Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Varanasi News: काशी में उमड़ा आस्था का सैलाब, दर्शन के लिए पहुंचे हजारों श्रद्धालु

    प्रयागराज महाकुंभ से लौटते श्रद्धालुओं की भारी भीड़ काशी विश्वनाथ मंदिर में उमड़ पड़ी। माघ पूर्णिमा व रविदास जयंती के चलते वाराणसी की सड़कों और गलियों में जबरदस्त भीड़ रही जिससे हाइवे और शहर के मुख्य मार्ग जाम हो गए। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को छह से आठ घंटे लग रहे हैं फिर भी उनकी आस्था अटूट बनी रही।

    By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 12 Feb 2025 06:54 AM (IST)
    Hero Image
    काशी में दर्शन की कतार में लगे श्रद्धालु (फोटो- जागरण)

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। प्रयागराज में महाकुंभ पर त्रिवेणी संगम में पुण्य अमृत संचय की डुबकी लगा कर काशी-विश्वनाथ-गंगे के दर्शन के लिए आ रहे श्रद्धालुओं का रेला कुछ इस तरह उमड़ रहा है कि हाइवे से शहर तक की सड़कें और गलियां अड़स सी गई हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसमें माघ पूर्णिमा पर महाकुंभ अमृत अनुष्ठान के लिए जाने से पहले काशी में गंगा नहाने, बाबा की देहरी पर शीश नवाने वालों के साथ रविदास जयंती पर गुरु स्थली की रज माथे लगाने वाले भी हैं। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन के लिए दोहरी कतार तो ललिता घाट तक भी गंगा का पाट खाली न रहा।

    वहीं कल बुधवार को विंध्यधाम में आठ लाख से ज्यादा भक्तों के आने की उम्मीद है। भीड़ के चलते व्यवस्था लचर हो रही है। सुगम यातायात के लिए ढेरों इंतजाम किए गए लेकिन हाइवे से लेकर शहर की हर सड़क मंगलवार को जाम की चपेट में रही। हर तरफ वाहनों की लंबी कतार रही। एक किलोमीटर की दूरी तय करने में दो घंटे तक का समय लग रहा था।

    जिले की सीमा पर बैरिकेडिंग

    बुधवार को शहर में हर तरफ भारी भीड़ रहेगी। महाकुंभ से बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने वाहनों से वाराणसी आ रहे हैं। इन्हें शहर में प्रवेश से रोकने के लिए जिले की सीमा पर बैरिकेडिंग की गई है। बाहर से आने वाहनों को मोहनसराय, अमरा अखरी, डाफी के पास नेशनल हाइवे पर रोका जा रहा है।

    जौनपुर की तरफ से आने वाले वाहन फूलपुर, हरहुआ में तो गाजीपुर रोड से आने वाले वाहन आशापुर के पास रोके जा रहे हैं। शहर में आ चुके बाहरी वाहनों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग व पार्किंग की गई है। मुख्य मार्ग छोड़कर वैकल्पिक मार्गों से शहर में घुसने वाले बाहरी वाहनों को मैदागिन, गोदौलिया तक जाने पर पूरी तरह रोक है।

    बाबा दरबार तक अंतहीन कतार

    प्रयागराज महाकुंभ से बड़ी संख्या में आस्थावान काशी विश्वनाथ का दर्शन-पूजन वाराणसी पहुंचे। माघी पूर्णिमा के एक दिन पूर्व चौदस को ही उनके आगमन से मंगलवार को मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में जबरदस्त भीड़ रही। बाबा का दर्शन करने में श्रद्धालुओं को छह से आठ घंटे तक का समय लगता रहा लेकिन उनकी आस्था कम नहीं हुई।

    अनेक परेशानियों के बावजूद किसी के चेहरे पर शिकन तक नहीं, वरन घंटों बाद बाबा का दर्शन प्रसाद मिलने के बाद और भी उल्लास। मानो जनम-जनम की निधि मिल गई हो। भीड़ से बाहर आते ही दोनों हाथ उठाकर हर-हर महादेव का उद्घोष कर बाबा को दर्शन का पुण्य देने के लिए धन्यवाद करना भी नहीं भूल रहे भक्त।

    भक्तों की अपार कतार को देखते हुए बाबा दरबार भी इन दिनों रात के एक बजे तक खुला रह रहा है ताकि सभी को दर्शन मिल सके। मंगलवार रात एक बजे तक लगभग छह लाख भक्तों के दर्शन करने का अनुमान लगाया गया है। प्रयागराज से आस्थावानों के आने का क्रम सोमवार शाम से तेज हो गया था।

    अपने वाहन से आने वाले जिले की बाहरी सीमा पर वाहनों को रोककर वहीं बने आश्रय स्थलों में आराम किया। ट्रेन से आने वाले स्टेशन पर पहुंचकर शहर में प्रवेश किए। होटल, गेस्ट हाउस, पेइंग गेस्ट हाउस, धर्मशाला, घाट जिसे जहां जगह मिली वहीं रात गुजारा।

    काशी विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए भक्तों का रेला

    भोर होते ही भक्तों का रेला काशी विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए बढ़ने लगा। शहर की हर सड़क से भक्तों का रेला आगे बढ़ता रहा। इनमें से कई गंगा स्नान की चाहत लेकर घाटों की तरफ गए। भोर से ही दर्शनार्थियों की कतार दर्शन-पूजन के लिए लग गई। इसके लिए पुलिस ने पहले ही व्यवस्था कर लिया।

    दशाश्वमेध घाट से मंदिर तक स्टील की बैरिकेडिंग की गई थी। दर्शनार्थियों को द्वार संख्या दो और चार से मंदिर परिसर में प्रवेश कराया जा रहा है। दूसरी तरफ मैदागिन तक बैरिकेडिंग थी जिससे भक्त द्वार संख्या चार से दर्शन के लिए जाते रहे। दोनों तरफ भोर से लगी कतार मंगलवार देर रात तक अनवरत रही।

    गंगद्वार से मंदिर जाने वालों की संख्या सबसे ज्यादा थी। ललिता घाट से दशाश्वमेध घाट तक कतार लगी रही। पुलिस ने गोदौलिया जाने वाले हर मार्ग पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया था। गोदौलिया से दशाश्वमेध मार्ग को पैदल चलने वालों के लिए भी वनवे किया गया था।

    मल्टीलेवल पार्किंग के बगल से जाने वाली गली से लोगों को घाट की तरफ भेजा जा रहा था। स्नान करने के बाद जो दर्शन करना चाहते थे उन्हें कतार में लगाया जा रहा था। जो बिना दर्शन लौटना चाहते थे उन्हें गोदौलिया, गिरजाघर होते आगे बढ़ाया जाता रहा। इसी तरह की वन-वे व्यवस्था गोदौलिया से बांसफाटक मार्ग पर भी की गई थी।

    यह भी पढें- विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती पांच फरवरी तक स्थगित, श्रद्धालुओं से की गई अपील- टाल दें काशी आने की योजना