Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भाई-बहन अलग मनाएंगे पद्मविभूषण छन्नूलाल की तेरहवीं, संपत्ति विवाद में उलझा परिवार

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 11:09 AM (IST)

    पद्मविभूषण पं. छन्नूलाल मिश्र की तेरहवीं उनके पुत्र पं. रामकुमार मिश्रा और बेटी नम्रता मिश्र अलग-अलग स्थानों पर करेंगे, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया है। पुत्र दुर्गाकुंड में, तो बेटी रोहनिया में तेरहवीं का आयोजन करेंगी। परिवार में संपत्ति और सेवा को लेकर पहले से ही विवाद था, जो अब खुलकर सामने आ गया है। विद्वानों के अनुसार, एक व्यक्ति की दो स्थानों पर तेरहवीं शास्त्र सम्मत नहीं है।

    Hero Image

    पद्मविभूषण पं. छन्नूलाल मिश्र की तेरहवीं को लेकर विवाद। जागरण

    शैलेश अस्थाना, जागरण वाराणसी। ख्यात शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण पं. छन्नूलाल मिश्र के पुत्र व ख्यात तबला वादक पं. रामकुमार मिश्रा पिता की तेरहवीं 14 अक्टूबर को दुर्गाकुंड स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार महाविद्यालय में करेंगे। वहीं उनकी आत्मा की शांति के लिए हवन-यज्ञ, भोज व भंडारा होगा। वहीं, छोटी बेटी नम्रता मिश्र रोहनिया में तेरहवीं का आयोजन करेंगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इससे काशी के प्रबुद्धजन, पं.छन्नूलाल के शिष्य, प्रियजन व संगीत जगत के लोग हतप्रभ हैं। पं. छन्नूलाल मिश्र का निधन दो अक्टूबर को हुआ था, उनका दसवां 11 अक्टूबर को तथा तेरहवीं 14 अक्टूबर को होना है। इस विवाद में पद्मविभूषण के पुत्र व मझली बेटी ममता मिश्र एक साथ हैं तो सबसे छोटी बहन डा. नम्रता मिश्र एक तरफ।

    पंडितजी का निधन डा. नम्रता मिश्रा के ही आवास पर मीरजापुर में हुआ था। परिवार में विवाद तभी सामने आ गया था, जब कोविड काल में पंडितजी की पत्नी और एक बेटी के निधन के बाद से वह स्वयं बीमार रहने लगे थे। सुपुत्र पं. रामकुमार मिश्र बताते हैं कि वह ज्यादातर बाहर रहते हैं, ऐसे में उनकी देखभाल व सेवा के लिए तब उनके पुत्र यानी पं. छन्नूलाल के पौत्र पं. राहुल मिश्रा व उनके भांजे आदित्य उनके साथ थे। बाद में छोटी बेटी नम्रता उन्हें मीरजापुर ले गईं।

    इसी बीच लगभग दो वर्ष पूर्व मझली बहन ममता ने संपत्ति के लिए छोटी बहन नम्रता पर मारपीट का भी आरोप लगाया था। छोटी बहन ने बेच दिया पिता के सपनों का घर : पं. रामकुमार मिश्र व मझली बहन ममता मिश्र ने आरोप लगाया है कि छोटी बहन नम्रता ने पिताजी द्वारा बनवाया गैबी स्थित उनके सपनों का घर बेच दिया है।

    बोले, वह तो खरीदने वालों की भलमनसाहत है कि उन्होंने पिताजी की शवयात्रा वहां से निकालने तथा अंतिम क्रिया-कर्मादि के लिए वह घर उपलब्ध करा दिया है। डा. नम्रता ने झूठ बोलकर मुख्यमंत्री के आने पर उसे ही उनका घर कहकर प्रचारित किया।

    इच्छानुसार हो रहे सारे कर्म

    पं. रामकुमार मिश्र ने कहा कि पिताजी जब बीमार थे और राहुल सेवा कर रहे थे तभी उन्होंने उससे कहा था, ‘हम मर जाइब त मुन्ना (पं. रामकुमार) के आगी मत देवे दीहा, तूही आगी दीहा। अउर हमार क्रिया तीन दिन में निपटा दीहा। नाहीं त दस दिन तक आत्मा भटकत रही।’ माताजी के निधन पर खुद उन्होंने त्रिरात्रि पद्धति से ही श्राद्ध कराया।

    यह भी पढ़ें- बीएचयू में छात्रा की कार्डियक अरेस्ट से मौत, लापरवाही का आरोप लगाकर छात्राओं ने किया हंगामा

    दो स्थानों पर तेरहवीं शास्त्र सम्मत नहीं

    प्रो. रामनारायण श्रीकाशी विद्वत परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने कहा कि शास्त्र एक ही व्यक्ति की तेरही दो अलग-अलग स्थानों पर करने की अनुमति नहीं देते। श्राद्ध पर्व निर्णय ग्रंथ के अनुसार पूरे परिवार को एकमत होकर मृतक का तेरहवीं संस्कार, ब्रह्मभोज करना चाहिए। अलग-अलग तेरहवीं करने पर गतात्मा को क्लेश होता है और उनका संताप बना रहेगा। इसका दुष्परिणाम दोनों लोगों को भुगतना होगा।

    तेरहवीं तक शांत रह लें भैया

    डा. नम्रता ने भी यही कहा कि भैया खाली बैठे हैं, अनाप-शनाप बयान मीडिया को दे रहे हैं, मैंने पिता की अंतिम समय तक सेवा की है, मेरी अंतिम क्रिया-कर्मों में निष्ठा है, मैं उसे विधिपूर्वक करूंगी। वह लोग तो त्रिरात्रि कर निवृत्त हो लिए। मैं गरुण पुराण करा रही हूं। 11 को असि घाट पर दसवां भी होगा। 14 को रोहनिया में तेरहवीं होगी। भैया को चाहिए कि तेरहवीं बाद दोषारोपण करें।

    दुखद है विवाद

    ख्यात सितार वादक पं. शिवनाथ मिश्र ने कहा कि पं. छन्नूलाल मिश्र के निधन के बाद यह विवाद दुखद है। बच्चों को चाहिए कि कुछ ऐसा न करें, जिससे उनकी आत्मा को दुख पहुंचे। यदि कोई आपसी मतभेद, मनमुटाव है, तो हमें बताते, एक अभिभावक के रूप में मैं मिल-बैठकर दोनों को समझाता और विवाद हल होता।