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पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचार आज भी प्रासंगिक, जयंती पर आयोजित होंगे विविध कार्यक्रम

एकात्म मानववाद के विचारों के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय केवल एक नाम ही नहीं बल्कि एक विचारधारा थे। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं। सरकार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का विकास उनका सपना था और इसी सपने को भाजपा सरकार आगे बढ़ा रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 07:22 AM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 09:58 AM (IST)
वाराणसी व चंदौली जनपद की सीमा पड़ाव पर स्थापित पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति संग्रहालय।

वाराणसी, जेएनएन। एकात्म मानववाद के विचारों के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय केवल एक नाम ही नहीं, बल्कि एक विचारधारा थे। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं। केंद्र सरकार हो या प्रदेश सरकार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का विकास उनका सपना था और इसी सपने को भाजपा सरकार आगे बढ़ा रही है। पंडित जी के विचार को जन-जन अपने जीवन में आत्मसात करें, इसके लिए पड़ाव को उनका अंतिम पड़ाव मानते हुए यहां उनकी स्मृति में पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति संग्रहालय बनाया गया है।

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स्मृति संग्रहालय के बीच में देश में अब तक लगी उनकी प्रतिमा में सबसे ऊंची 63 फिट की पंचधातु निर्मित प्रतिमा स्थापित की गई है। यहां पर्यटकों को उनके सिद्धांत को जानने का मौका मिलेगा। स्मृति संग्रहालय में बनी दीवारों पर पं. दीनदयाल के जीवन चरित्र को आकर्षित कलाकृतियों के माध्यम से उकेरा गया है, जिससे यहां आने वाले पर्यटक उनके विचारों से अभिभूत हो सकें। वाराणसी तथा चंदौली जनपद की सीमा पड़ाव पर स्थापित यह स्मृति संग्रहालय पर्यटक की दृष्टि से काफी महत्वपूर्व है। चंदौली की अलग पहचान स्थापित हुई है।

पीएम ने लोकार्पण तो गृहमंत्री ने किया था शिलान्यास

पड़ाव चौराहे पर गन्ना विकास संस्थान की करीब 3.67 हेक्टेयर जमीन में पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल बनाया गया है। इसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 16 फरवरी को किया था तो पांच अगस्त-2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पं. दीनदयाल स्मृति स्थल की घोषणा करते हुए भाजपा गृहमंत्री तथा तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के हाथों शिलान्यास करवाया था। स्मृति स्थल का डीपीआर 126.07 करोड़ का है। पहले फेज में 39.74 करोड़ रुपये स्वीकृत हुआ था। स्मृति स्थल की कार्यदायी एजेंसी वीडीए (वाराणसी विकास प्राधिकरण) है।  पं. दीनदयाल की 63 फीट ऊंची पंचधातु की प्रतिमा को जयपुर की कंपनी ने बनाई थी।

स्मृति संग्रहालय में यह है खास

प्रतिमा स्थापना के अलावा इंटरप्रिटेशनवॉलपर पत्थर, ओपेन एयरथियेटर, कुंड, मेडिटेशन सेंटर, पॉथवे, एसटीपी निर्माण, लॉन, वॉटर चैनल, पानी फिल्टरेशन यूनिट, एचटी पैनल, गार्ड रूम व बाउंड्री वॉल, सैंड स्टोन आदि का निर्माण हुआ है।


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