मायके के लोग जब वहां पहुंचे तो आरोप है कि ससुराल वाले गाली देकर भगा दिए। जिसके चलते विवाहिता ने आत्मघाती कदम उठा लिया और अपने दोनों बच्चों के साथ ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दी।
एक किलो आटा बना मौत का कारण
मृतका मीनू दो दिन से अपने बच्चों के साथ भूखी थी। ससुराल के लोग उसकी कोई मदद नहीं किए तो वह अपने पड़ोसी से एक किलो आटा मांगकर ले आई। यह जानकारी जब ससुराल वालों को हुई तो उस पर चरित्रहीन होने तथा मदद करने वाले युवक से नाजायज संबंध का आरोप लगाकर मारने-पीटने के साथ प्रताड़ित करना शुरू कर दिए। शिकायत पर जब पति ने भी साथ नहीं दिया तो विवाहिता ने आत्मघाती कदम उठाया।
जंसा पुलिस त्वरित कार्रवाई करती तो तीनों की जान बच जाती
घटनास्थल पर जुटे ग्रामीणों व मृतका के मायके वालों का कहना था कि मीनू मदद की गुहार लेकर थाने गई थी। अगर उसी समय पुलिस एक्शन में आ गई होती और ससुराल पहुंचकर कार्रवाई कर दी होती तो शायद तीन जान बच जाती। उधर पुलिस का कहना है कि विवाहिता थाने आई थी, उसे संतुष्ट कर घर भेज दिया गया था। फोर्स वीआइपी ड्यूटी में होने के चलते तत्काल मौके पर नहीं पहुंच पाई, तब तक यह हादसा हो गया।

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