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    Ganga Aarti: विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती पांच फरवरी तक स्थगित, श्रद्धालुओं से की गई अपील- टाल दें काशी आने की योजना

    काशी में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुराने दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती पांच फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है। गंगोत्री सेवा समिति प्रबंधन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस अस्थायी परिवर्तन को समझदारी के साथ स्वीकारें और धैर्य बनाए रखें। आयोजनकर्ताओं ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

    By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Fri, 31 Jan 2025 05:35 PM (IST)
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    श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस अस्थायी परिवर्तन को समझदारी के साथ स्वीकारें और धैर्य बनाए रखें।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। काशी में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए किसी अनहोनी से बचने के लिए यहां पुराने दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती पांच फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है। गंगोत्री सेवा समिति प्रबंधन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस अस्थायी परिवर्तन को समझदारी के साथ स्वीकारें और धैर्य बनाए रखें।

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    वहीं, दशाश्वमेध घाट पर आरती कराने वाली संस्था गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि जब तक इस भीड़ का प्रवाह काशी में बना हुआ है, कृपया गंगा आरती देखने न आएं। यदि कोई गंगा आरती देखने के लिए ही काशी आने की योजना बनाया हो तो कृपया वह अपनी यात्रा को फिलहाल टाल दें और आगे बढ़ा दें। 

    इसके अतिरिक्त असि और अन्य घाटों पर गंगा आरती कराने वाली समितियों ने भी जनसामान्य से अनुरोध किया है कि वे इस स्थिति में प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों और वैकल्पिक व्यवस्था का पालन करें।

    वाराणसी पहुंचे लोगों होना पड़ा परेशान

    गौरतलब है कि प्रयागराज में भगदड़ के बाद बड़ी मुश्किल से वाराणसी पहुंचे लोगों की परेशानी यहां भी कम नहीं हुई। जिले की बाहरी सीमा पर श्रद्धालुओं के वाहन को रोका गया। इससे शहर में जाम की समस्या को दूर रही, लेकिन आस्थावानों को पैदल चलने को मजबूर होना पड़ा। पार्किंग स्थल और शहर में की गई बैरिकेडिंग के आसपास ऑटो व ई-रिक्शा रहे लेकिन उनकी संख्या श्रद्धालुओं की भीड़ के आगे कम पड़ रही थी।

    गंगा घाट पर श्रद्धालुओं के छोड़े कपड़े से ग्रीन आर्मी बनाएगी झोला

    होप वेलफेयर ट्रस्ट ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मौनी अमावस्या पर गंगा किनारे श्रद्धालुओं द्वारा स्नान के बाद छोड़े गए कपड़ों को एकत्र किया गया।

    इसकी धुलाई के बाद कपड़ों का उपयोग संस्था की ग्रीन आर्मी की महिलाओं द्वारा झोला बनाने के लिए किया जा रहा है। इससे घाट की सफाई के साथ ग्रीन आर्मी की महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है। ये झोले नगर निगम के सहयोग से वाराणसी के दुकानदारों को दिया जाएगा, जिससे पॉलीथिन मुक्त बनारस अभियान को भी मजबूती मिलेगी। 

    इस कार्य में होप वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष रवि मिश्रा, सचिव दिव्यांशु उपाध्याय, श्यामाकांत सुमन, संदीप गुप्ता, विकास दीक्षित नितेश जायसवाल के साथ ही टाटा इंस्टीट्यूट से इंटर्नशिप करने आए सभी बच्चे शामिल थे।

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