ग्लोबल हैंड वाशिंग डे : आपकी मुट्ठी में बंद है गंदगी, स्वच्छ रख कर ही रह सकते हैं स्वस्थ
हाथों में न जाने कितनी अनदेखी गंदगी छिपी होती हैं जो किसी भी वस्तु को छूने उसका उपयोग करने व कई तरह के रोजमर्रा के कामों के कारण होती हैं। बगैर हाथ धोए कुछ भी खाने- पीने से आपके शरीर में पहुंचकर कई तरह की बीमारियों को जन्म देती हैं।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। हाथों में न जाने कितनी अनदेखी गंदगी छिपी होती हैं, जो किसी भी वस्तु को छूने, उसका उपयोग करने व कई तरह के रोजमर्रा के कामों के कारण होती हैं। यह गंदगी, बगैर हाथ धोए कुछ भी खाने- पीने से आपके शरीर में पहुंचकर कई तरह की बीमारियों को जन्म देती हैं। हाथ धोने के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए ही वैश्विक स्तर पर हर साल 15 अक्टूबर को विश्व हाथ धुलाई दिवस (हैंड वाशिंग डे) मनाया जाता है।
इस दिवस की शुरुआत 2008 में की गई थी, जिसका प्रयास साबुन से हाथ धोने के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना था। इस साल के ग्लोबल हैंड वाशिंग डे की थीम, "सभी के लिए हाथ की स्वच्छता" निर्धारित की गई है । इस साल हम सभी ने हाथ की स्वच्छता के महत्व को बखूबी समझा है । कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सबसे प्रभावी तरीका ठीक तरह से हाथ धोना है, जिससे संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वैश्विक सुझावों में कोविड को रोकने और नियंत्रित करने और इसे व्यवहार में लाने के लिए हाथ की स्वच्छता का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए डब्ल्यूएचओ व यूनिसेफ की अगुवाई में ‘हैंड हाइजीन फार आल ग्लोबल इनिशिएटिव’ अभियान को भी शुरू किया गया है।
सीएमओ डा. वीबी सिंह ने कहा कि हाथ की स्वच्छता हमारे स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का ही एक हिस्सा है, क्योंकि सिर्फ साबुन से अच्छी तरह हाथ धुल लेने से ही कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है, रोगाणु कई माध्यमों से हमारे शरीर में फैलते हैं। उनमें से एक हमारे हाथ भी बीमारी का एक बड़ा जरिया हैं जिसकी वजह से सबसे ज्यादा बच्चों में संक्रमण व गंभीर बीमारियां जैसे डायरिया, वायरल संक्रमण आदि का खतरा बना रहता ।
इस पर दें ध्यान
सही तरह से हाथ धुलने से हम दस्त, टाइफाइड, पेट संबंधी रोग, आँख में होने वाले संक्रमण, त्वचा संबंधी रोग आदि से बच सकते है।
ऐसे धोना चाहिए हाथ
- दो मिनट तक साबुन से छह चरणों में हाथ धोना चाहिए।
- इसमें सबसे पहले सीधे हाथ पर साबुन लगाकर रगड़ना।
- उल्टे हाथ, नाखून, अंगूठा, फिर मुट्ठी व कलाई धोनी चाहिए।
इसके बाद जरूर धोएं हाथ
शौच के बाद, खाना बनाने व खाने से पहले, मुंह, नाक व आंखों को छूने के बाद, खांसने व छींकने के बाद, घर की साफ-सफाई करने के बाद, किसी बीमार व्यक्ति से मिलकर आने के बाद व पालतू जानवरों से खेलने के बाद।
94 फीसद शहरी शौच के बाद धोते हैं हाथ, ग्रामीण मत्र 54 फीसद ही
क्या कहते हैं आंकड़े : द स्टेट आफ हैंड वाशिंग की 2016 की वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्र में 54 प्रतिशत आबादी शौचालय के बाद हाथ धोती है। वही सिर्फ 13 प्रतिशत आबादी खाना बनाने से पहले व 27 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोती है। दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में 94 प्रतिशत लोग शौचालय के बाद हाथ धोते है, 74 प्रतिशत खाना बनाने से पहले व 79 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोते है।