काशी में आभार प्रदर्शन और बाबा के आशीष के लिए अपने आराध्य की देहरी पर पहुंचे लाखों श्रद्धालु, आस्था की भीड़ ने लगाई हाजिरी
काशी में नववर्ष के आगमन से पूर्व ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। बाबा विश्वनाथ मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों और गंगा घाटों पर आस्थावानों का सैल ...और पढ़ें

लाखों भक्त बाबा के दर्शन और गंगा स्नान कर नए साल का स्वागत कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। काशी में बाबा के दर्शन पूजन और आशीष के लिए आस्था का सावन मानो माघ के पूर्व ही नए साल का स्वागत करने के लिए उमड़ पड़ा हो। बाबा दरबार में आस्थावानों की भीड़ अपार है तो दूसरी ओर विभिन्न मंदिरों में आस्थावानों की भीड़ भी खूब उमड़ रही है। नए साल पर होटल, धर्मशाला, पीजी और नाव बजड़े इतने बुक हो चुके हैं कि बजट अब मानो उफान मारने लगा है। दूसरी ओर गंगा में भी ट्रैफिक जाम जैसी नौबत आ रही है।
बुधवार को बाबा दरबार से लेकर गंगधार तक आस्था का उफान एकाकार सा नजर आया। बाबा दरबार में भीड़ उमड़ने के साथ ही आस्थावानों का जमावड़ा भी घाटों से लेकर विभिन्न मंदिरों तक है। मंदिर प्रशासन ने हालांकि तीन जनवरी तक प्रोटोकाल और स्पर्श दर्शन पर रोक लगाया है लेकिन भीड़ का दवाव भी मंदिर पर साफ नजर आ रहा है। किसी प्रकार भारी भीड़ के साथ मंदिर में दर्शन पूजन का क्रम चल रहा है। दूसरी ओर संकट मोचन सहित अन्य मंदिरों में भी आस्थावानों की भीड़ लगी हुई है।
नववर्ष के आगमन के पूर्व ही काशी में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो चुका है। सभी गलियां, घाट, होटल, धर्मशालाएं, पेइंग गेस्ट फुल हो गए हैं। सड़कों पर जाम की स्थिति है तो गंगा में वाटर ट्रैफिक बढ़ गया है। लोग बाबा विश्वनाथ का दर्शन और मां गंगा में पुण्य डुबकी लगा जा रहे वर्ष को विदाई व आगत के स्वागत की कामना लेकर यहां पहुंच रहे हैं। बुधवार को दोपहर तक एक लाख से अधिक लोग बाबा दरबार में दर्शन पूजन कर चुके थे।
काशी की गलियों से लेकर घाटों तक और बाबा की अंगनाई तक श्रद्धालुओं का रेला ही दिख रहा है। प्रचंड शीतलहर के मौसम की परवाह न करते हुए भी श्रद्धालुओं की उमड़ती भीड़ बढ़ती ही जा रही है। हर मंदिर और घाट पर रेला उमड़ा पड़ा है। घाटों की छटा निहारने के लिए गंगा में नौकायन की होड़ से जलमार्ग पर देवदीपावली की तरह ट्रैफिक जाम के हालात हैं। संभावना है कि बुधवार को वर्ष के अंतिम दिन बाबा धाम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या छह लाख से अधिक हो जाए।

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