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    Janmashtami: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बन रहा जयंती योग का दुर्लभ संयोग, अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र का सही समय

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Wed, 06 Sep 2023 11:41 AM (IST)

    Shri Krishna Janmashtami 2023 Date भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तद्नुसार बुधवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। वैष्णव संप्रदाय के उदय व्यापिनी रोहिणी मतावलंबी वैष्णवजन सात सितंबर को व्रत-पर्व मनाएंगे। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर जयंती योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। बीएचयू ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विनय पांडेय के अनुसार भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी बुधवार शाम 7.58 बजे लग रही जो गुरुवार शाम 7.52 बजे तक रहेगी।

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    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बन रहा जयंती योग का दुर्लभ संयोग, अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र का सही समय

    जागरण संवाददाता, वाराणसी: भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तद्नुसार बुधवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। वैष्णव संप्रदाय के उदय व्यापिनी रोहिणी मतावलंबी वैष्णवजन सात सितंबर को व्रत-पर्व मनाएंगे। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर जयंती योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है।

    बीएचयू ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विनय पांडेय के अनुसार भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी बुधवार शाम 7.58 बजे लग रही जो गुरुवार शाम 7.52 बजे तक रहेगी। रोहिणी नक्षत्र का आरंभ बुधवार दोपहर 2.39 बजे हो रहा जो गुरुवार दोपहर 3.07 बजे तक रहेगी।

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    अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग से मनाई जाएगी जन्माष्टमी

    ऐसे में बुधवार की मध्य रात्रि में अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र के संयोग से बुधवार को ही जन्माष्टमी मनाई जाएगी। जन्माष्टमी और जयंती के भेद से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव दो प्रकार का होता है। इसमें भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी जन्माष्टमी के नाम से और अष्टमी यदि रोहिणी नक्षत्र से युक्त होती है तो जयंती नामक योग का निर्माण करती है।

    यह जयंती व्रत अन्य व्रत की अपेक्षा विशिष्ट फल प्रदान करने वाली होती है। विष्णु रहस्य में कहा गया है कि भाद्रपद कृष्ण अष्टमी यदि रोहिणी नक्षत्र से युक्त होती है तो जयंती होती है। यह जयंती पुण्य प्रदायिनी और सभी प्रकार के पापों का नाश करने वाली होती है।