Varanasi Parking Scam: पार्किंग में ज्यादा शुल्क वसूलने पर रेलवे ने निरस्त किया ठेका, ठेकेदार पर FIR
वाराणसी रेलवे स्टेशन पर पार्किंग शुल्क में अनियमितता की शिकायत के बाद रेलवे प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। प्लेटफार्म नंबर एक का ठेका रद्द कर दिया गया है और ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि ठेकेदार कंप्यूटराइज्ड पर्ची की जगह सामान्य पर्ची से ज्यादा पैसे वसूल रहा था। निगरानी में लापरवाही बरतने वाले वाणिज्य विभाग के कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। बनारस रेलवे स्टेशन के वाहन पार्किंग में ज्यादा शुल्क वसूलने की शिकायत का संज्ञान लेते हुए रेलवे प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। प्लेटफार्म नंबर एक की पार्किंग का ठेका निरस्त करते हुए ठेकेदार व उसके कर्मियों के खिलाफ आरपीएफ थाना में केस दर्ज कराया है।
वाणिज्य विभाग के उन कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए है, जिनके ऊपर निगरानी की जिम्मेदारी रेलवे ने दे रखी है। महमूरगंज निवासी पर्यावरणविद डा. राजेश कुमार श्रीवास्तव ने एक्स पर रेलवे की पार्किंग में पब्लिक की जेब पर डाका डाले जाने की शिकायत दर्ज कराई थी।
पूर्वोत्तर रेलवे के बनारस मंडल का बनारस रेलवे स्टेशन आदर्श स्टेशन में शामिल है। यहां से रोजाना 50 हजार यात्री गंतव्य को जाते और लौटते हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए रेल प्रशासन ने स्टेशन के दोनों ओर (एंट्री-एक्जिट) पार्किंग का ठेका दे रखा है।
रेलवे ने पार्किंग शर्तों में प्रीमियम पर्ची (पास मशीन से निकली) देने का आदेश दिया था, जिसे दरकिनार कर ठेकेदार ने सामान्य पर्ची छपवा ली और लोगों से ज्यादा धन राशि वसूलने लगा। दो पहिया और चार पहिया वाहनों से प्रति घंटा सौ से दो सौ रुपये वसूूले जाने लगे।
डा. राजेश ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर शिकायत इसकी शिकायत की तो डीआरएम विनीत श्रीवास्तव ने वाणिज्य प्रशासन को कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्य वाणिज्य निरीक्षक (डीसीआइ) संजीत कुमार ने आरपीएफ थाना में ठेका फर्म गुलाब सोनकर व उसके वेंडर के खिलाफ प्रीमियम की जगह सामान्य पर्ची से पार्किंग वसूलने का केस दर्ज कराया।
प्लेटफार्म नंबर आठ का ठेकेदार भी कर रहा मनमानी
बनारस रेल मंडल प्रशासन ने प्लेटफार्म नंबर एक के पार्किंग ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई तो कर दी, लेकिन समस्या बदस्तूर है। प्लेटफार्म नंबर आठ की साइट में पार्किंग ठेकेदार के वेंडर जबरन वसूली कर रहे हैं। आरोप है कि विरोध करने पर ठेकेदार के लोग मारपीट करने पर आमादा हो जाते हैं। शनिवार को दो व्यक्तियों ने शिकायत की कि एक घंटे के लिए वेंडर ने सौ रुपये वसूलने की बात कही, लेकिन पांच मिनट की देरी हुई तो सौ रुपये अतिरिक्त ऐंठ लिए।
एक साल बाद भी नहीं लगा बूम, सोए रहते जिम्मेदार
पार्किंग वसूली के लिए कंप्यूटराइज्ड बूम लगाने के आदेश है। ठेकेदार ने गिनती के 10 से 15 दिन बूम से वसूली के बाद मैनुअली गाड़ियों को एंट्री व एक्जिट देने लगा। पार्किंग ठेकेदार ने बताया था कि किसी वाहन की टक्कर से बूम टूटा है, जल्द ही लगवा दिया जाएगा। एक साल से ज्यादा का समय बीत गया लेकिन रेलवे के किसी जिम्मेदार ने सुध नहीं ली।
निगरानी की कई स्तर पर व्यवस्था, फिर भी लुट रहे यात्री
बनारस रेलवे स्टेशन से एक दर्जन यात्री ट्रेनों के रवाना किए जाने से इसका कद भी बड़ा हो गया है। रेलवे ने यहां पहले से तैनात स्टेशन अधीक्षक के ऊपर स्टेशन डायरेक्टर की नियुक्ति कर दी, लेकिन उसके बावजूद व्यवस्था में ज्यादा सुधार होता नहीं दिखता।
पार्किंग वसूली के नाम पर लूट इसका एक बड़ा नमूना हो सकता है। आरपीएफ के जिम्मे यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा है, लेकिन उसे भी दुश्वारियां नजर नहीं आतीं। हालांकि रेल प्रशासन ने जिम्मेदारों पर कार्रवाई की बात कही है, लेकिन यह कितना प्रभावी होगा वक्त ही बताएगा।
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