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    Gyanvapi Case: व्यास जी के तहखाने को खतरा! छत पर नमाज रोकने की मांग पर आपत्ति दाखिल; अब 11 अप्रैल को होगी सुनवाई

    Updated: Tue, 19 Mar 2024 08:55 PM (IST)

    Gyanvapi Case रामप्रसाद के वकील सुधीर त्रिपाठी सुभाषनंदन चतुर्वेदी और दीपक सिंह की ओर दाखिल प्रार्थना पत्र में बताया गया था कि अदालत के आदेश पर व्यास जी के तलगृह में पूजा-पाठ चल रहा है। तलगृह की छत जर्जर व कमजोर है और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद (मस्जिद पक्ष) के लोग छत पर इकट्ठा होकर उसे गिराकर पूजा-पाठ अवरुद्ध करने की फिराक में हैं। इससे शांतिभंग की आशंका है।

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    व्यास जी के तहखाने को खतरा! छत पर नमाज रोकने की मांग पर आपत्ति दाखिल

    विधि संवाददाता, वाराणसी। श्रृंगार गौरी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मुकदमे के वादी सुंदरपुर निवासी रामप्रसाद सिंह की ओर से जिला जज की अदालत में दाखिल ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तलगृह की मरम्मत व छत पर किसी को जाने से रोक की मांग के प्रार्थना पत्र पर मंगलवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद (मस्जिद पक्ष) ने आपत्ति दाखिल की।

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    जिला जज की अदालत रिक्त होने की वजह से इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 अप्रैल की तिथि तय की गई है। मस्जिद पक्ष की ओर से दाखिल आपत्ति में बताया गया है कि व्यास जी के तलगृह में 31 जनवरी से पहले कभी कोई पूजा-पाठ या धार्मिक कार्य नहीं किया गया।

    ज्ञानवापी में नमाजी बहुत ही एहतराम (आदर) के साथ जाते हैं। बिना शोर-शराबा किए नमाज अदा करते हैं। तलगृह के ऊपर नमाजी अरसे से बिना रोक-टोक नमाज पढ़ते चले आ रहे हैं। कभी कोई नुकसान नहीं हुआ है। वहीं अदालत ने व्यास जी के तलगृह में किसी तरह का परिवर्तन न करने का आदेश दिया है। ऐसी स्थिति में वादी की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाना चाहिए।

    छत को गिराने की है साजिश

    रामप्रसाद के वकील सुधीर त्रिपाठी, सुभाषनंदन चतुर्वेदी और दीपक सिंह की ओर दाखिल प्रार्थना पत्र में बताया गया था कि अदालत के आदेश पर व्यास जी के तलगृह में पूजा-पाठ चल रहा है। तलगृह की छत जर्जर व कमजोर है और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद (मस्जिद पक्ष) के लोग छत पर इकट्ठा होकर उसे गिराकर पूजा-पाठ अवरुद्ध करने की फिराक में हैं। इससे शांतिभंग की आशंका है। प्रार्थना की गई कि तलगृह के रिसीवर जिलाधिकारी को तहखाने की मरम्मत का आदेश देते हुए छत पर मस्जिद पक्ष के लोगों को जाने से मना किया जाए।

    वहीं राखी सिंह की ओर से दाखिल ज्ञानवापी परिसर में लगाई गई बैरिकेडिंग हटाकर वहां मौजूद मां शृंगार गौरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, नंदी जी समेत अन्य देवी-देवताओं की पूजा की अनुमति देने की मांग के प्रार्थना पत्र पर आपत्ति के लिए मस्जिद पक्ष ने 20 दिन का समय मांगा है। प्रभारी जिला जज अनिल कुमार ने इसे स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए अगली तिथि 11 अप्रैल की तिथि तय की है।

    बंद तलगृहों के सर्वे की मांग पर मंदिर पक्ष ने दाखिल की प्रति

    आपत्तिमां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन की मांग को लेकर दाखिल मुकदमे की वादी महिला राखी सिंह की ओर से उनके वकील सौरभ तिवारी ने मंगलवार को प्रति आपत्ति दाखिल की। प्रभारी जिला जज अनिल कुमार की अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 11 अप्रैल की तिथि तय की है। मंदिर पक्ष की ओर से दाखिल प्रति आपत्ति में बताया है कि ज्ञानवापी परिसर में वर्तमान इमारत के नीचे श्रीआदि विश्वेश्वर मंदिर का ढांचा एवं गर्भगृह मौजूद है।

    एएसआई सर्वे करने की मांग

    भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट बताया है कि तलगृह संख्या एस-वन व एन-वन में प्रवेश द्वार को ईंटों व अन्य ठोस पदार्थों से बंद किया गया है। इसके चलते एएसआई की टीम तलगृह के अंदर नहीं जा पाती। बंद तलगृहों के अवरोध को सुरक्षित तरीके से हटाकर एएसआई सर्वे कराया जा सकता है। इनके सर्वे से मुकदमे में अदालत को निष्कर्ष पर पहुंचने में मदद मिलेगी। एएसआइ का काम पुरानी इमारतों को संरक्षित करने का है, लिहाजा एएसआई के विशेषज्ञों द्वारा बंद तलगृहों के सर्वे के दौरान इमारत को कोई नुकसान नहीं होगा।

    बंद तलगृहों का सर्वे है जरूरी

    राखी सिंह की ओर से बीते पांच फरवरी को ज्ञानवापी परिसर में बंद तलगृह के एएसआई सर्वे की मांग का प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था। इसमें बताया था कि परिसर के धार्मिक चरित्र को निर्धारित करने के लिए बंद तलगृहों का सर्वे जरूरी है। इस पर मस्जिद पक्ष ने बीते 28 फरवरी को आपत्ति दाखिल की थी।

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