काशी तमिल संगमम 3.0: मेहमान संगम में करेंगे स्नान, अयोध्या जाकर रामलला का करेंगे दर्शन पूजन
काशी तमिल संगमम-3 (15 से 24 फरवरी) की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार संगमम महाकुंभ और अयोध्या में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहला आयोजन होगा। तमिलनाडु से आने वाले मेहमान प्रयागराज के साथ-साथ अयोध्या भी जाएंगे। राम मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद कनक भवन और घाट का भ्रमण करेंगे। इस कार्यक्रम के लिए अयोध्या प्रयागराज तथा मेला क्षेत्र से अधिकारी वर्चुअल जुड़े रहे।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। काशी तमिल संगमम-3 (15 से 24 फरवरी) की तैयारी शुरू हो गई है। इस वर्ष काशी तमिल संगमम् का विशेष महत्व है क्योंकि यह महाकुंभ के साथ पड़ रहा है। इसी के साथ यह अयोध्या में श्रीराम लला की ''प्राण प्रतिष्ठा'' के बाद पहला संगमम् भी है। इसलिए इस बार तमिल से आने वाले मेहमान प्रयागराज के साथ अयोध्या भी जाएंगे।
केंद्र सरकार के अपर सचिव, सुनील कुमार बरनवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को काशी तमिल संगमम् की तैयारी को लेकर बैठक हुई। जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने सबसे पहले काशी-तमिल संगमम् एक व दो के दौरान की गई तैयारियों तथा विभिन्न आयोजनों की जानकारी सचिव के समक्ष रखी। अपर पुलिस आयुक्त एस चिनप्पा ने सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी। सचिव ने इस पूरे आयोजन के दौरान अतिथियों की सुरक्षा, उचित चिकित्सकीय व्यवस्था पर विशेष बल दिया।
बताया कि 15 से 24 फरवरी तक आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान छह ग्रुप प्रतिभाग करेंगे। इसमें पांच रेगुलर तथा एक विद्यार्थियों का ग्रुप अलग से होगा। नमो घाट पर आयोजित एकेडमिक तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने के बाद ग्रुप प्रयागराज जाएगा। महाकुंभ में संगम पर स्नान, अक्षयवट, हनुमान मंदिर तथा अन्य प्रमुख स्थलों का भ्रमण यह ग्रुप अयोध्या जाएगा।
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राम मंदिर में दर्शन पूजन के बाद कनक भवन तथा घाट का भ्रमण करेंगे। इसके बाद लौटकर वाराणसी आएंगे और यहां से तमिलनाडु के लिए प्रस्थान करेंगे। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, अपर जिला मजिस्ट्रेट (नगर) आलोक कुमार वर्मा, एडीएम वित्त एवं राजस्व वंदिता श्रीवास्तव, एडीएम प्रशासन विपिन कुमार, एडीएम प्रोटोकाल समेत विभिन्न विभागों के केंद्रीय तथा स्थानीय अधिकारी उपस्थित रहे। अयोध्या, प्रयागराज तथा मेला क्षेत्र से अधिकारी वर्चुअल जुड़े रहे।
काशी तमिल संगमम। जागरण
शिक्षा, रेलवे, पर्यटन समेत कई विभाग की सहभागिता
काशी तमिल संगमम का आयोजन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय, संस्कृति, कपड़ा, रेलवे, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में सभी की सहभागिता रहेगी।
आइआइटी मद्रास, बीएचयू कार्यान्वयन एजेंसी
काशी तमिल संगमम् का उद्देश्य विद्वानों, छात्रों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों, कलाकारों और अन्य क्षेत्रों के लोगों को एक साथ आने, अपने ज्ञान, संस्कृति और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और एक-दूसरे के अनुभव से सीखने का अवसर प्रदान करना है। इसका उद्देश्य युवाओं को जागरूक करना और सांस्कृतिक एकता का अनुभव कराना भी है। आइआइटी मद्रास और बीएचयू वाराणसी इस कार्यक्रम के लिए दो कार्यान्वयन एजेंसियां तय की गई हैं।
छह समूह में 1200 आएंगे मेहमान
तमिलनाडु से पांच समूहों के अंतर्गत लगभग एक हजार प्रतिनिधि आएंगे। प्रथम समूह में छात्र, शिक्षक और लेखक होंगे। दूसरे समूह में किसान और कारीगर (विश्वकर्मा श्रेणियाँ), तीसरे समूह में पेशेवर और छोटे उद्यमी, चतुर्थ समूह में एसएचजी, मुद्रा ऋण लाभार्थी, डीबीएचपीएस प्रचारक और पांचवें समूह में स्टार्ट-अप, इनोवेशन, एडु-टेक, अनुसंधान से जुड़े लोग होंगेे। इसके अलावा विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत तमिल मूल के लगभग 200 छात्रों का एक अतिरिक्त समूह भी काशी आएगा। प्रत्येेक समूह के दौरे की अवधि आठ दिन की होगी।
केंद्र सरकार के अपर सचिव, सुनील कुमार बरनवाल की अध्यक्षता में तमिल संगमम की तैयारी बैठक: सूचना विभाग
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काशी में ऋषि अगस्त्य, विभिन्न पहलुओं पर चर्चा
काशी तमिल संगमम् के दौरान काशी में ऋषि अगस्त्य के विभिन्न पहलुओं और स्वास्थ्य, दर्शन, विज्ञान, भाषा विज्ञान, साहित्य, राजनीति, संस्कृति, कला, विशेष रूप से तमिल और तमिलनाडु में उनके योगदान पर एक प्रदर्शनी और सेमिनार, कार्यशाला, पुस्तक विमोचन का आयोजन होगा। हिंदू धर्म के अगस्त पूजनीय ऋषि थे। विभिन्न भाषाओं के एक प्रभावशाली विद्वान थे। तमिल परंपरा में अगस्त्य को तमिल भाषा का जनक और पहला तमिल व्याकरण का संकलनकर्ता माना जाता है।
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