सारनाथ में अराजकतत्वों ने काली माता मंदिर में लगाई आग, हजारों नारियल और चुनरी संग पेड़ भी जला
वाराणसी के सारनाथ स्थित प्राचीन काली माता मंदिर में अराजकतत्वों ने आग लगा दी। इस घटना में काली माता की प्रतिमा, हजारों नारियल, चुनरी और एक विशाल बरगद ...और पढ़ें

आग लगाने के मामले में भक्तों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। सारनाथ के आशापुर चौराहे पर स्थित प्राचीन काली माता मंदिर में बीती रात अराजकतत्वों ने आग लगा दी। यह घटना इतनी गंभीर थी कि आग की लपटों ने काली माता की प्रतिमा, हजारों नारियल और चुनरी को जलाकर राख कर दिया। फायर बिग्रेड की टीम ने आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक सब कुछ जलकर खाक हो चुका था।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह घटना रात लगभग साढ़े तीन बजे हुई, जब अराजकतत्वों ने मंदिर के पास स्थित विशाल बरगद के पेड़ के नीचे आग लगाने के लिए बिजली का तार काट दिया। इस मंदिर में भक्त अपनी आस्था के अनुसार नारियल और चुनरी चढ़ाते थे, जो अब जलकर राख हो गए हैं। आग लगने की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और फायर बिग्रेड की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक सब कुछ जल चुका था।
सुबह होते ही आग लगने की खबर फैल गई, जिससे आसपास के लोग मंदिर के पास इकट्ठा हो गए और अपनी नाराजगी व्यक्त की। पुजारी किशन ने इस घटना की तहरीर दी है। थाना प्रभारी पंकज त्रिपाठी ने बताया कि घटना की जांच के लिए सीसी फुटेज की जांच की जा रही है। कुछ फुटेज में संदिग्ध युवक दिखाई दिए हैं, जिनकी पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस घटना ने स्थानीय समुदाय में गहरा आक्रोश पैदा किया है। भक्तों का कहना है कि यह मंदिर उनकी आस्था का केंद्र है और इस प्रकार की घटनाएं समाज में असुरक्षा का माहौल पैदा करती हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
काली माता मंदिर का इतिहास काफी पुराना है और यह क्षेत्र के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यहां हर साल हजारों की संख्या में भक्त आते हैं और अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए नारियल और चुनरी चढ़ाते हैं। इस मंदिर की आस्था और मान्यता को देखते हुए, इस प्रकार की घटना ने सभी को हतप्रभ कर दिया है।
स्थानीय प्रशासन ने इस घटना के बाद सुरक्षा के उपायों को बढ़ाने का आश्वासन दिया है। पुलिस ने कहा है कि वे इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतेंगे और जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ने का प्रयास करेंगे।
इस घटना ने न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत किया है, बल्कि समाज में एकता और शांति को भी चुनौती दी है। सभी की नजर अब इस मामले की जांच पर है, ताकि दोषियों को सजा मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।

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