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    वाराणसी के सेनपुरा में 'अघोर मोक्ष का द्वार' आश्रम में दो दिवसीय गुरु पर्व का समापन

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Sun, 03 Jan 2021 04:53 PM (IST)

    अघोर मोक्ष का द्वार में श्री जय नारायण सत्संग मण्डली में 72 वांं भण्डारा का दो दिवसीय पर्व सत्संगियों द्वारा धूम धाम से मनाया गया। दो दिवसीय आयोजन के क्रम में शनिवार को पूजन का दौर चला वहीं रविवार को भजन पूजन के अलावा भंडारा का भी आयोजन किया गया।

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    रविवार को भजनों से गुरु की महिमा का बखान किया गया।

    वाराणसी, जेएनएन। सेनपुरा चेतगंज स्थित अघोरपीठ 'अघोर मोक्ष का द्वार' में श्री जय नारायण सत्संग मण्डली में 72 वांं भण्डारा का दो दिवसीय पर्व सत्संगियों द्वारा धूम धाम से मनाया गया। दो दिवसीय आयोजन के क्रम में शनिवार को जहां भजन पूजन का दौर चला वहीं रविवार को भजन पूजन के अलावा भंडारा का भी आयोजन किया गया। 

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    रविवार को भजनों से गुरु की महिमा का बखान किया गया। 'त्रय देवन से गुरु बड़े,बड़े खुदा से पीर। 'आनन्द' गुरु की कृपा से,भये कबीर कबीर।' की वाणी गूंजी और भजन आरती के जरिए आस्‍था का दो दिवसीय पर्व संपन्‍न हुआ। इस अवसर के उपलक्ष्य में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें दो जनवरी को भक्तों द्वारा विधि विधान से गुरु पद पूजन और सायंकाल में भजन कीर्तन और सुन्दर काण्ड का पाठ और तीन जनवरी को अपराह्न में कीर्तन और तत्पश्चात भण्डारे का कार्यक्रम आयोजित किया गया। 

    भजनों से गुरु की महिमा का बखान

    दूसरे दिन के आयोजन में भजन की सुर सरिता ने भक्‍तों ने गोते लगाए तो सरिता आर्या- 'मन लागो मेरे यार फ़कीरी में' ज्योति यादव ने 'जोगिया से मेरो मन लागा' आराधना विश्वकर्मा ने 'ओम नमः शिवाय, नमः शिवाय' प्रिया कुमारी ने 'राम नाम अति मीठा है', आशीष गौतम ने 'जब जब दिल उदास होता है,मेरा गुरुवर मेरे साथ होता है' ,ओम प्रकाश सिन्हा ने 'दुनिया की दौलते लेकर क्या करूंगा मैं, तेरा प्यार ही है गुरुदेव सबसे बड़ी दौलत', सुदीप श्रीवास्तव ने जयनारायण भज नारायण, अनंग गुप्ता ने 'आज की यह शाम बाबा के नाम है' भजन प्रस्तुत किया। जिसमें संजय श्रीवास्तव ने इंस्ट्रूमेंट घुंघुरू, अविनाश विश्वकर्मा ने ढोलक, प्रीतम मिश्र ने सितार, संजू ने नाल पर साथ दिया।

    महामारी से मुक्ति की कामना

    आयोजन के दूसरे दिन हृदयपुर, बसगांंव, कर्नाटका, दिल्ली, चुर्क, राबर्ट्सगंज, इलाहाबाद और वाराणसी इत्यादि जगहों से श्रद्धालुओं का जमावड़ा आश्रम में हुआ। इस बाबत आश्रम के अध्यक्ष- लाल बाबू आनन्द और सचिव अनिल कुमार और राजेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि दो दिवसीय गुरु पर्व का समापन भंडारे के साथ हुआ तो लोगों ने गुरु चरणों की वंदना के साथ लोक कल्‍याण की कामना करते हुए नए वर्ष में महामारी से मुक्ति की भी कामना की। आयोजन के दूसरे दिन गरिमा श्रीवास्तव, राजेश श्रीवास्तव, दुर्गा प्रसाद, प्रवीण श्रीवास्तव, प्रांशु, प्रिया, श्रेयांशी, प्रकृति, हिरल और कुमार श्रेय, शुभम, शिवम, राकेश श्रीवास्तव, मनोज, माधवी, मुरलीधर, लालजी, नन्दगोपाल, अकाशजी, हर्ष, हर्षिता और आर्यन, रिद्धि, रुद्र, गौरव श्रीवास्तव इत्यादि मौजूद रहे।