काशी में उड़ीसा के किचकेश्वरी काली मंदिर की भव्यता को प्रदर्शित करेगा 70 फीट ऊंचा पंडाल
काशी में इस बार शारदीय नवरात्र पर ओंकारखंड में बाबा मच्छोदरानाथ दुर्गोत्सव समिति द्वारा अद्भुत दुर्गा पूजनोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष पूजा पंडाल उड़ीसा के किचकेश्वरी काली मंदिर के रूप में 70 फीट ऊंचा बनाया गया है। पंडाल में नौदुर्गा के साथ नौ गौरी के दर्शन होंगे जिनकी प्रतिमा सौम्य भाव में है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। इस बार शारदीय नवरात्र पर काशी के ओंकारखंड में एक अद्भुत और दिव्य दुर्गा पूजनोत्सव का आयोजन किया जाएगा। 'बाबा मच्छोदरानाथ दुर्गोत्सव समिति परिवार' के तत्वावधान में आयोजित यह दुर्गा पूजा उत्सव अपने 35वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।
यह उत्सव 1991 से भक्तों की श्रद्धा और भव्यता के साथ संपन्न होता आ रहा है। इस बार समिति द्वारा पूजा पंडाल को उड़ीसा के प्रसिद्ध 'किचकेश्वरी काली मंदिर' का रूप दिया गया है, जो 70 फुट ऊंचा होगा।
इस संदर्भ में बाबा मच्छोदरानाथ दुर्गोत्सव समिति के अध्यक्ष राजेश केशरी, कोषाध्यक्ष अरविंद अग्रवाल एवं महामंत्री सचिन यादव ने गुरुवार को मच्छोदरी पार्क में आयोजित पत्रकार वार्ता में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि समिति भक्ति और आस्था के साथ-साथ संस्कार और संस्कृति का भी संदेश देती रही है। पंडाल में पूजा अनुष्ठान के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रोशनी भी जगमगाएगी।
पूजन स्थल पर प्रतिमा निर्माण की परंपरा का निर्वाह किया जाएगा। मां दुर्गा की प्रतिमा सौम्य मुद्रा में भक्तों पर आशीर्वाद बरसाएगी। नौ फुट की प्रतिमा मिट्टी और बांस-पुआल से मूर्तिकार केना पाल द्वारा बनाई गई है। पंडाल का निर्माण 19 अगस्त से शुरू हुआ था, जिसमें कोलकाता के 16 कुशल कारीगरों ने मां काली मंदिरनुमा पंडाल तैयार किया है।
27 सितम्बर से पूजा प्रारंभ होगी। दुर्गोत्सव पूजन समारोह का श्रीगणेश आश्विन शुक्ल पंचमी तिथि, तदनुसार 27 सितम्बर, शनिवार को मृण प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ होगा। पूजन अनुष्ठान सुबह 10:00 बजे आरंभ होगा। अष्टमी तिथि पर माता रानी का आंगन 56 भोग की मनभावन झांकी से सजेगा। देवी प्रतिमा का विसर्जन शोभायात्रा तीन अक्टूबर को सायं पांच बजे भव्य रूप से निकाली जाएगी।
छह दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में भजन संध्या, जागरण, डांडिया, मैजिक शो और कवि सम्मेलन शामिल हैं। 27 सितम्बर को भजन संध्या में गायक अम्बरीश शुक्ला और आराध्य शुक्ला प्रस्तुति देंगे। 28 सितम्बर को गायिका सुमन अग्रहरी का कार्यक्रम होगा। इस प्रकार, यह उत्सव काशी में भक्ति, श्रद्धा और सांस्कृतिक धरोहर का अद्भुत संगम प्रस्तुत करेगा।
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