UP News: पूर्वांचल में फीकी पड़ी तमंचे की चमक, बस इस जिले में बढ़ी है डिमांड
पूर्वांचल में अवैध तमंचों की बरामदगी में भारी कमी आई है। वर्ष 2023 से अप्रैल 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार 197 तमंचे कम बरामद हुए। हालांकि सोनभद्र में तमंचों का प्रचलन बढ़ा है। पुलिस की सख्ती और जागरूकता के कारण तमंचों की बरामदगी में गिरावट आई है जिससे अपराध में कमी आई है। पूर्वांचल के इकलौते जनपद सोनभद्र में तमंचों का प्रचलन जरूर बढ़ा है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल में तमंचों की चमक फीकी पड़ने लगी है। वर्ष 2023 से माह अप्रैल 2025 तक के आंकड़े ऐसा ही संकेत दे रहे हैं। वर्ष 2023 और 24 में तमंचों की बरामदगी में 197 की कमी दर्ज की गई।
इसी तरह वर्ष 2025 में अप्रैल माह तक (जनवरी से अप्रैल माह) बरामद 302 तमंचों का आंकड़ा आठ माह पूर्व एक बार फिर से 200 तमंचों की कमी की आहट देने लगी है। मुख्यमंत्री के प्रत्येक माह अपराध समीक्षा बैठक करने के कारण भी हालात बदले हैं।
सोनांचल की वादियों में तमंचों की गूंज
पूर्वांचल के इकलौते जनपद सोनभद्र में तमंचों का प्रचलन जरूर बढ़ा है। वर्ष 2023 के सापेक्ष तमंचों की बरामदगी औसतन 10 गुणा बढ़ी है। यह तेजी वर्ष 2025 में चार माह में सामने आए तमंचा बरामदगी के आंकड़े में बरकरार दिख रही है। मीरजापुर में भी दूसरे जिलों के सापेक्ष वर्ष 2024 में तमंंचों की बरामदगी बढ़ी है, लेकिन इसके पीछे मझवां में हुए विधानसभा उपचुनाव को महत्वपूर्ण समझा जा रहा है।
जोन के तीन मंडल नौ जिलों में बंटे हैं। पुलिस की सख्ती के कारण ही तमंचाें की बरामदगी में 12 फीसद से ज्यादा की कमी आई है। इसे लोगों में आई जागरूकता का परिणाम भी कह सकते हैं। पुलिस की सख्त चेकिंग के कारण तमंचा खोंसकर घूमने वालों की संख्या घटी है। उम्मीद है कि आगे भी इस तरह के परिणाम सामने होंगे। -पीयूष मोर्डिया, एडीजी जोन वाराणसी।
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