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    नए साल पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन को पहुंच रहे लाखों श्रद्धालु, आस्‍थावानों से बम-बम हुई काशी

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Tue, 30 Dec 2025 01:05 PM (IST)

    नए साल पर काशी पर्यटकों का नया पसंदीदा स्थल बन गया है। बाबा विश्वनाथ के दर्शन और गंगा स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु वाराणसी पहुंच रहे हैं। क्रिसमस अवका ...और पढ़ें

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    नववर्ष पर श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी होने का अनुमान है, जिससे काशी की आस्था और सांस्कृतिक धरोहर जीवंत हो उठी है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। पर्यटकों के ल‍िए नया साल मनाने के ल‍िए टूर‍िस्‍ट डेस्‍ट‍िनेशन अब गोवा मनाली से बदलकर आस्‍थापथ पर काशी हो गया है। बाबा के भक्‍तों की भीड़ नए साल पर बाबा का दर्शन करने के ल‍िए प्रचंड रूप से पहुंच रही है। माना जा रहा है क‍ि अब काशी देश का सबसे बड़ा पर्यटन का हब हो चुका है जबक‍ि पर्यटकों का आगमन नए साल पर हो रहा है तो काशी में भीड़ भी प्रचंड हो चली है। सोमवार को दोपहर तक एक लाख से अध‍िक लोग बाबा का दर्शन कर चुके थे। 

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    नववर्ष की शुरुआत से पहले काशी में बाबा विश्वनाथ के भक्तों की भीड़ में तेजी से वृद्धि हो रही है। श्रद्धालु यहां बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने और मां गंगा में पुण्य डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं, ताकि वे वर्ष के अंत को विदाई और नए वर्ष के स्वागत की कामना कर सकें। इन दिनों क्रिसमस के अवकाश के चलते प्रतिदिन चार लाख से अधिक लोग बाबा के दर्शन के लिए आ रहे हैं। काशी की गलियों से लेकर घाटों तक और बाबा के अंगनाई तक श्रद्धालुओं का रेला दिखाई दे रहा है।

    सोमवार को इस संख्या में थोड़ी कमी आई और शाम के छह बजे तक ढाई लाख लोगों ने ही दर्शन किए। पिछले दिनों की तुलना में भीड़ में कमी आने के कारण कुछ और हजार लोग संभवतः शयन आरती तक दर्शन कर पाए होंगे। प्रचंड शीतलहर के बावजूद श्रद्धालुओं की उमड़ती भीड़ बढ़ती ही जा रही है। हर मंदिर और घाट पर भक्तों का रेला उमड़ा पड़ा है। गंगा में नौकायन की होड़ के कारण जलमार्ग पर देवदीपावली की तरह ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

    धाम परिसर में श्रद्धालुओं के जनप्रवाह को देखते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने तीन जनवरी तक के लिए बाबा का स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी है। भक्तों को झांकी दर्शन कराया जा रहा है। परिसर में भीड़ प्रबंधन के लिए महाकुंभ और सावन प्लान लागू कर दिया गया है। पुलिस-प्रशासन भी इसी दिशा में कार्य कर रहा है। वर्षांत से तीन-चार दिन पहले की इस स्थिति को देखते हुए नववर्ष की तिथि पर श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

    गंगा घाट से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम तक श्रद्धालुओं और पर्यटकों का रेला उमड़ रहा है। सोमवार को अपेक्षाकृत कम दिखी भीड़, लेकिन नववर्ष तक इसके दोगुना होने की संभावना है। श्रद्धालुओं की यह भीड़ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि काशी की सांस्कृतिक धरोहर को भी दर्शाती है।

    श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए कतारें लगाई गई हैं और श्रद्धालुओं को उचित दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। इसके अलावा, घाटों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गंगा में नावों की संख्या बढ़ाई गई है, ताकि वे आसानी से घाटों तक पहुंच सकें। श्रद्धालुओं के लिए विशेष पूजा-अर्चना और भोग का आयोजन भी किया जा रहा है।

    काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। यह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि काशी की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता को भी दर्शाता है। नववर्ष के आगमन के साथ ही यह संख्या और भी बढ़ने की संभावना है, जिससे काशी का यह धार्मिक स्थल और भी जीवंत हो उठेगा। श्रद्धालुओं की इस भीड़ के बीच, प्रशासन और मंदिर प्रबंधन की जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है, ताकि सभी भक्तों को सुरक्षित और सुखद अनुभव मिल सके। काशी की यह धार्मिक यात्रा हर वर्ष की तरह इस बार भी श्रद्धा और भक्ति से भरी हुई है।