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Gyanvapi Case: एएसआई ने ज्ञानवापी में सर्वे के लिए मांगा चार हफ्ते का और समय, छह अक्टूबर को सौंपनी थी रिपोर्ट

एएसआई के आवेदन पर अदालत पहले भी दो बार सर्वे पूरा करने का समय बढ़ा चुकी है। एएसआई की ओर से स्टैंडिंग गवर्नमेंट काउंसिल अमित कुमार श्रीवास्तव ने प्रार्थना पत्र दाखिल किया। इसमें बताया कि अदालत के आदेश के अनुसा एएसआई की टीम ज्ञानवापी में वैज्ञानिक विधि से जांच-सर्वे कर रही है। इसमें पुरातत्वविद् अभिलेखशास्त्री सर्वेक्षक फोटोग्राफर रसायनशास्त्री तकनीकी विशेषज्ञ आदि शामिल हैं।

By Jagran NewsEdited By: Vinay SaxenaPublished: Wed, 04 Oct 2023 09:29 PM (IST)Updated: Wed, 04 Oct 2023 09:29 PM (IST)
एएसआई ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे पूरा करने के लिए अदालत से चार सप्ताह का और समय मांगा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे पूरा करने के लिए अदालत से चार सप्ताह का और समय मांगा है। इसके लिए बुधवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। इस प्रार्थना पत्र पर पक्षकारों को अपनी बात रखने का अवसर देते हुए जिला जज ने सुनवाई के लिए पांच अक्टूबर की तारीख तय की है।

एएसआई के आवेदन पर अदालत पहले भी दो बार सर्वे पूरा करने का समय बढ़ा चुकी है। एएसआई की ओर से स्टैंडिंग गवर्नमेंट काउंसिल अमित कुमार श्रीवास्तव ने प्रार्थना पत्र दाखिल किया। इसमें बताया कि अदालत के आदेश के अनुसा, एएसआई की टीम ज्ञानवापी में वैज्ञानिक विधि से जांच-सर्वे कर रही है। इसमें पुरातत्वविद्, अभिलेखशास्त्री, सर्वेक्षक, फोटोग्राफर, रसायनशास्त्री, तकनीकी विशेषज्ञ आदि शामिल हैं।

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सर्वे के दौरान कई जगहों पर कचरा, मलबा, मिट्टी के साथ ही टूटी इमारत का मलबा, जैसे ईंट-पत्थर के टुकड़े, पत्थर की पटरी आदि पड़े हैं। यह सब परिसर में फर्श पर और तहखानों में बिखरे पड़े हैं। इनकी सफाई का काम चल रहा है, ताकि अदालत के आदेश के अनुसार इमारत की वैज्ञानिक विधि से जांच की जा सके।

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इमारत को किसी तरह का नुकसान पहुंचाए बिना जांच के लिए मिट्टी और मलबे हटाना जरूरी है। रुक-रुक हो रही बारिश की वजह से सर्वे कार्य प्रभावित हो रहा है। वैज्ञानिक उपकरणों का प्रयोग कठिन हो रहा है। मलबे को बहुत की सावधानी व व्यवस्थित तरीके से हटाया जा रहा है, जिसकी प्रक्रिया धीमी और काफी वक्त लेने वाली है। इसलिए सर्वे पूरा करने और रिपोर्ट दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय और दिया जाए।


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