आस्था का जनज्वार: श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में बना एक माह में सर्वाधिक दर्शनार्थियों का नया रिकॉर्ड, गूंजता रहा जय-जयकार
श्री काशी विश्वनाथ धाम में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। एक महीने में ही 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए हैं। यह पिछले साल मार्च में बने रिकॉर्ड को भी तोड़ चुका है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने निर्धारित समय से दो घंटे अधिक समय तक मंदिर के कपाट खोले रखे।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के अमृत्व की लालसा के फलीभूत होने की कामना से श्रद्धालुओं का प्रवाह काशी की ओर बहते हुए जनज्वार में परिवर्तित हो चुका है। आस्था के इस अविरल प्रवाह में काशी में हर ओर श्रद्धालुओं की अटूट कतार चलती चली आ रही दिख रही है।
सबका गंतव्य है काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर अपने पुण्यों का संचयन व बाबा से कल्याण की प्रार्थना करना। भक्तों की उत्कट भावना ने गुरुवार को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में एक माह में पहुंचने वाले सर्वाधिक श्रद्धालु दर्शनार्थियों की संख्या का रिकार्ड तोड़ दिया। रात एक बजे तक लगभग आठ लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन कर बीते वर्ष मार्च माह के 31 दिनों में पहुंचे 95,63,432 श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए इसे 30 दिनों में ही एक करोड़ के पार कर दिया।
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम दर्शन पूजन करने उमड़े भक्त। दशाश्वमेधघाट पर लाइन में खड़े होने के लिए लगी भीड़। जागरण
देर रात तक बाबा धाम तक पहुंचने वाले प्रत्येक मार्ग दो से पांच किमी की दूरी में श्रद्धालुओं की अविरल कतार लगी रही। भक्तों की उत्कट आस्था को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने निर्धारित समय से दो घंटे अधिक मंदिर के कपाट खोल बाबा के दर्शन कराने का निर्णय लिया। ऐसा इसी माह के एक ही सप्ताह में दूसरी बार हुआ, जब भक्तों के लिए महाशिवरात्रि के इतर दिनों में शयन आरती के समय के पश्चात भी गर्भगृह के कपाट खुले रखे गए हों।
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श्रद्धालुओं के अविरल जनप्रवाह को देखते हुए उनके वाहनों को शहर के बाहर ही राेक दिया जा रहा है। पैदल या आटो रिक्शा से शहर में पहुंचे इन श्रद्धालुओं को पांच किमी तक पैदल चलकर गंगा घाटों पर स्नान करने के पश्चात बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए कतार में लगना पड़ रहा है।
कुंभ स्नान के बाद श्रीकाशी विश्वनाथ धाम दर्शन पूजन करने उमड़े भक्त। गोदौलिया से दशाश्वमेध रोड जाम, किया गया वन वे। -नवनीत रत्न पाठक
गुरुवार को दशाश्वमेध से गोदौलिया, बांसफाटक, बाबा धाम के प्रवेश द्वार क्रमांक चार से चौक तक गई कतार पुन: यू-टर्न करके वापस प्रवेश द्वार चार पर पहुंच रही थी। उधर एक कतार बाबा कालभैरव मंदिर से मैदागिन होते हुए पांच किमी लंबी बाबा दरबार तक अनवरत चल रही थी।
एक अन्य कतार सोनारपुरा से चली आ रही थी तो दूसरी ओर रथयात्रा से पैदल गिरजाघर पहुंचे श्रद्धालुओं को रामापुरा की ओर मुड़कर गलियो से पुन: जंगमबाड़ी मठ मार्ग की ओर निकलकर गोदौलिया जा रही थी। दशाश्वमेध से गोदौलिया व गोदौलिया से गिरजाघर की ओर मार्ग को वापसी के लिए एकल कर दिया गया था।
अस्सी घाट पर गंगा में स्नान के लिए उमड़ी भीड़। जागरण
गंगा द्वार की ओर दो स्थानों पर बैरिकेड कर किया गया भीड़ नियंत्रण
दशाश्वमेध, ललिता आदि घाटों पर स्नान के पश्चात गंगा द्वार से प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या नियंत्रित करने के लिए दो स्थानों पर बैरिकेडिंग की गई, वहां से थोड़ी-थोड़ी संख्या में लोगों को रोक-रोक कर छोड़ा जा रहा था। श्रद्धालुओं की बढ़ी संख्या के चलते गंगा में जल यातायात भी काफी सघन हो गया है। कोई भी नाव किनारे लगती नहीं कि 15 से 20 मिनट में भर जाती। नाविक असि घाट से नमो घाट तक ले जाने के लिए प्रत्येक श्रद्धालु से 200 व दशाश्वमेध तक जाने वाले श्रद्धालुओं से 100 रुपये किराया ले रहे थे।
पलट प्रवाह: कैंट रोडवेज पर बस के इंतजार में यात्री। जागरण
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जब तक है भीड़, गंगा आरती देखने न आएं श्रद्धालु : गंगा सेवा निधि
काशी में श्रद्धालुओं की निरंतर बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन जहां 24 घंटे सक्रिय है, वहीं दशाश्वमेध घाट पर विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का आयेाजन करने वाली संस्था गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने श्रद्धालुओंं से अपील की है कि जब तक इस भीड़ का प्रवाह काशी में बना हुआ है, कृपया वे गंगा आरती देखने न आएं।
उन्होंने कहा कि यदि कोई गंगा आरती देखने के लिए ही काशी आने की योजना बनाया हो तो कृपया वह अपनी यात्रा को फिलहाल टाल दे और आगे बढ़ा दे।
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