वाराणसी में जमीन परिवहन निगम की और सुलभ शौचालय के लिए लीज पर दे दिया नगर निगम ने
रोडवेज बस स्टैंड परिसर में सुलभ शौचालय की जमीन का लीज खत्म होने के बाद नगर निगम ने परिवहन निगम से अनुमति लिए बगैर नवीकरण कर दिया। मामला संज्ञान में आने पर परिवहन निगम ने आपत्ति जताते हुए नगर निगम को पत्राचार किया है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : रोडवेज बस स्टैंड परिसर में सुलभ शौचालय की जमीन का लीज खत्म होने के बाद नगर निगम ने परिवहन निगम से अनुमति लिए बगैर नवीकरण कर दिया। मामला संज्ञान में आने पर परिवहन निगम ने आपत्ति जताते हुए नगर निगम को पत्राचार किया है।
पत्र में पूछा है कि क्या अनुबंध खत्म होने के बाद परिवहन निगम के संज्ञान में लिए बगैर लीज अवधि बढ़ाई जा सकती है। यदि ऐसा हो सकता है तो शासनादेश उपलब्ध कराएं। सुलभ शौचालय बस स्टेशन में वैध या अवैध है। जवाब स्पष्ट नहीं मिलने पर परिवहन निगम मुख्यालय से अनुमति लेकर आगे की कार्रवाई करेगा।
परिवहन निगम अपनी संपत्ति को लेकर संजीदा नहीं दिख रहा है। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते बस स्टेशन की भूमि आय का जरिया बनने की बजाय दूसरे कार्यों में उपयोग हो रही है। इसका उदाहरण रोडवेज बस स्टैंड पर देखा जा सकता है। जहां वाणिज्यिक भूमि पर खुले शौचालय को नगर निगम ने दोबारा ठेकेदार के नाम लीज कर दिया गया। इस बारे में परिवहन निगम से अनुमति कोई अनुमति भी नहीं ली गई।
30 साल का था अनुबंध
स्वच्छता मिशन के तहत वर्ष-1988 में सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय बनाया गया था। नगर निगम की निगरानी में यह सुलभ शौचालय को ठेका दिया गया था। बस और रेलवे स्टेशन पर भी 30 वर्ष की लीज पर जगह उपलब्ध कराई गई थी। रोडवेज बस स्टेशन परिसर में भी 1800 वर्ग फीट जमीन निश्शुल्क दी गई थी। लीज की मियाद वर्ष-2018 में ही पूरी हो गई और बिना परिवहन निगम की अनुमति लिए नगर निगम ने ठीकेदार को वर्ष-2017 में लीज का नवीकरण कर दिया। मामला संज्ञान में आने पर परिवहन निगम ने नगर निगम को पत्राचार कर नवीकरण करने के बारे में पूछा है।
सुलभ शौचालय के जमीन का लीज पूरा होने के बाद नगर निगम ने परिवहन निगम से कोई अनुमति नहीं ली और दोबारा नवीकरण कर दिया। यह गलत है। इसको लेकर नगर निगम से पत्राचार किया गया है। साथ ही लीज संबंधित जानकारी मांगी गई है।
-केके तिवारी, क्षेत्रीय प्रबंधक-परिवहन निगम
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