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    Ring Road: गाजीपुर-चंदौली का सफर हुआ आसान, ढाई घंटे तक होगी बचत; कब तक चालू होगी गंगा पुल की दूसरी लेन?

    Updated: Mon, 02 Jun 2025 01:23 PM (IST)

    गाजीपुर से चंदौली जाने वाले वाहन चालकों को अब वाराणसी के राजघाट पुल पर नहीं आना होगा जिससे उनका ढाई घंटे का समय बचेगा। रिंग रोड फेज दो के तीसरे चरण का 947 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट पूरा हो गया है और गंगा पुल की एक लेन शुरू हो गई है। अभी केवल छोटे वाहन ही चलेंगे दूसरी लेन का काम जारी है।

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    संदहां से रेवासा तक रिंग रोड परियोजना के अंतर्गत गंगा में तैयार हुआ पौने दो किलोमीटर लंबा पुल। सोर्स: NHAI

    जागरण संवाददाता, वाराणसी।  गाजीपुर की तरफ से चंदौली जाने वाले वाहनों को बनारस आना पड़ता था। शहर के अतिव्यस्त ट्रैफिक और जाम से गुजकर राजघाट पुल पार करना होता। इसमें वाहन चालकों को दो से ढाई घंटे लग जाते थे। लेकिन अब यह दूरी आधे घंटे में तय की जा सकेगी।

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    बनारस के संदहां से रेवासा चंदौली तक करीब 27 किलोमीटर लंबे रिंग रोड फेज दो के तीसरे चरण की करीब 947 करोड़ रुपये की परियोजना को धरातल मिल चुका है। रविवार को गंगा पुल की एक लेन हल्के वाहनों के लिए शुरू कर दी गई।

    अभी छोटे वाहनों की आवाजाही होगी, क्योंकि दूसरी लेन का काम पूरा करना है। भारी वाहन चलेंगे तो निर्माणाधीन हिस्सा प्रभावित होगा। सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो सकते हैं। दूसरी लेन 30 जून तक चालू करने के निर्देश मिले थे, लेकिन इसकी समयावधि को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है।

    चंदौली में दो रेलवे पुल निर्माणाधीन हैं, जो अभी भारी वाहनों का लोड नहीं झेल सकते हैं। प्रशासन उनका निर्माण पूर्ण करने पर जोर लगाएगा। वैसे, लाखों लोगों की यह उम्मीद पूरी होने में करीब सात वर्ष लग गए।

    कोविड काल, गंगा की बाढ़, निर्माण कंपनी गैमन इंजीनियर्स एंड कांट्रैक्टर प्राइवेट लिमिटेड पर छाए वित्तीय संकट और सिस्टम की बेपरवाही के गतिरोध ने प्रोजेक्ट को हमेशा पीछे धकेला। वर्ष 2018-19 में स्वीकृत परियोजना को तीन वर्ष में पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन लंबा वक्त लग गया।

    15 से अधिक बार कार्य अवधि बढ़ाई गई। निर्माण एजेंसी से करीब 94.50 करोड़ रुपये जुर्माना राशि वसूली गई। लापरवाही के चलते प्रोजेक्ट की लागत राशि में भी वृद्धि करनी पड़ी। प्रोजेक्ट में महादेव कंस्ट्रक्शन कंपनी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फोरलेन सड़क उसने ही बनाई है।

    पहले ही बन चुकी थी फोरलेन

    सड़क पुल के दोनों तरफ 1200 मीटर अप्रोच सड़क बनाई गई है। यह पुल बनारस के बभनपुरा चिरईगांव से शुरू होकर चंदौली के सुलतानीपुर गांव में समाप्त हो रहा है। बनारस की ओर 700 मीटर जबकि चंदौली की तरफ 500 मीटर लंबी सड़क बनाई जा रही है।

    केवल पुल की लागत करीब साढ़े पांच सौ करोड़ रुपये है। रिंग रोड का पहला फेज (हरहुआ से संदहां तक) और दूसरे फेज का पहला पैकेज (राजातालाब से हरहुआ तक) पर वाहनों की आवाजाही हो रही है।

    दूसरा फेज का दूसरा पैकेज (संदहां से रेवासा) तक 27 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण पहले ही हो चुका था। सिर्फ छह लेन पुल निर्माण में ही विलंब हुआ।

    रिंग रोड से जुड़ गए एक साथ चार नेशनल हाई

    वे रिंग रोड से एक साथ चार नेशनल हाईवे सीधे तौर पर जुड़ गए हैं। एनएच-19 (दिल्ली से कोलकाता), एनएच-233 (वाराणसी से आजमगढ़), एनएच-56 (वाराणसी से लखनऊ) और एनएच-29 (वाराणसी से गोरखपुर) समेत कई नेशनल हाईवे कनेक्ट हो चुके हैं।

    दिल्ली, लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर, आजमगढ़, बलिया और गाजीपुर समेत अन्य जिलों की तरफ से आने वाले वाहन बिना शहर में दाखिल हुए नेपाल, बिहार, झारखंड, बंगाल व मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में आवागमन कर सकेंगे।

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