Varanasi Ropeway: काशी में ऑटोमेटिक चलेगा रोपवे का पहिया, स्टेशन तक सुरक्षित पहुंचेंगे मुसाफिर
वाराणसी रोपवे परियोजना जल्द ही आम जनता के लिए खुलने वाली है। स्विट्जरलैंड से भी बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के साथ इस रोपवे में आपात स्थिति में ऑटोमेटिक मोटर और वर्टिकल रेस्क्यू सिस्टम है। प्रतिदिन 95 हजार लोग इस रोपवे से सफर कर सकेंगे और एक साथ तीन हजार लोगों को यात्रा करने की सुविधा मिलेगी। किराया भी किफायती होगा लगभग 25 से 30 रुपये।

संग्राम सिंह, जागरण, वाराणसी। देश की पहली अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना अगले महीने तक जनता के लिए उपलब्ध होने की उम्मीद है। रोप पुलिंग होने के बाद कई और कार्य पूर्ण करने के प्रयास किए जा रहे हैं। स्टेशन के निर्माण को अंतिम रूप देने का प्रयास है। स्विट्जरलैंड की तुलना में बनारस में सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं।
बर्थाेलेट कंपनी के विशेषज्ञों ने सेफ्टी पर अधिक काम किया है।बिजली कटौती या दूसरी वजहों से रोप का मूवमेंट बंद होने की स्थिति में मोनोकेबल डेटाचेबल गोंंडोला (केबल कार) को नजदीकी स्टेशन तक पहुंचाने के लिए खास व्यवस्था की गई है। कैंट और रथयात्रा स्टेशन पर मुख्य मशीन के साथ ही डीजल मैकेनिज्म आधारित मोटर इंस्टाल किया गया है।
आपात स्थिति में यह आटोमेटिक सक्रिय हो जाएगा। किन्हीं तकनीकी कारणों से अगर गोंडोला बीच रास्ते में रुक जाता है तो यह मोटर करीब सात सौ मीटर तक गोंडोला को नजदीकी स्टेशन तक पहुंचाने में सक्षम रहेगा। मोटर स्वयं चालू हो जाएगा और सारे गोंडोला पर सवार यात्रियों को मुश्किलों से बचाने में मदद करेगा।
मोटर का कार्य बुलविल (रोप का पहिया) को धीरे-धीरे घुमाना रहेगा, यात्रियों को प्लेटफार्म पर आसानी से उतारा जा सकेगा। केबिन को रोप पर कुछ इस तरह स्थापित करेंगे ताकि बैठने वालों को कोई डर नहीं लगे। कोई घुटन नहीं हो, इसके लिए पर्याप्त वेंटिलेशन की व्यवस्था की गई है।
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देश के दूसरे शहरों में स्थापित दूसरे गोंडोला की तरह यह हिलेगा-डुलेगा नहीं। वर्टिकल रेस्क्यू सिस्टम भी उपलब्ध रहेगा। रोप का मूवमेंट बंद होने की स्थिति में एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम को अलर्ट मोड पर रखा जाएगा। अगर बीच रास्ते में गोंडोला रुक जाता है तो यात्रियों को सुरक्षित स्टेशन तक लाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
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उनके लिए रोप केबिन की व्यवस्था होगी, जिसे रस्सी से खींचकर संबंधित गोंडोला तक पहुंचाया जाएगा। नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड की अपनी टीम भी इस अस्थायी व्यवस्था के लिए उपलब्ध रहेगी।
प्रतिदिन 95 हजार लोग करेंगे सफर, एक साथ तीन हजार लोगों की आवाजाही
रोपवे का किराया आटोरिक्शा जितना ही रहेगा ताकि शहर के स्थानीय लोगों को याेजना से जोड़ा जा सके। 25 से 30 रुपये किराया हो सकता है। किराया निर्धारण को लेकर माथापच्ची चल रही है। करीब
95 हजार लोग प्रतिदिन सफर कर सकेंगे। 148 गोंडोला से एक साथ तीन हजार लोगों को यात्रा करने की सहूलियत मिलेगी। कैंट स्टेशन के ऊपरी तल पर होटल व रेस्टोरेंट बनाने के लिए काम शुरू होने वाला है। यहां पर शापिंग कांप्लेक्स समेत कई बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
विद्यापीठ के पास रोप-वे का एलाइनमेंट परीक्षण करते इंजीनियर।-जागरण
विद्यापीठ से रथयात्रा तक रोपवे की एलाइनमेंट जांच, दो मीटर प्रति सेकेंड की गति से परीक्षण
लंबे समय चल रहे इंतजार पर विराम लग गया। पिछले तीन दिनों से रोपवे के एलाइनमेंट की जांच चल रही है। गुरुवार को दोपहर करीब दो घंटे तक एलाइनमेंट की जांच (टेस्ट रन) की गई है। विद्यापीठ से रथयात्रा तक करीब 1.30 किलोमीटर तक एक गोंडोला और एक रखरखाव रोप वाहन का ट्रायल किया गया। कई कर्मचारी इस पर सवार होकर काफी दूरी तक सफर किए।
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दो मीटर प्रति सेकेंड की गति से रुक-रुक कर परीक्षण कार्य चलाया गया, इस प्रक्रिया को जमीन से 45 मीटर ऊंचाई पर पूरा किया गया है। अधिकारियों की मानें तो रोप ठीक से चल रहा है। तीन दिन से रोप को एक घंटे तक चलाया जा रहा था, लेकिन गोंडोला को इंस्टाल करने के बाद पहली बार परीक्षण शुरू हुआ है।
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यह ट्रायल नहीं हैं, क्योंकि सारे गोंडोला को एक साथ मानक के अनुसार वजन डालकर चलाएंगे तो वह सही मायने में ट्रायल रन कहा जाएगा। टेस्ट रन की प्रक्रिया अभी लंबी चलेगी। 15 से 20 दिनों तक इस सतत प्रक्रिया के दौरान मोनोकेबल डेटाचेबल गोंडोला का लोड धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा।
सुरक्षा के हर पहलू पर अध्ययन करने के बाद ही परियोजना को जनता के लिए सुलभ करने का प्रयास होगा। परियोजना के अंतर्गत चूंकि कैंट स्टेशन का कार्य विलंब से शुरू हुआ था, इसलिए प्रोजेक्ट थोड़ा विलंबित है।
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