पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों की समृद्धि के लिए आइआइटी बीएचयू ने की अनोखी पहल, किसानों की तीन गुनी होगी आय
आईआईटी-बीएचयू वाराणसी पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों को सशक्त बनाने और उनकी आय तीन गुना करने के लिए एग्रीटेक बिजनेस पार्क स्थापित कर रहा है। 28 दिसंबर ...और पढ़ें

बैठक का उद्देश्य क्षेत्र के कृषि एवं कृषि-व्यवसाय के समग्र विकास को गति प्रदान करना है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी–बीएचयू), वाराणसी द्वारा काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) तथा प्रख्यात कृषि वैज्ञानिकों के सहयोग से प्रस्तावित एग्रीटेक बिजनेस पार्क के अंतर्गत 28 दिसंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया जा रहा है। इस बैठक का उद्देश्य क्षेत्र के कृषि एवं कृषि-व्यवसाय के समग्र विकास को गति प्रदान करना है।
कार्यक्रम में पूर्वी उत्तर प्रदेश के लगभग 100 किसानों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की गई है। इस अवसर पर देश के वरिष्ठ एवं प्रतिष्ठित कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर पंजाब सिंह मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे। यह कार्यक्रम देव एवं वर्धना गोस्वामी सभागार, (स्कूल ऑफ बायो केमिकल के सामने) आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी में प्रातः 11:00 बजे से अपराह्न 2:00 बजे तक आयोजित हुआ।
कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर सुशांत कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी की यह महत्वाकांक्षी एवं दूरदर्शी पहल पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों की आय को तीन गुना करने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ की गई है। वर्तमान परिदृश्य में यह क्षेत्र आधुनिक कृषि तकनीकों, मूल्य संवर्धन तथा कृषि-व्यवसाय के अवसरों में अपेक्षाकृत पीछे है। इस पहल में बीएचयू का कृषि विज्ञान संस्थान तथा प्रबंधन अध्ययन संस्थान प्रमुख हितधारकों के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि एग्रीटेक बिज़नेस पार्क की यह अभिनव अवधारणा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की “वोकल फॉर लोकल” नीति तथा माननीय मुख्यमंत्री के दूरदर्शी, प्रगतिशील और गतिशील नेतृत्व से प्रेरित है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय नीतियों को जमीनी स्तर पर प्रभावी कृषि परिवर्तन में परिवर्तित करना है।
इस पहल का एक प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले कृषि उत्पादन को सीधे स्थानीय बाजारों एवं अंतिम उपभोक्ताओं से जोड़ना है, जिससे किसानों का शहरों की ओर पलायन रुके। इसके माध्यम से किसानों को उनकी उपज का उचित, पारदर्शी एवं लाभकारी मूल्य प्राप्त होगा तथा उपभोक्ताओं को भी किफायती दरों पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध होंगे।
पूर्वी उत्तर प्रदेश की भौगोलिक, सामाजिक एवं कृषि-आर्थिक परिस्थितियों के अनुरूप प्रबंधन अध्ययन संस्थान नवाचारी एवं व्यवहारिक कृषि-व्यवसाय मॉडल विकसित करेगा, जबकि कृषि विज्ञान संस्थान अपने उन्नत अनुसंधान, तकनीकी ज्ञान एवं वैज्ञानिक विशेषज्ञता के माध्यम से एग्रीटेक बिज़नेस पार्क को सशक्त बनाएगा।
आईआईटी (बीएचयू) अपने अत्याधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों, वैज्ञानिकों, उपभोक्ताओं, प्रशिक्षुओं, स्टार्टअप्स, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों एवं वित्तीय संस्थानों को एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र से जोड़ेगा। यह समन्वित, बहु-हितधारक एवं सहयोगात्मक प्रयास कृषि एवं कृषि-व्यवसाय से जुड़ी प्रमुख चुनौतियों का प्रभावी समाधान सुनिश्चित करेगा और सतत, समावेशी एवं संतुलित विकास के माध्यम से किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इस प्रकार, आईआईटी (बीएचयू) की यह पहल न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में सहायक होगी, बल्कि क्षेत्र के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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