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    अक्टूबर माह में दशहरा, दीपावली और छठ समेत 66 प्रमुख पर्वों और त्योहारों का लगेगा मेला

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 11:06 AM (IST)

    अक्टूबर माह त्योहारों से भरा रहेगा। इस महीने में दशहरा शरद पूर्णिमा करवा चौथ धनतेरस दीपावली और छठ जैसे कई महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाएंगे। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पांडेय के अनुसार कई वर्षों बाद ऐसा होगा कि धनतेरस और धन्वंतरि जयंती अलग-अलग दिनों में मनाई जाएंगी।

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    कई वर्षों बाद ऐसा होगा कि धनतेरस और धन्वंतरि जयंती अलग-अलग दिनों में मनाई जाएंगी।

    शैलेश अस्थाना, जागरण, वाराणसी। अक्‍टूबर माह त्‍योहारों, पर्वों का पूरा मेला लेकर आ रहा है। मां आदिशक्ति की आराधना के अनुष्ठानों की पूर्णाहुति, हवि की सुगंध से सुवासित वातावरण व अगले दिन विजयदशमी के उल्लास, मां की विदाई संग उत्सवी वातावरण में आरंभ होने वाला अक्टूबर माह त्योहारी वातावरण में ही समाप्त भी होगा।

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    इसी माह में दशहरा, शरद पूर्णिमा, वाल्मीकि जयंती, करवा चौथ, धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, अन्नकूट, भैया दूज, चित्रगुप्त पूजा, यमुना स्नान जैसे बड़े पर्व सनातन के वैभव का यशोगान करेंगे तो छठ जैसे सूर्योपासना के लोकमहापर्व सनातन की विविधता में एकता और समरसता का रंग भरते दिखेंगे। अक्टूबर माह के 31 दिनों में हालांकि पांच दिन कोई पर्व नहीं होगा, लेकिन इसी 31 दिन के बीच लगभग 66 पर्व मनाए जाएंगे।

    काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पांडेय के अनुसार संभवत: वर्षों बाद ऐसी स्थिति आई है जब धनतेरस व धन्वंतरि जयंती अलग-अलग दिनों में मनाई जाएगी। आम तौर पर ये दोनों पर्व एक साथ एक ही दिन कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को पड़ते हैं।

    इस बार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी 18 अक्टूबर की सायं लगेगी, इसलिए धनतेरस पर्व इसी अवधि में मनाया और यम के नाम दीपदान किया जाएगा, जबकि त्रयोदशी अगले दिन उदयातिथि में होने के कारण भगवान धन्वंतरि की जयंती 19 अक्टूबर को मनाई जाएगी। उसी दिन मास शिवरात्रि व्रत, कामेश्वरी जयंती, नरक चतुर्दशी, छोटी दीपावली, हनुमान जयंती मनाई जाएगी तथा गोत्रिरात्रि का आरंभ होगा।

    दीपावली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी तथा प्रात:काल हनुमत दर्शन-पूजन होग। उसी दिन अर्धरात्रि में महानिशीथ काल में महाकाली की तांत्रिक पूजा होगी। दीपावली के अगले दिन भी अमावस्या होने के कारण कार्तिक शुक्ल प्रतिपद में अन्नकूट व परेवा 22 अक्टूबर को होंगे। भैयादूज, गोवर्धन पूजा, भगवान चित्रगुप्त व कलम-दवात पूजा 23 अक्टूबर को होगी।

    प्रकाश पर्व के पश्चात आरंभ होगा सूर्योपासना का महापर्व : इस बार प्रकाश पर्व छह दिवसीय होगा जो 18 अक्टूबर से आरंभ होकर भैयादूज, चित्रगुप्त पूजा के साथ संपन्न होगा तो इसके एक दिन के अंतराल के बाद कार्तिक शुक्ल चतुर्थी 25 अक्टूबर को नहाय खाय के साथ सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व डाला छठ व्रत आरंभ हो जाएगा जो 28 अक्टूबर को उदीयमान सूर्य का अर्घ्य के साथ संपन्न होगा। 29 को गोपाष्टमी व 30 को आंवला वृक्षों के नीचे भोजन के साथ अक्षय नवमी पर्व मनाया जाएगा। उत्सव, उल्लास संग वाह्य और आंतरिक प्रकाश से भरपूर होगा माह l

    महीने के 31 दिनों के 26 दिन में मनाए जाएंगे 66 पर्व-त्योहार, व्रत

    1 अक्टूबर : महानवमी, नवरात्र व्रत अनुष्ठान पूर्णाहुति।

    2 अक्टूबर : नवरात्र व्रत पारण, विजयदशमी, दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, शस्त्रपूजन, सरस्वती पूजन, शमी पूजन, अपराजिता पूजन, सीमोल्लंघन, नीलकंठ दर्शन। महात्मा गांधी व शास्त्री जयंती, संघ स्थापना दिवस।

    3 अक्टूबर : पापांकुशा एकादशी, काशी में नाटी इमली का भरत मिलाप।

    4 अक्टूबर : शनि प्रदोष, पुत्र कामन व्रत आरंभ, पद्मनाभ द्वादशी, दुग्धदान।

    6 अक्टूबर : शरद पूर्णिमा, कोजागरी, व्रत पूर्णिमा।

    7 अक्टूबर : स्नान दान की पूर्णिमा, वाल्मीकि जयंती, पराशर जयंती।

    8 अक्टूबर : अशून्य शयन व्रत, कार्तिक प्रतिपदा।

    10 अक्टूबर : संकष्टी गणेश चतुर्थी, करवा चौथ।

    13 अक्टूबर : अहोई अष्टमी।

    14 अक्टूबर : राधाष्टमी राधा जयंती।

    17 अक्टूबर : रंभा एकादशी, गोवत्स द्वादशी

    18 अक्टूबर : शनि प्रदोष, धनतेरस, यम दीपदान।

    19 अक्टूबर : मास शिवरात्रि व्रत, धन्वंतरि जयंती, कामेश्वरी जयंती, नरक चतुर्दशी, छोटी दीपावली, हनुमान जयंती, गोत्रिरात्रि आरंभ।

    20 अक्टूबर : दीपावली, हनुमत दर्शन-पूजन, महाकाली निशीथ पूजा।

    21 अक्टूबर : स्नान-दान, श्राद्ध की अमावस्या, भौमवती अमावस्या, महावीर निर्वाण दिवस, गोत्रिरात्रि समाप्ति।

    22 अक्टूबर : अन्नकूट, परेवा।

    23 अक्टूबर : गोवर्धन पूजा, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया, भैयादूज, चित्रगुप्त पूजा (कलम-दवात पूजा), यमपंचक निवृत्ति, यमुना स्नान।

    25 अक्टूबर: वैनायकी गणेश चतुर्थी, डाला छठ व्रत का नहाय-खाय।

    26 अक्टूबर : खरना।

    27 अक्टूबर : डाला षष्ठी व्रत सायंकालीन अर्घ्य, स्कंध षष्ठी व्रत।

    28 अक्टूबर : उदीयमान सूर्य को अर्घ्य, डाला षष्ठी व्रत पारण।

    29 अक्टूबर : गोपाष्टमी।

    30 अक्टूबर : अक्षय नवमी, विष्णु त्रिरात्र आरंभ।

    31 अक्टूबर : सरदार पटेल जयंती, इंदिरा गांधी बलिदान दिवस, राष्ट्रीय एकता दिवस।