IMD ने जारी किया मौसम पर नया अपडेट, इस साल तापमान में होगी सर्वाधिक वृद्धि; हीट वेव को लेकर प्रशासन अलर्ट
Heat Wave Alert आइएमडी ने वाराणसी के लिए हीटवेव का अलर्ट जारी किया है जिससे तापमान में भारी वृद्धि की आशंका है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने गर्मी से बचाव के लिए कई कदम उठाए हैं जिसमें पेयजल की व्यवस्था अस्पतालों में बेड आरक्षित करना और सार्वजनिक जागरूकता अभियान शामिल हैं। अधिकारियों को पेयजल की समस्या के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। हीट वेव और लू का प्रभाव अप्रैल माह में ही दिखने लगा है। इसे लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सतर्क हो गया है। इसके लिए वाराणसी के अपर जिलाधिकारी वित्त व राजस्व वंदिता श्रीवास्तव ने सभी संबंधित विभागों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है।
एडीएम ने बताया कि आइएमडी के अनुसार इस वर्ष तापमान में सर्वाधिक वृद्धि होने की संभावना है। हीट वेव से नागरिकों को कैसे सुरक्षित रखा जाएगा इस संबंध में समस्त कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। प्रयास किया जाएगा ग्रीष्मकाल में पेयजल की समस्या जनपद में न होने पाए।
पेयजल की समस्या होने पर अधिकारी होंगे जिम्मेदार
यदि पेयजल की समस्या होती है तो संबंधित विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। किसी भी दशा में हीट वेव से मृत्यु ना होने पाए, सभी विभाग हीट वेव से बचाव के लिए क्या करें, क्या न करें का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए।
विभागों को प्रमुख निर्देश
- जिला चिकित्सालय व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बेड आरक्षित रखा जाएगा।
- सभी केंद्र पर दवाएं ओआरएस और तरल पदार्थ के पर्याप्त स्टाक की व्यवस्था।
- नगर निगम सार्वजनिक स्थानों पर शुद्ध पेयजल, टैंकर व टंकी और छाया वाले स्थान पर प्याऊ की व्यवस्था करेगा।
- पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए।
- सड़कों पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव कराया जाए।
- शवदाह स्थल पर छांव व पेयजल व अन्य आवश्यक व्यवस्था का समुचित प्रबंध करें।
- जनपद में स्थापित रैन बसेरों को कूलिंग सेंटर के रूप में परिवर्तित किया जाए।
- पशुपालन विभाग मवेशियों के लिए पानी की उचित व्यवस्था करे। स्प्रिंकलर से पानी का छिड़काव हो।
- पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण का कार्य नियमित रूप से संचालित किया जाय।
- पशु केंद्रों पर आवश्यक दवाओं का भण्डारण, चिकित्सकों की व्यवस्था हो।
- अग्निशमन विभाग आवश्यक संसाधनों सहित 24 घंटे क्रियाशील रहे। नागरिकों को जागरूक करें।
- समस्त चिकित्सालयों, स्कूलों और सरकारी विभागों का फायर आडिट का कार्य पूर्ण कर लिया जाए।
- विगत वर्षों में अग्निकांड की सर्वाधिक घटनाएं जहां हुई हो उसको चिन्हित करते हुए वहां अग्निशमन टीम तैनात की जाए।
- श्रम विभाग कार्य करने के स्थान पर पेयजल और छाया की व्यवस्था करे।
- शिक्षा विभाग विद्यालयों के समय में परिवर्तन करे।
- विद्यालयों में पेयजल, पावर सप्लाई व पंखे आदि की व्यवस्था कराना।
- विद्यालय आउटडोर एक्टिविटी पूर्ण रूप से बंद की जाए।
- पंचायत पंचायत राज विभाग ग्रामीण क्षेत्रों पेयजल, तालाब, पोखरों पर पानी का भराव, मृत जानवरों के निस्तारण की व्यवस्था सुनिश्चित करे।
- विद्युत विभाग शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में टूटे हुए बिजली के खंभों, लो वोल्टेज को सुदृढ़ करें। समय-समय पर रोस्टर के आधार पर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
- परिवहन विभाग बस स्टैंडों पर सुरक्षित परिवहन के लिए स्वास्थ्य टीमों की तैनाती एवं पीने के पानी तथा यात्रियों के लिए लू से बचाव की उचित व्यवस्था किया जाएगा।
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