बेनियाबाग स्थित अस्थाई बकरा मंडी में दुंबा की आमद, दाम 51 हजार रुपये Varanasi news
बेनियाबाग स्थित अस्थाई बकरा मंडी में यूं तो बिकने के लिए हजारों बकरे मौजूद थे लेकिन दुंबा और अल्लाह लिखा बकरे ने लोगों को आकर्षित किया।
वाराणसी, जेएनएन। बेनियाबाग स्थित अस्थाई बकरा मंडी में यूं तो बिकने के लिए हजारों बकरे मौजूद थे, लेकिन गुरुवार की दोपहर पहुंचे इकलौते दुंबा ने सभी को आकर्षित किया। हालांकि, यह अभी छोटा था, लेकिन मऊ के व्यापारी ने इसकी कीमत 51 हजार रुपये रखी थी। वहीं मंडी में सबसे महंगा बकरा 85 हजार रुपये में बिका। तोतापरी नस्ल के इस बकरे का वजन करीब 90 किलोग्राम था। बेनियाबाग स्थित अस्थाई बकरा मंडी में इटावा, मैनपुरी, कानपुर, बहराइच, मऊ, गोरखपुर, कन्नौज, फतेहपुर सहित पश्चिमी यूपी के बरबरी (देशी नस्ल) के बकरों की भरमार है।
तोतापरी, अजमेरी, जमुनापारी के साथ ही भेड़ की भी खूब खरीदारी की जा रही। त्योहार नजदीक आते ही खरीदारों की संख्या में इजाफा होने लगा है। अच्छी नस्ल व कद-काठी के बकरों की कीमत 30 से 40 हजार रुपये तो वहीं भेड़ों की कीमत 15 से 35 हजार रुपये लगाई जा रही है। प्रबंध कमेटी के माहताब आलम के अनुसार व्यापारियों को टिन शेड मुहैया कराने के साथ ही पानी व सुरक्षा भी की जा रही है। मैदान के प्रवेश द्वार पर सुरक्षा के लिहाज से वालंटियर्स लगाए गए हैं।
कुर्बानी के लिए पालते हैं बकरे : शहर में बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें बकरे पालने का शौक है। मंडी में दो से तीन माह के अजमेरी व तोतापरी बकरे ढाई से चार हजार में मिल रहे हैं। उन्हें खरीद कर सालभर पालने के बाद कुर्बानी देते हैं।
'अल्लाह' लिखा बकरा तीन लाख का : ईद-उल-अजहा पर कुर्बानी के लिए यूं तो एक से बढ़कर एक बकरे बाजार में हैं, जिनकी कीमत भी 70 से 80 हजार रुपये मिल रही है। मगर पिंडरा स्थित रामपुर गांव निवासी बेलाल बाबा के बकरे में ऐसी खूबी है, जिसकी वजह से उन्होंने उसकी तीन लाख रुपये रखी है। फिलहाल दो लाख रुपये में कई लोग उसे खरीदने को तैयार हैं, लेकिन बेलाल इसकी कीमत बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। दरअसल इस बकरे के दायीं ओर पेट पर अरबी भाषा में 'अल्लाह' और बाई ओर 'मुहम्मद' कुदरती तौर पर लिखा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।