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    वाराणसी में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद विश्वेश्वर शिवलिंग की पूजन और भोग के लिए अड़े, पुलिस ने किया हाउस अरेस्ट

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Sat, 04 Jun 2022 09:49 AM (IST)

    ज्ञानवापी में कथित रूप से मिले विश्वेश्वर शिवलिंग की पूजा-अर्चना को लेकर लिए गए संकल्प पर ज्योतिष व द्वारका- शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरनन्द अडिग हैं। वे विश्वेश्वर शिवलिंग की पूजा- अर्चन व राग- भोग के लिए संकल्पित हैं।

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    विश्वेश्वर शिवलिंग की पूजा-अर्चना को लेकर लिए स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरनन्द अडिग हैं।

    वाराणसी, जागरण संवाददाता : ज्ञानवापी में कथित रूप से मिले विश्वेश्वर शिवलिंग की पूजा-अर्चना को लेकर लिए गए संकल्प पर ज्योतिष व द्वारका- शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरनन्द अडिग हैं। वे विश्वेश्वर शिवलिंग की पूजा- अर्चन व राग- भोग के लिए संकल्पित हैं। वे इस निमित्त शनिवार को सुबह से ही अपने शिष्यों संग रवाना होने की जिद में अड़े हैं। दूसरी ओर प्रशासन उन्हें रोकने के लिए तैयार है। केदारघाट स्थित श्रीविद्या मठ पुलिस छावनी बनी हुई है। पुलिस ने उनको हाउस अरेस्‍ट कर रखा है। इस बीच स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने उपवास की घोषणा कर वहीं अनशन पर बैठे। कहा कि पूजा के बाद ही उठेंगे। स्वामी जी का कहना है कि जब तक पूजा नहीं होगी तब तक अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगे।

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    शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती के आदेशानुसार स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द की ज्ञानवापी में मिले विश्वेश्वर शिवलिंग की अर्चना व भोग-राग की घोषणा के बाद शनिवार को केदारघाट स्थित श्रीविद्या मठ में हलचल मची है। मठ पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं।जिनका नाम सूची में सिर्फ उन्हीं को जाने दिया जा रहा आश्रम के अंदर। स्‍वामी जी को पुलिस ने बाहर निकलने से किया है मना, किसी को आश्रम के अंदर भी नहीं आने दिया जा रहा है। आश्रम में अंदर से लेकर बाहर तक एलआईयू व पुलिस की भारी तैनाती हैं।

    स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द की तरफ से विश्वेश्वर शिवलिंग की अर्चना व भोग के प्रस्थान को योजनाएं बनती रहीं। दूसरी ओर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी मठ में आये। डीसीपी काशी राजेश गौतम व एसीपी भेलूपुर प्रवीण कुमार ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द को मामला न्यायालय में विचाराधीन होने का हवाला देकर मनाने की कोशिश की परन्तु स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने गुरु शंकराचार्य के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सनातन धर्म में शंकराचार्य श्रेष्ठ होते हैं। उन्हीं का आदेश हमारे लिए सर्वोपरि है।

    वैसे भी प्रकट हुए शिवलिंग व अन्य देवता बालक रूप में होते हैं। उन्हें यदि कैद में रखे हुए हैं तो उन्हें भोजन अर्थार्थ भोग लगाना जरूरी होता है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने कहा कि वे अंदर नहीं जाना चाहते। उनकी मंशा है कि बाबा विश्वेश्वर को भोग प्रशासन का प्रतिनिधि पुजारी ही लगाए। उन्हें आपत्ति नहीं होगी लेकिन पूजन व भोग लगना जरूरी है।

    उधर मठ के अंदर स्‍वामीजी अपने शिष्‍यों के साथ भजन-पूजन में लगे हैं। मठ में खड़े शिष्य कर रहे भजन। साथ में पूर्णाम्बा हैं खड़ीं। स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने उपवास की घोषणा कर वहीं अनशन पर बैठे। कहा पूजा के बाद ही उठेंगे। स्वामी जी का कहना है कि जब तक पूजा नहीं होगी तब तक अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने कहा है कि हम मठ से विश्वेश्वर शिव लिंग की पूजा करने के लिए निकलेंगे। पीछे नहीं जाएंगे। मौका जैसे-जैसे मिलेगा विश्वेश्वर महादेव की ओर बढेगें। जहां तक न्यायलय की बात है वह विश्वेश्वर शिवलिंग का अस्तित्व न माने तो मैं अपना संकल्प छोड़कर वापस हो जाऊंगा। लेकिन मेरे विचार से यह मुस्लिम पक्ष के अनुसार फब्वारा नहीं है, शिव लिंग ही है।

    स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द नेपुलिस प्रशासन को पत्रक सौंप कर अनशन पर बैठे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने भेलूपुर थाना प्रभारी को डीसीपी काशी राजेश गौतम को संबोधित पूजा की अनुमति के आशय का पुनर्विचार आवेदन दिया है। गौरतलब है कि उन्हीने डीसीपी काशी को कल दिए आवेदन में अविमुक्तेश्वर शिव लिंग के पूजा की अनुमति मांगी थी जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद आज सुबह पुनर्विचार आवेदन दिया गया। मौके पर मौजूद एसीपी भेलुपुर प्रवीण कुमार और एसीएम प्रथम सुरेन्द्रबहादुर सिंह नेकहा कि मामला न्यायलय में विचाराधीन है। इसलिए पुलिस व प्रशासन के स्तर पर अनुमति नहीं दी जा सकती।