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हैलो... मैं काल बॉय बनने को तैयार हूं, इसके लिए मुझे अब आगे क्‍या करना होगा?

स्‍वप्‍न सुंदरियों और खूबसूरत बालाओं की तस्‍वीरों से लैस सोशल मीडिया प्रोफाइलों की हकीकत आपको पता चलेगी तो पैरों तले से जमीन खिसक जाएगी। जौनपुर के विनोद को कुछ दिनों पूर्व ही काल बॉय बनने और लाखों कमाने का मौका मिलने का एक लड़की की प्रोफाइल से आफर मिला था।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 12:19 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 08:53 PM (IST)
हैलो... मैं काल बॉय बनने को तैयार हूं, इसके लिए मुझे अब आगे क्‍या करना होगा?
युवाओं को खूबसूरत युवतियों की तस्‍वीरों से सजी और लकदक करती प्रोफाइल से फ्रेंड रिक्‍वेस्‍ट भेजी जाती है।

वाराणसी [अभिषेक शर्मा]। आभासी दुनिया की स्‍वप्‍न सुंदरियों और खूबसूरत बालाओं की तस्‍वीरों से लैस सोशल मीडिया प्रोफाइलों की हकीकत आपको पता चलेगी तो पैरों तले से जमीन खिसक जाएगी। जौनपुर जिले के विनोद (काल्पनिक नाम) को कुछ दिनों पूर्व ही फेसबुक पर ऐसी ही एक प्रोफाइल से काल बॉय बनने और लाखों रुपये कमाने का मौका मिलने का एक लड़की की प्रोफाइल से आफर मिला था।

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नई दिल्‍ली से लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हुए विनोद के साथ वक्‍त मानो विनोद करने पर उतारु हो गया हो, नौकरी कहीं भी न मिलने से और घर से नौकरी पाने का दबाव होने की वजह से उस सोशल मीडिया एकाउंट से आफर मिलने के बाद विनाेद ने एक दो दिन सोच विचार कर तय कर लिया कि चलो कुछ न सही कॉल बॉय ही बन जाता हूं, इज्‍जत न सही कुछ पैसे भी मिल जाएंगे। इस तरह विनोद कॉल बॉय बन तो गया मगर उसे कस्‍टमर एक भी नहीं मिले अलबत्‍ता सेक्‍योरिटी के नाम पर जमा कराए गए हजारों रुपये भी विनोद के डूब गए।

जी हां, यह कहानी अकेले विनोद की ही नहीं बल्कि विनोद जैसे कईयों की है जो पुरुष वेश्‍या बनने को जालसाजों के झांसे में आए और अपनी रकम भी गंवा बैठे। जालसाजों के काम करने का तरीका पूरी तरह डिजिटल होने की वजह से इनको पकड़ने के लिए साइबर पुलिस के पास जाना पड़ेगा और पुलिस के पास जाकर भला कौन बताना चाहेगा कि मैं पुरुष वेश्‍या बनने गया था और ठगा गया हूं। जी हां, यह पूरा कारोबार ऑनलाइन तरीके से ठगी का सोशल मीडिया के जरिए चल रहा है। इन सोशल मीडिया की प्रोफाइलों में खूबसूरत हसीनाओं और वर्किंग वुमन की तस्‍वीरों के साथ आकर्षित करने के लिए युवाओं के पास खूब संदेश आते हैं। मोटी कमाई का झांसे में आने के बाद इज्‍जत और पैसा दोनों हाथ नहीं आता।

यह है गैंग की पूरी प्रकिया

सोशल मीडिया पर प्राेफाइल से युवाओं को चुन कर खूबसूरत युवतियों की तस्‍वीरों से सजी और लकदक करती प्रोफाइल से फ्रेंड रिक्‍वेस्‍ट भेजी जाती है। इसके बाद हाय हेल्‍लो से शुरु हुई चैटिंग कारोबारी बातों में बदल जाती है। रोज खूबसूरत लड़कियों के साथ रातें बिताने के लिए हजारों रुपये मिलने का आफर दिया जाता है। साथ ही इसके लिए तैयार होने पर एक WhatsApp नंबर दे दिया जाता है जहां कॉल बॉय बनने को तैयार युवक की बाकी सारी शंकाओं का समाधान किया जाता है। साथ ही इसके लिए युवाओं को भरोसे में लेने के लिए साइबर ठग महिलाओं का प्रयोग करते हैं। क्‍योंकि युवा बात करने के लिए कभी फोन भी मिलाते हैं तो एक युवती ही फोन उठाती है।

सवाल - हैलो... मैं काल बॉय बनने को तैयार हूं, इसके लिए मुझे अब आगे क्‍या करना होगा?

उधर से महिला का जवाब - ओह गुड, आपको नए कस्‍टमर की डिटेल भेजी जाएगी, हर कस्‍टमर से आपको मिलने वाले पैसे में हमारा कमीशन होगा। इसके अलावा आपको सेक्‍योरिटी मनी जमा करनी होगी।

सवाल - सेक्‍योरिटी मनी, वह किसलिए?

उधर से महिला का जवाब - वो इसलिए कि अगर आप हमारे कस्‍टमर के साथ डील के लिए डन करने के बाद भी नहीं पहुंचे तो आपको पैनल्‍टी भरनी होगी। 

जी हां, यह पूरी प्रक्रिया पैसे बनाने के लिए युवाओं काे ठगने का एक धंधा है। जो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब फल फूल रहा है। वहीं ठगी करने वाला गिरोह युवाओं से सेक्‍योरिटी मनी के नाम पर हजारों रुपये गूगल पे या फ‍िर पेटीएम से ही स्‍वीकार करता है। इसके बाद संंबंधित एकाउंट में हजारों रुपये देने के बाद वह मोबाइल नंबर बंद हो जाता है या ब्‍लॉक कर दिया जाता है। वहीं ठगी का शिकार युवक जहां महीने में पुरुष वेश्‍या बनने को तैयार होने के बाद हजारों रुपये गंवा देता है तो उसे पता चलता है कि वह पैसे कमाने के लिए इज्‍जत भी दांव पर लगाया और ठगी का शिकार भी हो गया। ऐसे में युवा न तो पुलिस के पास जाते हैं और न ही घर परिवार से ही अपनी समस्‍या साझा कर पाते हैं और जाने अनजाने पैसे कमाने के गलत धंधे की आस में जालसाजों का शिकार बन रहे हैं।

कोरोना संकट की वजह से बढ़ी ठगी

विनोद ने बताया कि संबंधित प्रोफाइलों से बताया जाता है कि हमारे पास कई अमीर और खूबसूरत महिला कस्‍टमर हैं। ऐसे में लोग जालसाजों की बातों में आसानी से आकर पुरुष वेश्‍या बनने को तैयार हो जाते हैं। जिसका लाभ ठगी करने वाले गिरोह सोशल मीडिया पर ठगी का कारोबार खूब चला रहे हैं। विनोद ने जागरण को बताया कि साइबर ठगों ने भी आपदा में अवसर खोज लिया है और उनकी शातिर निगाहें बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं की ओर अधिक हैं।


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