Varanasi Flood: गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि, सभी घाट डूबे; तीसरी बार बदला आरती स्थल
वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है पिछले 24 घंटों में 2.5 मीटर से ज़्यादा वृद्धि हुई है। सारे घाट जलमग्न हो गए हैं और गंगा आरती का स्थल तीसरी बार बदला गया। जलस्तर चेतावनी बिंदु से थोड़ा ही नीचे है लेकिन वरुणा नदी में पलट प्रवाह का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन अलर्ट पर है और नावों का संचालन रोक दिया गया है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि का क्रम और तेज हो गया है। बुधवार की रात 10 बजे से गुरुवार की रात 10 बजे तक जलस्तर में ढाई मीटर से अधिक की वृद्धि हुई। परिणामत: सभी घाट जलमग्न हो गए। तीर्थ पुरोहितों की मढ़ियों से लेकर गंगा आरती के स्थल लगातार तीसरे दिन बदलने पड़े।
रात 10 बजे गंगा की धारा 65.52 मीटर पर बह रही थी जो चेतावनी बिंदु से 4.74 मीटर नीचे रह गई है। गंगा में तेजी से बढ़ते पानी के चलते वरुणा में पलट प्रवाह की आशंका बलवती होने लगी है। इससे तटवासियों मे बेचैनी भर गई है।
पहाड़ों पर हो रही वर्षा, उफनाती सहायक नदियां और बैराज से छोड़े गए पानी ने प्रयागराज से बलिया तक गंगा की धारा में उछाल ला दिया है। जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि ने आशंकाओं के बादल और घने कर दिए। गुरुवार की सुबह आठ बजे तक 10 घंटे में गंगा का पानी राजघाट पर 1.06 मीटर बढ़ गया था। हालांकि सुबह के बाद जलस्तर वृद्धि में थोड़ी कमी आई और यह चार सेमी प्रति घंटा बढ़ने लगा था।
कुछ ही समय बाद दोपहर होते-होते पानी गंगा घाट की कई सीढ़ियों को पार करते काफी ऊपर तक गया। इससे घाट पुरोहित अपनी चौकियां पीछे खिसका कर और ऊपर तक ले आए। शाम के समय गंगा सेवा निधि के लोगों को गंगा आरती स्थल को और पीछे ले जाना पड़ा।
रात के 10 बजे तक पानी 65.52 मीटर तक पहुंच गया था। घाट किनारे के सभी मंदिर पहले ही पानी में डूब चुके हैं। तेजी से बढ़ते पानी को लेकर जल पुलिस, एनडीआरएफ तथा जिला प्रशासन अलर्ट मोड में है। छोटी नावों के संचालन पर पहले ही रोक लगाई जा चुकी है।
हरिश्चंद्र घाट पर गलियों में शवदाह हो रहा है, तो मणिकर्णिका घाट पर दुश्वारियां और बढ़ गई हैं। लकड़ी के दुकानदारों ने अपने टाल हटाने शुरू कर दिए हैं।
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