शरीर के तापमान में हो उतार-चढ़ाव तो घातक डेंगू, लक्षण दिखे तो तत्काल करें चिकित्सक से संपर्क
बारिश के बाद हुए जलजमाव से संचारी रोगों का खतरा बढ़ गया है। इस समय डेंगू सबसे घातक रूप धारण किए हुए है। ऐसे में सबसे अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। तेज बुखार सिरदर्द जोड़ों में दर्द शरीर में चकत्ता दिखाई दे तो यह डेंगू ही हो सकता है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। बारिश के बाद हुए जलजमाव से संचारी रोगों का खतरा बढ़ गया है। इस समय डेंगू सबसे घातक रूप धारण किए हुए है। ऐसे में सबसे अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। अगर तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, शरीर में चकत्ता दिखाई दे तो यह डेंगू ही हो सकता है। वहीं नाक, त्वचा व मसूड़ों में रक्तस्राव हो रहा हो और शरीर के तापमान में उतार-चढ़ाव हो रहा है तो इसे डेंगू की घातक स्थिति मानकर तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सक से उपचार शुरू कराना चाहिए, अन्यथा थोड़ी-सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है।
बाेले वायरोलाजिस्ट :
बीएचयू स्थित चिकित्सा विज्ञान संस्थान में आणविक जीव विज्ञान इकाई के विभागाध्यक्ष एवं वायरोलाजिस्ट प्रो. सुनीत कुमार सिंह बताते हैं कि डेंगू बुखार एक वायरल संक्रमण है जो डेंगू वायरस के कारण होता है। यह रोग संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। हर साल दुनिया भर में काफी लोग डेंगू से संक्रमित होते हैं। पिछले दो दशक में यह संक्रमण भारत में लगातार पैर जमा रहा है। डेंगू बुखार किसी को भी हो सकता है। हालांकि बच्चे इस गंभीर बीमारी से अधिक प्रभावित होते हैं ।
डेंगू वायरस के चार सीरोटाइप
डीईएनवी-1, 2, 3 व 4
डेंगू बुखार के तीन व्यापक चरण
-डेंगू बुखार संक्रमित मच्छर के काटने के 2-7 दिन बाद शुरू होता है। इसमें तेज बुखार सिरदर्द, जोड़ों में दर्द और फ्लू जैसे लक्षण होते हैं।
- डेंगू रक्तस्रावी बुखार (डीएचएफ) घातक है। यह डेंगू बुखार के तीन से छह दिन बाद हो सकता है। इस दौरान शरीर का तापमान कम हो जाता है और नाक, त्वचा व मसूड़ों से रक्तस्राव होता है।
- डेंगू शाक सिंड्रोम (डीएसएस) डीएचएफ के दो-तीन दिन बाद हो सकता है। इसमें शरीर के तापमान में उतार-चढ़ाव होता है। साथ ही भारी रक्तस्राव होता है, जिससे मृत्यु भी हो सकती है।
डेंगू के ये भी हैं लक्षण
- जब उच्च तापमान (40 डिग्री सेल्सियस या 104 डिग्री फारेनहाइट) के साथ आंखों की मांसपेशियों के पीछे गंभीर दर्द, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द , मिचली, उल्टी, सूजी हुई ग्रंथियां व चकत्ते जैसे कोई भी दो लक्षण हों तो डेंगू की जांच करवानी चाहिए।
- डेंगू हीमोरैजिक फीवर में प्लाज्मा रिसाव, सांस लेने में कठिनाई, रक्तस्राव के कारण गंभीर परिणाम हो सकते है। जब इस तरह के लक्षण (भारी रक्तस्राव) शरीर के कई अंगों को प्रभावित करते हैं तो मृत्यु भी हो सकती है। इस स्थिति को डीएसएस कहा जाता है।
- जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान डेंगू बुखार होता है, उनमें बच्चे के जन्म के दौरान वायरस बच्चे में फैलने के अधिक आशंका होती है ।
ये भी जानें
- वायरस या एंटीबाडी की जांच के लिए डाक्टर रक्त से डेंगू संक्रमण का परीक्षण कर सकते हैं।
- यदि आप डेंगू प्रभावित क्षेत्र की यात्रा करने के बाद बीमार हो जाते हैं, तो अपने डाक्टर को बताएं।
- डेंगू संक्रमण के इलाज के लिए कोई विशेष दवा नहीं है। यदि आपको लगता है कि डेंगू बुखार हो सकता है तो प्रभावित मरीजों को चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए ।
-बीमारी को रोकने का सबसे अच्छा तरीका संक्रमित मच्छरों द्वारा काटने को रोकना है। खासकर यदि आप डेंगू प्रभावित क्षेत्र में रह रहे हैं या यात्रा कर रहे हैं।
इस पर दें ध्यान
- घर के अंदर भी मच्छर भगाने वाली दवाओं का प्रयोग करें।
- बाहर जाते समय, लंबी बाजू की कमीज व लंबी पैंट जो मोजे में बंधी हों, पहनें।
- घर के अंदर, यदि उपलब्ध हो तो एयर कंडीशनिंग का उपयोग करें।
- सुनिश्चित करें कि खिड़की और दरवाजे की स्क्रीन सुरक्षित और छिद्रों से मुक्त हैं।
- यदि सोने के क्षेत्रों की स्क्रीनिंग या वातानुकूलित नहीं है, तो मच्छरदानी का उपयोग करें।
- मच्छरों की आबादी कम करने के लिए उन जगहों से छुटकारा पाएं जहां मच्छर पनप सकते हैं।
- पुराने टायर, डिब्बे या फूलदान में बारिश के पानी को एकत्र न होने दें।
-पालतू जानवरों के पानी के बर्तन में पानी को नियमित रूप से बदलें।
- घर में किसी को डेंगू हो तो खुद को व परिवार के अन्य सदस्यों को मच्छरों से बचाने का प्रयास करें।
-संक्रमित परिवार के सदस्य को काटने वाले मच्छर आपके घर में दूसरों को संक्रमण फैला सकते हैं।
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