काशी विश्वनाथ मंदिर में उमड़ने लगी अपार भीड़, मंदिर प्रशासन को लेना पड़ा कठोर फैसला
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने विशेष दर्शन पर रोक लगा दी है। 24 दिसंबर 2025 से यह नियम लागू ...और पढ़ें

बाबा दरबार में पर्यटन सीजन में लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। सर्दियों में पर्यटन सीजन की शुरुआत होने के साथ ही बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने के लिए लोगों की अपार भीड़ भी उमड़ने लगी है। मंदिर प्रशासन भी अब देश भर के वीआइपी और वीवीआइपी लोगों को दर्शन कराने में हांफने लगा है।
व्यवस्था बनाने में आ रही दुश्वारी को देखते हुए बुधवार को मंदिर प्रशासन ने पत्र जारी कर मंदिर में विशेष दर्शन पूजन के लिए आग्रह करने वालों के लिए पत्र जारी कर विशेष दर्शन पूजन नहीं करने का आग्रह किया है। मंदिर प्रशासन ने यह फैसला बाबा दरबार में उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए लिया है।
मंदिर प्रशासन की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि 24 दिसंबर 2025 से बढ़ी हुई श्रद्धालु संख्या के मद्देनजर श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा रहे हैं। इस संदर्भ में, मंदिर प्रशासन ने निर्णय लिया है कि विशिष्ट सुविधाओं जैसे स्पर्श दर्शन आदि पर रोक लगाई जाएगी।
मंदिर न्यास ने सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे स्पर्श दर्शन या अन्य विशेष सुविधाओं के लिए आग्रह न करें। यह निर्णय श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए लिया गया है। मंदिर में दर्शन एक आस्था का विषय है, न कि सुविधाओं और प्रतिष्ठा का। इसलिए, श्रद्धालुओं से संयमित आचरण की अपेक्षा की जा रही है।
मंदिर प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि तीन जनवरी को स्थिति की पुनः समीक्षा की जाएगी। यदि उस समय तक श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आती है, तो आवश्यक निर्णय लिया जाएगा। यह कदम श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि सभी भक्त सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण में दर्शन कर सकें।
मंदिर न्यास ने सभी सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों से अनुरोध किया है कि वे मंदिर प्रशासन को आवश्यक सहयोग प्रदान करें। यह सहयोग न केवल प्रशासन के लिए, बल्कि सभी श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि मंदिर में दर्शन का अनुभव सुखद और सुरक्षित बना रहे।
इस संदर्भ में, मंदिर न्यास ने यह भी कहा है कि श्रद्धालुओं को यह समझना चाहिए कि दर्शन का उद्देश्य केवल आस्था है। इसलिए, सभी भक्तों से अपेक्षा की जाती है कि वे संयमित व्यवहार करें और मंदिर में आने के दौरान अनुशासन का पालन करें।
मंदिर न्यास का यह निर्णय श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए लिया गया है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण, यह आवश्यक हो गया था कि कुछ विशेष सुविधाओं पर रोक लगाई जाए। इससे न केवल भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा, बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
मंदिर प्रशासन ने सभी भक्तों से अपील की है कि वे इस निर्णय को समझें और सहयोग करें। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनके अनुभव को बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। सभी भक्तों को यह ध्यान रखना चाहिए कि मंदिर में दर्शन का अनुभव आस्था का विषय है, और इसे एक विशेष सुविधा के रूप में नहीं देखना चाहिए।
इस प्रकार, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे इस निर्णय का सम्मान करें और संयमित आचरण करें। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से जारी पत्र के अनुसार अब प्रोटोकाल को लेकर कोई सुनवाई नहीं होगी।

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