इनुवियम कंपनी के डूबे ढाई करोड़, एक्सिस बैंक के दो अधिकारियों पर केस दर्ज
वाराणसी की इनुवियम कंपनी को विदेशी मुद्रा सौदे में ढाई करोड़ का नुकसान हुआ। एक्सिस बैंक के अधिकारियों पर धोखाधड़ी का आरोप है, जिन्होंने कंपनी को गलत तरीके से सट्टा योजना में जोड़ा। आरबीआई और ईडी को शिकायत की गई है, और पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कंपनी का आरोप है कि बैंक ने फर्जी दस्तावेज बनाकर उन्हें गुमराह किया।

इनुवियम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी काे झांसा देकर अनधिकृत विदेशी मुद्रा सौदा कराया गया, जिसमें ढाई करोड़ रुपये डूब गए।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। प्लास्टिक का कच्चा माल आयातक इनुवियम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी काे झांसा देकर अनधिकृत विदेशी मुद्रा सौदा कराया गया, जिसमें ढाई करोड़ रुपये डूब गए।
एक्सिस बैंक के असिस्टेंट वाइस प्रेसीडेंट एवं सेंटर हेड कामर्शियल बैंकिंग ग्रुप सुनील दुबे ने कंपनी को हुए नुकसान की जानकारी दी तो प्रबंधन की नींद उड़ गई। बैंककर्मियों के कहने पर ही कंपनी ने एक्सिस बैंक की साख पर भरोसा करते हुए शुरू में 25 लाख रुपये का फिक्स डिपाजिट किया।
उन्हें अधिकारियों ने विदेशी मुद्रा दरों के अंतर से अतिरिक्त लाभ दिलाने का भरोसा दिया था जबकि वास्तव में बैंक अधिकारियों ने आरबीआइ और फेमा नियमों के तहत पूर्णतया प्रतिबंधित विदेशी मुद्रा सट्टा योजना से जोड़ा था।
इनुवियम कंपनी ने आरबीआइ व प्रवर्तन निदेशालय को भी शिकायती पत्र भेज कर आरोपित बैंक अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग की है। भेलूपुर पुलिस ने एक अज्ञात समेत एक्सिस बैंक के तीन अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपित बैंक अधिकारियों से कई बार संपर्क की कोशिश की गई लेकिन मोबाइल बंद होने के कारण बात नहीं हो पाई।
तुलसीपुर महमूरगंज निवासी 76 वर्षीय गंगासागर प्रसाद गुप्ता ने तहरीर में बताया है कि उनकी इनुवियम कंपनी प्लास्टिक का कच्चा माल विदेशों से आयात करती है। 2023 में असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट सुनील दुबे व रिलेशन अधिकारी ग्रेसी सिंह उनके घर पहुंचे, जोखिम मुक्त निवेश योजना की जानकारी देते हुए उनकी कंपनी को गलत तरीके से विदेशी मुद्रा सट्टा से जोड़ दिया जो सिर्फ निर्यात काराेबार से जुड़े कारोबारियों के लिए होता है।
आरोप लगाया कि बैंक अधिकारियों ने वर्ष 2023-24 में 13 फारेक्स फारवर्ड कांट्रेक्ट बुक किए, जो उन निर्यातकों-आयातकों के लिए बना है जिनके पास विदेशी मुद्रा में देनदारी या भुगतान का जोखिम रहता है। शुरुआत में बैंक ने कुछ छोटे-छोटे लाभ दिखाकर भरोसे में लेने की कोशिश की और कंपनी के लेटरहेड पर झूठे दस्तावेज तैयार कर फर्जी निर्यात इनवाइस के जरिए फारवर्ड कांट्रेक्ट बुक को वैध दिखाने की कोशिश की।
23 अक्टूबर को एक फर्जी इनवाइस कंपनी के ईमेल पर आई तो बैंक के खुद से फर्जी कागजात तैयार करने की बात पता चली। वर्ष 2024 में 10 जुलाई को स्विटजरलैंड की बुक की गई पांच लाख सीएचएफ (विदेशी करेंसी) आठ जुलाई को मैच्योर हुई। उस समय बाजार, इंडिया के 97.25 रुपये के मुकाबले बढ़कर 107.70 रुपये होने से इनुवियम कंपनी को भारी नुकसान हुआ।
सुनील दुबे ने फोन कर कंपनी को सौदे में 52 लाख 25 हजार का नुकसान होने की जानकारी दी, जिसे बगैर अनुमति के कंपनी के खाते से डेबिट भी कर लिया। कंपनी ने जांच की तो पता चला कि तीन अन्य कांट्रैक्ट भी दो करोड़ के घाटे में चल रहे हैं। कंपनी के निदेशक गंगासागर प्रसाद गुप्ता ने कहा कि बैंक के जिम्मेदार अधिकारियों के व्यवहार से उनका बैंकिंग प्रणाली से भरोसा उठा है।

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