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    RO-ARO पेपर लीक मामले में STF ने वाराणसी से की एक और ग‍िरफ्तारी, आरोपी ने बताया 12 लाख में हुई थी डील

    11 फरवरी 2024 को आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में एसटीएफ ने वाराणसी से एक और ग‍िरफ्तारी की है। आरोपी जय स‍िंह ने स्वीकार किया कि गिरोह के सदस्य सुभाष प्रकाश विवेक उपाध्याय और उसके साथियों ने भोपाल के एक होटल में प्रश्न पत्र उपलब्ध कराकर तैयारी कराई थी। इसके ल‍िए 12 लाख में सौदा हुआ था।

    By Rakesh Srivastava Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 27 Mar 2025 03:50 PM (IST)
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    पेपर लीक मामले में ग‍िरफ्तार जय स‍िंह।- सोर्स- एसटीएफ

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से वर्ष 2024 में 11 फरवरी को आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में एसटीएफ ने रोहनिया के बेटावर बच्छाव गांव निवासी आरोपित जय सिंह को मंगलवार देर शाम उसके गांव से ही गिरफ्तार कर लिया। उसने स्वीकार किया कि गिरोह के सदस्य सुभाष प्रकाश, विवेक उपाध्याय और उसके साथियों ने भोपाल के एक होटल में प्रश्नपत्र उपलब्ध कराकर तैयारी कराई थी।

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    उसे रटाए गए पेपर हूबहू परीक्षा में मिले थे, जिसके लिए सुभाष प्रकाश ने 12 से 15 लाख रुपये में सौदा किया था। एसटीएफ ने प्रश्नपत्र लीक मामले में गिरोह के सुभाष, विवेक और साथी को गत 23 जून को गिरफ्तार किया था। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) मुख्यालय लखनऊ की टीम ने बुधवार को आरोपित जय सिंह को गिरफ्तार कर सिविल लाइंस प्रयागराज के थाने में दाखिल किया।

    जय सिंह ने एसटीएफ को बताया कि वह खुद परीक्षार्थी था। उसकी मुलाकात बीएचयू कैंपस के मधुबन पार्क में सुभाष प्रकाश से हुई थी, जिसने उससे परीक्षाओं में पेपर आउट कराने की बात बताई थी। सुभाष प्रकाश ने पहले अपना फिर विवेक उपाध्याय का मोबाइल नंबर दिया। दोनों ने वर्ष 2024 में सात फरवरी को मुझे (जय सिंह) भोपाल बुलाकर होटल कमल पैलेस में ठहराया और दूसरे दिन सुभाष प्रकाश और विवेक उपाध्याय तीन-चार लोग संग प्रश्नपत्र लेकर होटल पहुंचे और उसे हल करवाया था।

    एक साल से फरार था जय स‍िंह

    प्रश्नपत्र लीक मामले की एसटीएफ जांच की तो गिरोह हत्थे चढ़ गया। एक साल से वांछित जय सिंह की अब गिरफ्तारी हो पाई है। एएसपी लाल प्रताप सिंह के नेतृत्व में गिरोह के राजफाश के बाद दर्ज केस की जांच अंजनी पांडेय कर रहे हैं। एसटीएफ के दारोगा मनोज कुमार, मुख्य आरक्षी गौरव सिंह, शेर बहादुर को आरोपित की भनक लगी तो उसे दबोच लिए।

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