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संकट मोचन संगीत समारोह में छह दिन, 47 प्रस्तुतियां, 15 पद्म अवार्डी फनकारों की जुटान

कट मोचन मंदिर में हनुमज्जयंती के अनुष्ठान तो 19 अप्रैल से ही शुरू हो जाएंगे लेकिन 23 अप्रैल से प्रभु चरणों में सुर-लय-ताल की अविरल त्रिवेणी प्रवाहमान होगी।

By Vandana SinghEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 07:50 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 11:06 AM (IST)
संकट मोचन संगीत समारोह में छह दिन, 47 प्रस्तुतियां, 15 पद्म अवार्डी फनकारों की जुटान
संकट मोचन संगीत समारोह में छह दिन, 47 प्रस्तुतियां, 15 पद्म अवार्डी फनकारों की जुटान

वाराणसी, जेएनएन। संकट मोचन मंदिर में हनुमज्जयंती के अनुष्ठान तो 19 अप्रैल से ही शुरू हो जाएंगे लेकिन 23 अप्रैल से प्रभु चरणों में सुर-लय-ताल की अविरल त्रिवेणी प्रवाहमान होगी। छह दिवसीय संगीत समारोह में नित्य शाम 7.30 बजे से देश-विदेश के कलाकार 47 प्रस्तुतियां देंगे, इसमें छह दिनों तक आठ- आठ तो अंतिम दिन सात प्रस्तुतियां होंगी। इसमें 15 पद्म अवार्डियों समेत 55 कलाकार हाजिरी लगाएंगे। इसमें संगतकारों को भी जोड़ लें तो छह दिनों में कुल 142 फनकार संगीत कला से विभोर कर जाएंगे। संयोजक व महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र और प्रो. विजयनाथ मिश्र ने संगीत समारोह की रूपरेखा की जानकारी दी।

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वार मेमोरियल में जीवंत होगी शहीदों की स्मृतियां

संकट मोचन संगीत समारोह के दौरान कला संगम के जरिए शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। दिल्ली में हाल ही में उद्घाटित वार मेमोरियल का थ्रीडी मॉडल बनाया जाएगा। इसके अलावा देश विदेश के ख्यात कलाकार चित्र व मूर्तिकला प्रभु चरणों में समर्पित करेंगे। भारत के 62 व बहरीन, आस्ट्रेलिया, स्विटजरलैंड समेत अन्य देशों के कलाकार आनलाइन कला से शहीदों की स्मृतियों को जीवंत करेंगे।

सुर लय ताल त्रिवेणी

23 अप्रैल : डा. येल्ला विजय दुर्ग - कुचिपुड़ी, डा. सोनल मान सिंह व कामाख्या कलापीठ- ओडिसी, मंजू मेहता-सितार व पूरण महाराज तबला, उल्हास कसालकर -गायन, एस आकाश -बांसुरी, संदीपन समाजपति-गायन, सुरेश तलवलकर-तबला, लोकेश आनंद व कपिल कुमार -शहनाई।

24 अप्रैल : अपूर्वा झा-कथक, हरिप्रसाद चौरसिया-बांसुरी, उस्ताद राशिद खां व अरमान खां-गायन, शशांक सुब्रह्मïण्यम- बांसुरी व पीएसएनवीएस फाल्गुन-मृदंगम, अभय रूस्तम सोपोरी-संतूर, भोलानाथ मिश्र-गायन, गौरव मजूमदार-सितार, कृष्ण मोहन-राम मोहन महाराज व इशिप्ता मिश्रा  का कथक।

25 अप्रैल : गीता चंद्रन व शरण्या चंद्रन- भरत नाट्यम, विजय घाटे-तबला व शीतल कोलवलकर कथक, जयश्री रामनाथ- कर्नाटक गायन, नरेंद्र मिश्र व अमरेंद्र मिश्र -सितार, देवाशीष डे व शुभंकर डे-गायन, तरुण भïट्टाचार्य-संतूर, कुमार बोस-तबला कुणाल पाटिल पखावज, देवज्योति बोस -सरोद।

26 अप्रैल : दुर्गेश गंगानी व शृंजिनी कुलकर्णी- कथक, अनुब्रत चटर्जी- तबला, पी सुदत्ता कुमारी-कथक, रतन मोहन शर्मा-गायन, कल्याणजीत दास- सितार, जयतीर्थ मेउंडी-गायन, तेजेंद्र नारायण मजूमदार - सरोद, संगीता कुïट्टी कुलकर्णी-गायन, अनिंदो चटर्जी-तबला।

27 अप्रैल : काम्या कुलकर्णी - कथक, कंकना बनर्जी- गायन, डा. के वागीश- कर्नाटक गायन, उस्ताद मोइनुद्दीन खां व मोमिन खां-सारंगी, कौशिकी चक्रवर्ती - गायन, कुशल दास-सितार, हरीश तिवारी- गायन, नेहा बनर्जी-कथक।

28 अप्रैल : यू राजेश-मैडोलिन व शिवमणि-ड्रम, रतिकांत महापात्रा-ओडिसी, अंबी सुब्रह्मïण्यम-वायलिन, अनूप जलोटा- गायन, प्रतीक चौधरी-सितार, डा. चल्ला वेकटेश्वर राव-मृदंगम, राजन-साजन मिश्र -गायन।   


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