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    UP News: कृष्ण ने खींचा BHU के पूर्व छात्र कथक नर्तक आशीष सिंह का मन, सोशल मीडिया पर वायरल होता है वीडियो

    काशी के होनहार कथक नर्तक आशीष सिंह सोशल मीडिया पर अपनी भारतीय शास्त्रीय नृत्य परंपरा को आगे बढ़ाने में जुटे हुए हैं। वह कथक नृत्य की अलग-अलग मुद्राओं की वीडियो सोशल मीडिया पर डालते रहते हैं। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वह काशी के गंगा घाट किनारे बांसुरी की धुन पर कथक की मुद्राओं का प्रदर्शन कर रहे हैं।

    By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 09 Oct 2024 12:33 PM (IST)
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    कथक डांसर आशीष सिंह उर्फ नृत्य मंजरी दास। जागरण

     डिजिटल डेस्‍क, वाराणसी। जहां एक तरफ सोशल मीडिया पर अपने आप को फेमस करने के उद्देश्य से लोग अजीबो गरीब वीडियो वायरल करने में लगे रहते हैं। वही काशी (वाराणसी) का एक होनहार कलाकार आशीष सिंह (नृत्य मंजरी दास) सोशल मीडिया से अपनी भारतीय शास्त्रीय नृत्य पंरपरा को आगे बढ़ाने में जुटा हुआ है। वह कथक नृत्य की अलग-अलग मुद्राओं की वीडियो सोशल मीडिया पर डालते रहते हैं।

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    उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा, जिसमें वह काशी के गंगा घाट किनारे बांसुरी की धुन पर कथक की मुद्राओं का प्रदर्शन कर रहे हैं।

    काशी से पहुंचे वृंदावन

    काशी के कलाकार कथक नर्तक आशीष सिंह को कृष्ण की कथा वृंदावन ले आईं। यहां राधारमण लाल देव जू ने उन्हे वृंदावन से जाने ही नहीं दिया। देश विदेश के बड़े बड़े मंचो पे नृत्य करने वाले आशीष सिंह अब श्री राधारमण को रिझाने लगे और गुरु जी ने नृत्य सेवा देख प्रसन्न हो रख दिया नाम 'नृत्य मंजरी दास' तब से वृंदावन में प्रसिद्ध हुए 'कथक नर्तक आशीष सिंह नृत्य मंजरी दास' के नाम से।

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    कथक की प्रारम्भिक शिक्षा

    आशीष की मुलाकात पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज जी की शिष्या संगीता सिन्हा से हुईं। आशीष में कथक का अंकुर बनारस घराने की मशहूर कथक नृत्यांगना सरला नारायण सिंह से आया। वो उनको अपना आदर्श भी मानते हैं। इसके बाद बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संगीत एवम् मंच कला संकाय से वर्ष 2007 से 2012 तक कथक नृत्य में बैचलर और मास्टर की डिग्री ( प्रो रंजना श्रीवास्तव और डाक्टर विधि नागर) के मार्ग दर्शन में प्राप्त की।

    आशीष ने पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज जी से भी कथक कार्यशालाओ के माध्यम से कथक की बारीकियां सीखी हैं। आशीष को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय छात्र वृत्ति भी प्राप्त हुईं हैं। पंडित बिरजू महाराज जी के निर्देशन में वर्ष 2010 में कॉमन वेल्थ गेम्स के उद्घाटन समारोह में भी नृत्य की प्रस्तुती दी। वह देश के प्रतिष्ठित मंचो पर अपनी नृत्य प्रस्तुत कर चुके हैं।

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    आज आशीष वृंदावन में रहकर कथक नृत्य की प्राचीन परम्परा को भारतीय बच्चो के साथ साथ विदेशी विद्यार्थियो को भी कथक सीखा रहे हैं, कथक कार्यशाला के माध्यम से देश के अलग अलग हिस्सों में जैसे उत्तराखंड के अल्मोडा, देहरादून, न्यू टिहरी गढ़वाल, यूपी में पिहानी हरदोई, राजस्थान के भिलवाड़ा, महाराष्ट्र में पुणे, नाशिक आदि जगहों पर जाकर विद्यार्थियों को कथक नृत्य सिखाते हैं।

    आशीष को कई सारे अवॉर्ड और सम्मान भी मिले हैं। इनमें काशी प्रतिभा सम्मान 2002 , नवोदित कलाकार सम्मान 2005, बाल रंग मंडल सेतु बाल प्रतिभा सम्मान, 2005, सुर गंगा कला निधि सम्मान 2019, न्यू टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड, बृज श्याम सम्मान राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ 2023 प्रमुख हैं।