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    छेड़छाड़ का विरोध कर रहीं बीएचयू की छात्राओं पर पुलिस का लाठीचार्ज

    By Amal ChowdhuryEdited By:
    Updated: Sun, 24 Sep 2017 09:19 AM (IST)

    सभी का कहना है कि छेड़खानी से परेशान अगर कुछ छात्राएं कुलपति से मिलने की मांग कर रही थीं तो आखिर दो मिनट धरना स्थल पर आकर मिल लेने में हर्ज ही क्या था।

    छेड़छाड़ का विरोध कर रहीं बीएचयू की छात्राओं पर पुलिस का लाठीचार्ज

    वाराणसी (जागरण टीम)। जबरदस्त हिंसा के शिकार बीएचयू परिसर को अंतत: दो अक्टूबर तक बंद करने की घोषणा कर दी गई है। दूसरी ओर पुलिस व छात्रों के बीच जगह-जगह लगातार जारी पथराव से हालात बेकाबू बने रहे। परिसर के भीतर चल रहे पथराव ने तब और उग्र रूप ले लिया जब सर सुंदरलाल अस्पताल के गेट पर भी छात्रों और पुलिस के बीच दोतरफा पथराव शुरू हो गया।

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    इस बीच हालात को काबू में करने के लिए महिला महाविद्यालय में घुसी फोर्स ने बाहर खड़ी छात्राओं पर लाठी बरसा दी। इससे पूनम, पारुल, शिवांगी, नंदिनी समेत कई छात्राएं घायल हो गईं जिनमें स्नातक तृतीय वर्ष की छात्रा प्रियंका को गंभीर चोट आई है।

    इनके अलावा कई छात्र भी घायल हैं। इसके बाद उत्तेजित छात्राएं महिला महाविद्यालय के गेट से बाहर निकल आईं। रात सवा एक बजे सैकड़ों छात्राओं ने वहीं गेट पर धरना देते हुए कुलपति के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

    आंदोलित छात्र छात्राओं में कुलपति को लेकर जबरदस्त आक्रोश है। इन सभी का कहना है कि छेड़खानी से परेशान अगर कुछ छात्राएं कुलपति से मिलने की मांग कर रही थीं तो आखिर दो मिनट धरना स्थल पर आकर मिल लेने में हर्ज ही क्या था। जिस बात को शुक्रवार की सुबह दो मिनट में खत्म किया जा सकता था, वह अंतत: कुलपति के मौके पर न जाने से नासूर बन गई। इसका खामियाजा अंतत: मालवीय जी की बगिया को भुगतना पड़ा।

    न केवल संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है बल्कि दर्जनों जाने-अनजाने लोग घायल होकर इधर उधर इलाज करा रहे हैं। बिगड़े हालात के बीच डीजीपी सुलखान सिंह ने भी स्थानीय अफसरों से पूरी जानकारी ली।

    इन सब विकट हालातों के बीच बीएचयू को दो अक्टूबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। संस्थान के पीआरओ डॉ. राजेश सिंह के अनुसार यह बंदी शनिवार रात से ही प्रभावी हो गई है। ज्ञात हो कि पहले बीएचयू को 28 सितंबर से दो अक्टूबर तक बंद रहना था।

    मीडियाकर्मियों की तोड़ी गाड़ी: बीएचयू बवाल के दौरान कई मीडियाकर्मियों की गाड़ियां भी पथराव व तोडफोड़ के जद में आकर क्षतिग्रस्त हो गईं। कई ऐसे मौके आए जब मीडियाकर्मियों के लिए भी जान बचाना मुश्किल हो गया।

    एसपी सिटी और डीएम जख्मी: सर सुंदरलाल अस्पताल के पास अचानक हुए पथराव की जद में आकर एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह जख्मी हो गए वहीं जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र को भी पथराव से चोट आई। अलावा इसके आदमपुर व लोहता के दो एसआइ, एक सिपाही भी जख्मी हो गए।

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    बीएचयू परिसर छावनी में तब्दील: शनिवार रात दो बजते-बजते विश्वविद्यालय छावनी में तब्दील हो गया। 25 थानों की पुलिस फोर्स के साथ ही रामनगर व भुल्लनपुर छावनियों से 20 ट्रक पीएसी बीएचयू परिसर में घुस चुकी थी। इस बीच बिड़ला व रुइया हास्टल की बिजली गुल हो जाने से अतिरिक्त रोशनी का इंतजाम किया जा रहा था, फोर्स हास्टल में घुसने की तैयारी कर रही थी। महिला महाविद्यालय व त्रिवेणी छात्रावास की आंदोलित छात्राएं अपने परिसर से बाहर आकर नारेबाजी कर रही थीं जबकि फोर्स उन्हें बार बार अंदर ढकेल रही थी, क्रम बना हुआ था।

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