वर्ल्ड रिकार्ड: 77 घंटे की मेहनत से गाजीपुर के लाल ने किया कमाल
अब तक गिनीज बुक में 61 घंटे 55 मिनट तक लगातार कैरीकेचर बनाने का रिकार्ड कनाडा के रोनाल्ड फ्रांसिस हैबरलिंग के नाम दर्ज है।
वाराणसी (जागरण संवाददाता)। लगातार 77 घंटे 01 मिनट 16 सेकेंड कैरीकेचर बनाकर गाजीपुर के किसान के लाल हरिओम सिंह ने शनिवार की सुबह सात बजे एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। अब गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकार्ड में जवाहर नवोदय विद्यालय, गाजीपुर के कक्षा 12वीं के छात्र हरिओम का नाम दर्ज होगा।
अब तक गिनीज बुक में 61 घंटे 55 मिनट तक लगातार कैरीकेचर बनाने का रिकार्ड कनाडा के रोनाल्ड फ्रांसिस हैबरलिंग के नाम दर्ज है। रोनाल्ड का रिकॉर्ड तोड़ने के बावजूद हरिओम शनिवार की रात दस बजकर एक मिनट 16 सेकेंड तक लगातार कैरीकेचर बनाते रहे। चिकित्सकों की सलाह पर उन्होंने अपनी पेंसिल को विराम दिया।
हरिओम ने आठ नवंबर को शाम पांच बजे से राजकीय क्वींस कालेज में लांगेस्ट मैराथन ड्राइंग कैरिकेचर बनाना शुरू किया है। उन्हें रोनाल्ड फ्रांसिस हैबरलिंग का रिकार्ड तोड़ने के लिए 11 नवंबर को सुबह छह बजकर 56 मिनट तक कैरीकेचर बनाना था। इस क्रम में शनिवार की सुबह जैसे ही घड़ी की सुई छह बजकर 56 मिनट पर पहुंची लहुराबीर स्थित क्वींस इंटर कालेज का सभागार तालियों की गडग़ड़ाहट गूंज उठा।
लोग ढोल-नगाड़े की थाप पर झूम उठे। पूरा हाल हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठा। वहीं हरिओम शांत भाव में कैरीकेचर बनाने में जुटे रहे। बच्चे के जज्बे व उत्साह के बीच हरिओम के पिता रमेश सिंह की आंखें भर आईं। हरिओम के माता-पिता, नवोदय विद्यालय के प्रधानाचार्य मुख्तार आलम, ड्राइंग की शिक्षक मधुलिका कुशवाहा, क्वींस कालेज के प्रधानाचार्य डा. राजेश कुमार सिंह यादव सहित अन्य शुभचिंतकों ने एक दूसरे को शुभकमनाएं व बधाई देने लगे।
एक-दूसरे ने मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया। वहीं असीम आशीर्वाद व अनंत शुभकामनाओं के एवज में कृतज्ञता जताने के लिए इस दौरान हरिओम के पिता मानों शब्द ढूंढ़ रहे हों।
रेस्ट में भी कटौती: गिनीज बुक के नियमानुसार एक घंटे में पांच मिनट का ब्रेक ले सकते हैं। वहीं उन्होंने 62 घंटे में सिर्फ 168 मिनट ही ब्रेक लिया। इस प्रकार नया रिकार्ड बना लेने के बावजूद उनके पास रेस्ट करने के लिए 41 मिनट 20 सेकेंड बचा हुआ था।
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साक्ष्य के तौर पर रिकॉर्डिंग: साक्ष्य के तौर पर रिकार्डिंग के लिए हाल में दो-दो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इसके अलावा वीडियो रिकार्डिंग भी कराई गई है। रिकार्डिंग की सीडी बतौर साक्ष्य गिनीज बुक को भेजी जाएगी। ताकि हरिओम का नाम दर्ज हो सके। हालांकि गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने में चार से छह माह का समय लग जाता है।
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