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मशरूम का निर्यात : एनसीडीसी के सहयोग से वाराणसी के टिकरी में तैयार होगा कोल्ड रूम, अंतरराष्ट्रीय मानक पर होगी पैकेजिंग

पूर्वांचल से कुछ ही सालों में 25 हजार टन से ऊपर फल व सब्जियों का निर्यात किया गया है। एफपीओ से जुड़े किसानों को बड़ी मात्रा में लाभ भी होने लगा है। काशी क्षेत्र के किसानों द्वारा तैयार उत्पाद की दुनिया के देशों में लगातार मांग बढ़ रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 08:10 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 08:10 AM (IST)
मशरूम का निर्यात : एनसीडीसी के सहयोग से वाराणसी के टिकरी में तैयार होगा कोल्ड रूम, अंतरराष्ट्रीय मानक पर होगी पैकेजिंग
वाराणसी से जुड़ी सैकड़ों महिलाएं मशरूम का उत्पादन कर अफ्रीकी देशों में निर्यात करेंगी।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : दुनिया के कई देशों में फल व सब्जियों का निर्यात काशी क्षेत्र के निर्यातक किसानों ने किया है। अब कृषक उत्पादन संगठन वाराणसी से जुड़ी सैकड़ों महिलाएं मशरूम का उत्पादन कर अफ्रीकी देशों में निर्यात करेंगी। इसके लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के सहयोग से टिकरी में कोल्ड रूम तैयार किया जाएगा, जिसमें अंतरराष्ट्रीय मानक पर मशरूम की पैकेजिंग की जाएगी।

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बता दें कि पूर्वांचल से कुछ ही सालों में 25 हजार टन से ऊपर फल व सब्जियों का निर्यात किया गया है। एफपीओ से जुड़े किसानों को बड़ी मात्रा में लाभ भी होने लगा है। काशी क्षेत्र के किसानों द्वारा तैयार उत्पाद की दुनिया के देशों में लगातार मांग बढ़ रही है। अब बारी है मशरूम की। इसके लिए कृषक उत्पादक संगठन वाराणसी के अध्यक्ष अमित सिंह बताते हैं कि महिलाएं सशक्त हों इसके लिए मशरूम की खेती शुरू की गई है। केन्या समेत अफ्रीका के कई देशों में पोषक तत्व से भरे मशरूम की मांग ज्यादा है। अब हम उसी की तैयारी में हैं।

47 लाख टर्न ओवर, दो करोड़ का लक्ष्य

अध्यक्ष अमित बताते हैं कि एफपीओ में 304 सदस्य हैं। इसमें 80 फीसद से अधिक महिलाएं हैं। मात्र छह महीने में मशरूम से 47 लाख रुपये का टर्न ओवर हुआ है। अब दो करोड़ रुपये के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है। यहां से मशरूम छपरा (बिहार), सिंगरौली (मध्यप्रदेश) और उत्तर प्रदेश में गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़, बलिया, मऊ और सोनभद्र में भेजा गया।

200 वर्ग फीट में भी मशरूम की खेती

टिकरी निवासी संगीता पांडेय बताती हैं कि घर में 200 वर्ग फीट में ही मशरूम की खेती करनी है। ओस्टर प्रजाति का बीज व अन्य सामान निश्शुल्क मिला है। प्रशिक्षण मिला है। हमारे साथ ही 70 महिलाएं हैं जो मशरूम की खेती से जुड़ी हैं।

- अंतरराष्ट्रीय मानक पर पैकेजिंग व अन्य सुविधाओं के लिए टिकरी में कोल्ड रूम बनेगा। इसके लिए प्रस्ताव मिल गया है। इसकी लागत 20 लाख रुपये होगी।

- संजीव मिश्र, सहायक निदेशक, एनसीडीसी लखनऊ।

- मशरूम की खेती बढ़ाने और उसके निर्यात को लेकर बातचीत जारी है। इससे महिलाओं की आय बढ़ेगी जिससे उनका सशक्तीकरण हो सकेगा।

- डा. सीबी सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, एपीडा।


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